पटनाः बिहार के माउंटेन मैन दशरथ मांझी के बेटे भागीरथ मांझी और दामाद मिथुन मांझी जदयू में शामिल हो गए. पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने दोनों को सदस्यता दिलाई. इस दौरान बिहार जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि दशरथ मांझी ने अपने बुलन्द हौसले और दृढ़ इच्छाशक्ति के दम पर पूरे बिहार को गौरान्वित किया है.
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सीएम ने दशरथ मांझी को दिया सम्मानः हमारी पार्टी का सौभाग्य है कि उनके परिवार से जुड़े लोग आज हमारे साथ मिलकर समाज और देशहित में कार्य करने के लिए उत्सुक हैं. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि माउण्टेन मैन दशरथ मांझी जी को मीडिया में जितनी जगह मिलनी चाहिये थी, दलित समाज से होने के कारण उन्हें उतनी तवज्जों नहीं दी गई. परन्तु जब आदरणीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें एक बार जनता दरबार के कार्यक्रम में अपनी कुर्सी पर बैठाया तब जाकर देश-दुनिया का ध्यान दशरथ मांझी जी और उनके ऐतिहासिक कारनामों पर गया. मुख्यमंत्री जी ने दशरथ मांझी जी को सही मायनों में उचित सम्मान दिया है.
"JDU का सौभाग्य है कि माउंटेन मैन दशरथ मांझी के परिवार के लोग जुड़ रहे हैं. माउंटेन मैन दशरथ मांझी को मीडिया में उतनी जगह नहीं मिली लेकिन सीएम नीतीश कुमार ने अपनी कुर्सी पर बैठाया तब जाकर देश-दुनिया का ध्यान दशरथ मांझी जी की ओर गया." -उमेश सिंह कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष, जदयू
कर्ज कभी चुकता नहीं होगाः पार्टी की सदस्यता लेने वाले पर्वत पुरुष दशरथ मांझी के दामाद मिथुन मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुशहर व भुईयां समाज को जो सम्मान दिया है, उसका कर्ज कभी चुकता नहीं किया जा सकता है. इससे पहले हम लोग किसी पार्टी के सदस्य नहीं थे, लेकिन जीतन राम मांझी के द्वारा समाज को बेचने का काम किया जा रहा है. इसी से आहत होकर हमलोगों ने पूरे परिवार के साथ जदयू की सदस्यता ग्रहण की. इस कार्यक्रम में पार्टी के सभी दलित नेताओं को बुलाया गया था. उसके अलावा वित्त मंत्री विजय कुमार चैधरी, जल संसाधन मंत्री संजय झा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह, पूर्व मंत्री सन्तोष कुमार निराला भी मौजूद रहे.
"सीएम ने मुशहर व भुईयां समाज को सम्मान देने का काम किए हैं. उनके इस कर्ज को कभी चुकता नहीं किया जा सकता है. जीतन राम मांझी के द्वारा समाज को बेचने का काम किया, जिससे आहत होकर हमलोगों ने पार्टी ज्वाइन की है." - मिथुन मांझी, दशरथ मांझी का दामाद
प्रदेश के लिए सुखद खबरः वरिष्ठ नेता सह सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि "यह दिन हमारे लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि आज एक इतिहास पुरुष की स्मृति को नमन करने का मौका हमें मिल रहा है. चमक धमक की दुनिया में मुख्यमंत्री ने न सिर्फ दशरथ मांझी जी को याद किया बल्कि उनको सम्मान दिलाने के लिए भी कई निर्णायक प्रयास किए. नीतीश कुमार ने बिहार के लिए जो काम किया है वह आज अपने आप में एक नजीर है. नीतीश कुमार के व्यक्तित्व से प्रभावित होकर दशरथ मांझी जी के पुत्र ने आज जदयू की सदस्यता ग्रहण की, पार्टी और प्रदेश के लिए यह एक सुखद खबर है".
पिता की बदौलत मंत्री थे संतोषः नवनियुक्त मंत्री रत्नेश सदा ने कहा कि "महादलितों के असली मसीहा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं. पहले अनुसूचित जाति और जनजाति के लोग नेता नहीं बनते थे, लेकिन मुख्यमंत्री ने पंचायत में आरक्षण देकर दलित/महादलित समाज को लोकतंत्र में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का अवसर दिया. जीतन राम मांझी पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस व्यक्ति को आदरणीय मुख्यमंत्री ने सम्मान दिलाया, उन्हें मुख्यमंत्री पद तक पहुंचाया उसी जीतन राम मांझी ने बार-बार हमारे नेता नीतीश कुमार के पीठ में छुड़ा डालने का काम किया. सन्तोष मांझी का राजनीतिक और सामाजिक जीवन में शून्य भागीदारी रही है. वो अपने पिता की बदौलत मंत्री पद हासिल की."