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मोहन यादव का मिशन बिहार, बड़ा सवाल क्या लालू को छोड़ने को तैयार हैं यदुवंशी? यहां समझें समीकरण

जातिगत जनगणना की रिपोर्ट में बिहार की सियासी पिच पर नए खिलाड़ियों को खेलने का मौका दे दिया है. भारतीय जनता पार्टी ने बिहार की पिच पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को उतारा है. यदुवंशी वोट बैंक को साधने के लिए भाजपा के तमाम यदुवंशी नेता मोहन यादव की ब्रांडिंग करते देखे गए

मोहन यादव के बिहार दौरे के मायने
मोहन यादव के बिहार दौरे के मायने
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 19, 2024, 6:04 AM IST

मोहन यादव के बिहार दौरे के मायने?

पटना : बिहार पहला राज्य बना था जहां जातिगत जनगणना की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया. जातिगत जनगणना की रिपोर्ट के बाद से राजनीतिक दलों ने जातिगत आधार पर वोट बैंक साधने की कवायद भी शुरू कर दी. बिहार की सियासत में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की एंट्री हुई और तमाम यदुवंशी समाज के लोगों ने मोहन यादव का स्वागत पूरे जोश खरोश के साथ किया.

मोहन यादव के बिहार दौरे के मायने? : दरअसल गुरुवार को पटना के श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में श्री कृष्णा चेतना विचार मंच के द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. लेकिन भाजपा ने कार्यक्रम के पीछे पूरी ताकत झोंक रखी थी. भाजपा के वरिष्ठ नेता नंद किशोर यादव, रामकृपाल यादव, नवल किशोर यादव सरीखे नेता मंच के नीचे बैठे दिखे. बिहार में यदुवंशियों की आबादी 14.28 प्रतिशत है. सबसे अधिक आबादी वाली जाति यादव राजनीतिक दलों के निशाने पर है. यदुवंशी वोट बैंक को साधने के लिए भाजपा ने मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया और अब उन्हें बिहार के यदुवंशियों के बीच उतर गया है.

बीजेपी ने बदला सियासत का गियर : मोहन यादव ने तमाम यदुवंशी नेताओं के साथ बैठक की ओर भविष्य की रणनीतियों पर विमर्श भी किया. मोहन यादव के स्वागत में आठ विधायक दो विधान पार्षद और तीन सांसद लगाए गए थे. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय भी मोहन यादव के पक्ष में आवाज बुलंद करते देखे गए. बीजेपी के तमाम यदुवंशी नेता आज बैक वेंचर की भूमिका में दिखे. दरअसल लंबे समय तक बीजेपी ने भूपेंद्र यादव, नित्यानंद राय, नंदकिशोर यादव पर दाव लगाया था. लेकिन अब भाजपा नए सिरे से वोट बैंक में सेंधमारी को लेकर चिंतित है. मोहन यादव पर पार्टी ने चरणबद्ध तरीके से दाव लगाने का निर्णय किया है.

एमपी सीएम मोहन यादव का वेलकम करते बिहार के यदुवंशी नेता
एमपी सीएम मोहन यादव का वेलकम करते बिहार के यदुवंशी नेता

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि ''भाजपा ने मोहन यादव को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया है. मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाने का फायदा बिहार में भी पार्टी को मिलने जा रहा है. लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव ने यदुवंशियों को ठगने का काम किया और उनके विकास की चिंता नहीं की. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा यदुवंशियों को लेकर संवेदनशील है और उन्हें वाजिब हक भी दिया जा रहा है.''

भाजपा विधायक पवन यादव ने कहा कि ''मोहन यादव जी के आने से बिहार में भाजपा मजबूत होगी और आने वाले दिनों में वह बिहार का दौरा करेंगी. लोकसभा चुनाव के दौरान भी उनकी सक्रियता देखने को मिलेगी.'' पूर्व विधायक सतीश यादव ने दावा किया कि ''राष्ट्रीय जनता दल के वोट बैंक में भाजपा सेंध मारी कर चुकी है. 18 से 20% यदुवंशी भाजपा के लिए वोट करते हैं. मोहन यादव की सक्रियता के बाद आंकड़ा और बढ़ने जा रहा है.''

पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि ''मोहन यादव के चेहरे को आगे करने के मसले पर कहा कि कोई भी मुख्यमंत्री या नेता किसी राज्य में जा सकता है. इसमें किसी को बेचैनी नहीं होनी चाहिए. बिहार के नेता भी दूसरे राज्य में जाते हैं मोहन यादव की एंट्री से बिहार में भाजपा को फायदा मिलने वाला है.''

वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि ''भाजपा ने बिहार में एक प्रयोग किया है. मोहन यादव के जरिए यदुवंशी वोट बैंक को साधने की कवायद शुरू की गई है. लंबे अरसे तक भूपेंद्र यादव नित्यानंद राय नंदकिशोर यादव सरीखे नेताओं को आगे किया गया. लेकिन पार्टी को कोई फायदा नहीं हुआ. पार्टी ने मोहन यादव की पार्टी को आगे किया है. देखना होगा कि पार्टी को कितना फायदा होता है और कितना प्रतिशत वोट बैंक भाजपा अपने पक्ष में कर पाती है?''

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मोहन यादव के बिहार दौरे के मायने?

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मोहन यादव के बिहार दौरे के मायने? : दरअसल गुरुवार को पटना के श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में श्री कृष्णा चेतना विचार मंच के द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. लेकिन भाजपा ने कार्यक्रम के पीछे पूरी ताकत झोंक रखी थी. भाजपा के वरिष्ठ नेता नंद किशोर यादव, रामकृपाल यादव, नवल किशोर यादव सरीखे नेता मंच के नीचे बैठे दिखे. बिहार में यदुवंशियों की आबादी 14.28 प्रतिशत है. सबसे अधिक आबादी वाली जाति यादव राजनीतिक दलों के निशाने पर है. यदुवंशी वोट बैंक को साधने के लिए भाजपा ने मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया और अब उन्हें बिहार के यदुवंशियों के बीच उतर गया है.

बीजेपी ने बदला सियासत का गियर : मोहन यादव ने तमाम यदुवंशी नेताओं के साथ बैठक की ओर भविष्य की रणनीतियों पर विमर्श भी किया. मोहन यादव के स्वागत में आठ विधायक दो विधान पार्षद और तीन सांसद लगाए गए थे. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय भी मोहन यादव के पक्ष में आवाज बुलंद करते देखे गए. बीजेपी के तमाम यदुवंशी नेता आज बैक वेंचर की भूमिका में दिखे. दरअसल लंबे समय तक बीजेपी ने भूपेंद्र यादव, नित्यानंद राय, नंदकिशोर यादव पर दाव लगाया था. लेकिन अब भाजपा नए सिरे से वोट बैंक में सेंधमारी को लेकर चिंतित है. मोहन यादव पर पार्टी ने चरणबद्ध तरीके से दाव लगाने का निर्णय किया है.

एमपी सीएम मोहन यादव का वेलकम करते बिहार के यदुवंशी नेता
एमपी सीएम मोहन यादव का वेलकम करते बिहार के यदुवंशी नेता

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि ''भाजपा ने मोहन यादव को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया है. मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाने का फायदा बिहार में भी पार्टी को मिलने जा रहा है. लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव ने यदुवंशियों को ठगने का काम किया और उनके विकास की चिंता नहीं की. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा यदुवंशियों को लेकर संवेदनशील है और उन्हें वाजिब हक भी दिया जा रहा है.''

भाजपा विधायक पवन यादव ने कहा कि ''मोहन यादव जी के आने से बिहार में भाजपा मजबूत होगी और आने वाले दिनों में वह बिहार का दौरा करेंगी. लोकसभा चुनाव के दौरान भी उनकी सक्रियता देखने को मिलेगी.'' पूर्व विधायक सतीश यादव ने दावा किया कि ''राष्ट्रीय जनता दल के वोट बैंक में भाजपा सेंध मारी कर चुकी है. 18 से 20% यदुवंशी भाजपा के लिए वोट करते हैं. मोहन यादव की सक्रियता के बाद आंकड़ा और बढ़ने जा रहा है.''

पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि ''मोहन यादव के चेहरे को आगे करने के मसले पर कहा कि कोई भी मुख्यमंत्री या नेता किसी राज्य में जा सकता है. इसमें किसी को बेचैनी नहीं होनी चाहिए. बिहार के नेता भी दूसरे राज्य में जाते हैं मोहन यादव की एंट्री से बिहार में भाजपा को फायदा मिलने वाला है.''

वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि ''भाजपा ने बिहार में एक प्रयोग किया है. मोहन यादव के जरिए यदुवंशी वोट बैंक को साधने की कवायद शुरू की गई है. लंबे अरसे तक भूपेंद्र यादव नित्यानंद राय नंदकिशोर यादव सरीखे नेताओं को आगे किया गया. लेकिन पार्टी को कोई फायदा नहीं हुआ. पार्टी ने मोहन यादव की पार्टी को आगे किया है. देखना होगा कि पार्टी को कितना फायदा होता है और कितना प्रतिशत वोट बैंक भाजपा अपने पक्ष में कर पाती है?''

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