पटना: पूर्व सांसद पप्पू यादव धनरूआ प्रखंड के बौरही गांव के शहीद अमित सिंह (Shaheed Amit Singh of village Baurhi) के शोकाकुल परिवार से मिलने पहुंचे. पप्पू यादव ने शोकाकुल परिवार वालों से मिलकर हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है. इसके साथ ही केंद्र और राज्य सरकार पर बरसते हुए कहा है कि इन दोनों सरकार की संवेदनाएं मर गई है. अविलंब है शहीद के परिजनों को 5 करोड़ की राशि देने की घोषणा करनी चाहिए. वहीं अभी तक शहीद के परिजनों से सरकार का कोई नुमाइंदा मिलने तक नहीं पहुंचा है.
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राज्य और केंद्र सरकार के संवेदनाएं मर गई हैं : जन अधिकार पार्टी के मुख्य संरक्षक (Chief Patron of Jan Adhikar Party) एवं पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा कि जब कोई गांव में शहीद हो जाता है तो उसे देखने ना तो कोई यहां के स्थानीय प्रशासन आते हैं और ना ही इस सरकार के नुमाइंदे पहुंचते हैं. राज्य और केंद्र सरकार के संवेदनाएं मर गई हैं.
सरकार का कोई नुमाइंदा नहीं पहुंचा : धनरूआ के बौरही गांव का रहने वाला शहीद अमित सिंह की शहादत पर अभी तक सरकार का कोई नुमाइंदा नहीं पहुंचा है इससे बड़ी दुख की बात क्या हो सकती है. इस लोकतंत्र में किसी सैनिक, गरीब किसान, आम आदमी का मूल्यांकन नहीं होता है बल्कि माफिया बड़े अफसरों का मूल्यांकन होता है.
सरकार 5 करोड़ की राशि अविलंब घोषणा करें : सरकार हर चीज में सियासत करती हैं. ऐसे में इन सबों की संवेदनाएं मर गई हैं. इन शहीद परिवारों को सरकार को चाहिए कि 5 करोड़ की राशि अविलंब घोषणा करें. राज्य सरकार से मैं बात करके इन शहीद के परिजनों को सरकारी प्रावधान के अनुसार हर तरह के मदद करने के लिए हम गुजारिश करेंगे. इसके अलावा हम अपने पूरे खर्च पर इनके बच्चों को पढ़ाई का पूरा जिम्मेवारी मैं लेता हूं और शहीद के नाम पर गांव के बाहर तोरण द्वार हम अपने खर्चे से बनाएंगे.
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"धनरूआ के बौरही गांव निवासी अमित कुमार उर्फ भोलू के अरुणाचल बॉर्डर पर शहीद होने के बाद पूरा गांव मर्माहत है. हर कोई नम आंखों से उसको याद कर रहा है, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि अभी तक ना ही कोई सरकार का नुमाइंदा इन शहीद परिवारों से मिलने पहुंचे हैं और ना ही स्थानीय स्तर और जिला प्रशासन के लोग इनके घर पर आए हैं." -पप्पू यादव
पूर्व सांसद, जाप संरक्षक