पटना: बिहार के राज्यपाल रह चुके मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का निधन मंगलवार की सुबह लखनऊ के मेदांता अस्पताल में इलाज के दौरान हो गया. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे. इसकी जानकारी उनके पुत्र और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री आशुतोष टंडन ने ट्वीट कर दी.
लालजी टंडन साल 2018 में बिहार के राज्यपाल बनाए गए थे. बिहार में उन्होंने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए कई बड़े फैसले लिए, उसके लिए वह लंबे समय तक याद किए जाएंगे. उनके निधन पर बिहार के राज्यपाल फागू चौहान सहित कई मंत्रियों और नेताओं ने शोक व्यक्त किया है.
'शिक्षा माफियाओं पर की थी कार्रवाई'
मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के आकस्मिक निधन से बिहार वासी स्तब्ध हैं. बिहार के राज्यपाल रहते हुए लालजी टंडन ने उच्च शिक्षा में सुधार के लिए कई ठोस कदम उठाए थे. उलके कार्यकाल में शिक्षा माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई की गई थी. इसके अलावा वित्त रहित कॉलेजों में शिक्षा में सुधार को लेकर ठोस कदम उठाए थे. सिलेबस का प्रारूप तैयार करवाया था. बी.एड कॉलेज में दाखिले के लिए एकीकृत प्रवेश परीक्षा शुरू की गई थी.
देश की जनता ने एक बुद्धिजीवी और चिंतक को खो दिया
बीजेपी नेता नवल किशोर यादव ने कहा कि शिक्षा को लेकर लालजी टंडन संजीदा रहते थे और लगातार उच्च शिक्षा को लेकर चिंतित रहते थे. उनके कार्यकाल में शिक्षा में सुधार को लेकर कई ठोस कदम उठाए गए थे. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता उन्हें हमेशा याद रखेगी. वहीं स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि लालजी टंडन बीजेपी के बड़े नेता, संगठनकर्ता और बुद्धिजीवी थे. उनके निधन से पार्टी और देश को बड़ी क्षति हुई है. मंगल पांडे ने कहा कि उन्होंने जनप्रतिनिधि, सरकार के मंत्री और फिर राज्यपाल के रूप में जो काम किया है, उसे हम कभी नहीं भुला पाएंगे.