पटना: बिहार विधानमंडल (Bihar Legislature) का मानसून सत्र (Monsoon Session) आज से शुरू हो गया. 23 मार्च की घटना को लेकर विपक्ष ने हंगामा किया. जहां एक ओर माले विधायकों ने विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. वहीं दूसरी ओर राजद विधायक हेलमेट पहनकर विधानसभा पहुंचे. विधानसभा पोर्टिको में राजद विधायकों ने प्रदर्शन किया.
विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद के सभापति ने सदनों में शोक संदेश पढ़ा. दिवंगत आत्माओं की शांति की बात कही. बिहार विधानसभा में कुल 33 पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गई. सभा की कार्यवाही कल 11 बजे तक स्थगित कर दिया गया है.
बिहार विधान परिषद की कार्यवाही पहले दिन शोक प्रस्ताव के साथ समाप्त हो गई. शोक प्रस्ताव से पहले विभिन्न अध्यादेशों की प्रतियां प्रभारी मंत्री संजय कुमार झा ने सदन के पटल पर रखीं. वहीं वित्तीय वर्ष 2021-22 की प्रथम अनुपूरक व्यय विवरण प्रभारी मंत्री ने सदन के पटल पर रखी. इसके अलावा बिहार पंचायत राज संशोधन अध्यादेश की प्रति भी रखी गई है.
इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने विधानसभा अध्यक्ष को फूलों का गुलदस्ता दिया. बिहार विधान परिषद सभापति कार्यालय में पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने सभापति से मुलाकात की. विधान परिषद के 198वें सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद, राजद नेता रामचंद्र पूर्वे और कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्र समेत तमाम अन्य नेताओं ने सभापति अवधेश नारायण सिंह से मुलाकात की और उन्हें पुष्पगुच्छ भेंट किया.
विधान सभा और विधान परिषद में मौजूद विपक्ष के तमाम सदस्यों ने काला मास्क पहनकर अपना विरोध भी जताया. इस दौरान वर्ष 2021-22 की प्रथम अनुपूरक विवरणी सरकार की ओर से पेश की गई. लोजपा विधायक राम कुमार के जदयू में शामिल होने की सूचना विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को दी.
5 दिनों के मानसून सत्र में कई राजकीय विधेयक (State Bill) पेश होने हैं. सत्र के दौरान राज्यपाल (Governor) की ओर से प्रख्यापित अध्यादेश की प्रमाणित प्रतियों को सदन के पटल पर भी रखा जाएगा. वित्तीय वर्ष 2021-22 के प्रथम अनुपूरक व्यय विवरणी भी सदन में पेश होगा.
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छोटे से सत्र में 4 दिन ही प्रश्नों का उत्तर सदन में होगा. ऐसे में विपक्ष ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रखी है. सत्ता पक्ष भी विपक्ष को जवाब देने के लिए तैयार है. मानसून सत्र को लेकर सुरक्षा के भी व्यापक इंतजाम किए गए हैं.
बिहार विधानसभा के 26 जुलाई से 30 जुलाई तक चलने वाले मानसून सत्र में कोरोना को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है. सभी सदस्यों का टीकाकरण हो इस पर विधानसभा अध्यक्ष का जोर है. साथ ही विधानसभा में प्रवेश करने वाले सभी लोगों के पास टीकाकरण का सर्टिफिकेट हो इसकी भी जांच होगी.
दोनों सदनों में 27 जुलाई से 30 जुलाई तक 4 दिनों में सदस्यों के प्रश्नों का उत्तर भी होगा. सदन की कार्यवाही की शुरुआत प्रश्नकाल से होगी, फिर शून्य काल होगा और अंत में ध्यानाकर्षण होगा. संबंधित विभाग के मंत्री सदस्यों के प्रश्नों का उत्तर देंगे. विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने सदस्यों के प्रश्नों का उत्तर हो इसके लिए इस बार भी विशेष हिदायत सरकार को दी है.
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ऐसे विपक्ष बिहार की कई समस्याओं को सदन के अंदर उठाकर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा और पिछले बजट सत्र में जो घटना हुई उसके लिए सरकार से माफी मांगने की मांग भी करेगा. सीपीआईएम के विधायक सत्येंद्र यादव का कहना है कि ''विपक्ष की ओर से महंगाई, अफसरशाही, बेरोजगारी और किसान के मुद्दे सदन में उठाएगा. इसके साथ ही कोरोना में निधन हुए लोगों को मुआवजा देने का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया जाएगा.''
सत्ता पक्ष की तरफ से भी विपक्ष के हमले का जवाब देने की तैयारी है. पूर्व मंत्री और विधान पार्षद नीरज कुमार का कहना है कि ''सरकार प्रश्नों का उत्तर देने की पूरी तैयारी की है, लेकिन अभी जरूरी है कि विपक्ष के सदस्य शांति पूर्वक सदन को चलने दें और अपनी बात के साथ सरकार की बात को भी सुने.'