पटनाः कोरोना की तीसरी लहर (Corona Vaccination) की आशंका और संक्रमण पर काबू करने को लेकर बिहार सरकार युद्ध स्तर पर वैक्सीनेशन कर रही है. ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीका लगाने को लेकर कई बार मेगा वैक्सीनेशन ड्राइव चलाया जा चुका है. बावजूद इसके सूबे के 10 लाख से ज्यादा लोगों ने वैक्सीन लेने से इंकार कर दिया है.
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बिहार में 10 लाख से अधिक लोग कोरोना का टीका नहीं लेंगे. स्वास्थ्य विभाग की ओर से हाल ही में घर-घर कराए गए सर्वे में ऐसे लोगों ने तीन अलग-अलग प्रमुख कारणों से टीका लेने से इनकार किया है. यह सर्वे टीका से वंचित लोगों की पहचान करने के लिए 17 से 19 अक्टूबर के बीच छह करोड़ से अधिक लोगों के बीच किया गया.
राज्य सरकार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने टीकाकरण अभियान के तहत अब तक टीका से वंचित लोगों की पहचान को लेकर यह सर्वेक्षण कराया गया. इसके तहत लोगों से बातचीत कर टीकाकरण को लेकर जानकारियां जुटाई गईं. इसमें राज्य के 10 लाख 06 हजार 860 व्यक्तियों ने कोरोना टीका लेने से इनकार किया. यह कुल सर्वेक्षित व्यक्तियों का 1.6 फीसदी है.
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सरकार ने दिसंबर माह तक 6 करोड़ वैक्सीनेशन का लक्ष्य रखा था, जिसे अक्टूबर माह में ही पूरा कर लिया गया. अब दिसंबर माह तक आठ करोड़ लोगों को वैक्सीन देने का लक्ष्य रखा गया है. बिहार में लाखों लोग ऐसे हैं, जिन्होंने अलग-अलग कारणों का हवाला देते हुए वैक्सीन नहीं लगवाई है.
कोरोना वैक्सीन नहीं लेने वाले व्यवसाई सुनील कुमार से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बाजार में अभी सीमित वैक्सीन उपलब्ध है. फाइजर, मॉडर्ना समेत सिंगल डोज वैक्सीन भी बाजार में उपलब्ध होने चाहिए. हम लोग सिंगल डोज वाले वैक्सीन का इंतजार कर रहे हैं.
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वहीं, कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाने वाले इन आंकड़ों को लेकर डॉ सुनील ने चिंता जाहिर की है. हालांकि, उन्होंने कहा कि बिहार में वैक्सीनेशन की रफ्तार में तेजी आई है. सरकार रिकॉर्ड समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीका लगा रही है. जो लोग वैक्सीन नहीं ले रहे हैं, उनको जागरूक किया जाना चाहिए.
जानकार डॉ संजय कुमार भी मानते हैं कि कुछ लोग जानकारी के अभाव में वैक्सीन लेने से इंकार कर रहे हैं. ऐसे लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. संभव यह भी है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता ठीक होने के चलते वैक्सीन नहीं लेने वाले लोगों पर प्रभाव ना पड़े, लेकिन वह दूसरे को प्रभावित कर सकते हैं. सरकार को भी चाहिए कि वैक्सीन के मामले में लोगों को बहुविकल्प दे, जिससे वे अपनी इच्छा के अनुसार वैक्सीन लगवा सकें.