पटना/वाराणसीः लोक जनशक्ति पार्टी (चिराग गुट) अध्यक्ष और बिहार की जमुई लोकसभा से सांसद चिराग पासवास (MP Chirag Paswan) शुक्रवार को वाराणसी पहुंचे. वह गाजीपुर में वीर अब्दुल हमीद के शहादत दिवस (Veer Abdul Hameed Martyrdom Day) पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए थे. एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में मुख्तार अंसारी को बसपा से निकाले जाने पर उन्होंने कहा कि मायावती को जब जिसकी जरूरत होती है. उसे वो अपने साथ रखती हैं. ये उनकी कार्यशैली रही है. उन्होंने कहा कि, यह उनकी पार्टी का मसला है कि, किसे वह साथ रखती हैं या किसे नहीं रखती हैं.
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वहीं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की वैष्णो देवी यात्रा को लेकर उन्होंने कहा कि चुनाव के आसपास मंदिर दर्शन होते हैं. खैर यह उनकी आस्था का विषय है. जहां उनकी आस्था हो वहां वह जाएं. दिल्ली स्थित अपने आवास पर पिता रामविलास पासवान की मूर्ति लगाए जाने के बाद काफी विरोध का सामना करने वाले चिराग ने कहा कि, वो सिर्फ मेरे पिता नहीं थे. वो मेरे नेता और आदर्श है. उनकी मूर्ति मैंने लगवाई है और इसके कत्तई ये मायने नहीं निकाले जाने चाहिए कि ऐसा मैंने किसी बंगले पर कब्जा करने के लिए किया है. चिराग पासवान ने कहा कि, मैं जिस भी आवास में रहूंगा, उस आवास में वो मूर्ति लगेगी और आने वाले समय में देश के हर एक जिले में उनकी मूर्ती लगेगी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को एक ट्वीट किया था. जिसमें उन्होंने लिखा था कि 'हमने कैसा जीवन जिया, यह अहम होता है'. उस पर पलटवार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया था कि, हमने कैसा जीवन जिया यह अहम नहीं. हमारी वजह से लोगों ने कैसा जीवन जिया, ये महत्वपूर्ण है'. वाराणसी पहुंचे चिराग पासवान ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि, यह ज्यादा जरूरी है कि लोग कितने खुश हैं और उनकी जिंदगी कितनी बेहतर हुई है. लोग संतुष्ट हैं तो आपका कार्यकाल बेहतर रहा है. यदि लोग संतुष्ट नहीं है तो जरूर प्रश्न उठता है.
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चिराग का यह दौरा आने वाले यूपी विधानसभा चुनाव के लिहाज से अहम माना जा रहा है. क्योंकि लोजपा ने यूपी में चुनाव लड़ने की घोषणा की है. इसी उद्देश्य से चुनावी समीकरण को समझने और कार्यकर्ताओं में जोश भरने, साथ ही किसी पार्टी से गठबंधन की उम्मीद से चिराग ने यह दौरा किया है.