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मनरेगा बजट में कटौती पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का सदन में जवाब- 'जितनी डिमांड होगी भारत सरकार पूरी करेगी' - etv news

मनरेगा बजट में कटौती के सवाल पर सदन में जवाब देते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह (Union Minister Giriraj Singh ) ने कहा कि उनकी सरकार में कोई धन की कटौती नहीं की गई है. उनकी सरकार मांग आधारित योजना को डिमांड के आधार पर पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है.

केंद्रीय मंत्री गिराराज सिंह
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Published : Feb 8, 2022, 5:41 PM IST

Updated : Feb 8, 2022, 7:00 PM IST

पटना/नई दिल्ली : केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने मनरेगा बजट में कटौती (MNREGA budget cut issue) के सवाल पर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि मनरेगा एक मांग आधारित योजना है. इसमें राज्यों का आवंटन निश्चित नहीं किया जाता. इस योजना के लिए जितनी भी डिमांड होगी भारत सरकार उसे पूरा करेगी. बता दें कि तमिलनाडु से वीसीके चिदंबरम सांसद तिरुमा वलावन थोल ने पूछा था कि केंद्र सरकार मनरेगा बजट में कटौती क्यों कर रही है?

ये भी पढ़ें- गिरिराज का दावा- मनरेगा में फंड की कोई कमी नहीं, लेकिन वित्तीय अनुशासन का पालन करें राज्य

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मनरेगा बजट 2014 के पहले और 2014 के बाद को आधार बनाकर सदन के सामने अपना जवाब रखा. इस आरोप का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि 2013-14 में मनरेगा का बजट 33 हजार करोड़ रुपए का था. उस समय 1660 करोड़ श्रम दिवस हुआ था. लेकिन हमारी सरकार में 2098 करोड़ श्रम दिवस हुए. 2 लाख 13 हजार 320 करोड़ का बजट UPA सरकार के दौरान (2014 के पहले) जारी किए गए. लेकिन मोदी सरकार में 4 लाख 99 हजार 9 सौ 21 करोड़ का मनरेगा बजट किया गया है. मनरेगा के तहत किए गए कामों की तुलना करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि 2014 के पहले 153 लाख काम पूरा किया गया. जबकि उनकी सरकार में 529 लाख कार्य को पूरा किया है.

'महात्मा गांधी नरेगा योजना एक मांग आधारित योजना है. इस बात को पूरा सदन जानता है. राज्यों का आवंटन निश्चित नहीं किया जाता है. साल 2020-21 में बजट को रिवाइज कर 61 हजार 500 करोड़ से बढ़ाकर 1 लाख 11 हजार 500 करोड़ हुआ. उसी तरह वित्त वर्ष 2021-22 में 73 हजार करोड़ बजट आवंटित था. लेकिन डिमांड के अनुसार रिवाइज स्टीमेट के अनुसार मौजूदा समय तक 98 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए जा चुके हैं. आगे भी डिमांड जितना होगा भारत सरकार उसे पूरा करेगी. इसलिए ये बजट में कटौती नहीं है'- गिरिराज सिंह, केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री

गौरतलब है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम मनरेगा देश में ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार व आजीविका प्रदान करती है. इसका उद्देश्य वित्तीय वर्ष में 100 दिन रोजगार प्रदान करना है. यह दुनिया की एकमात्र ऐसी योजना है जो रोजगार की गारंटी देती है. नौकरी नहीं मिलने की स्थिती में लाभार्थी बेरोजगारी भत्ते का दावा कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- मनरेगा मजदूरों का रोजगार के लिए प्रदर्शन, कहा- 'कई महीनों से काम बंद, खाने को हैं मोहताज'

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पटना/नई दिल्ली : केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने मनरेगा बजट में कटौती (MNREGA budget cut issue) के सवाल पर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि मनरेगा एक मांग आधारित योजना है. इसमें राज्यों का आवंटन निश्चित नहीं किया जाता. इस योजना के लिए जितनी भी डिमांड होगी भारत सरकार उसे पूरा करेगी. बता दें कि तमिलनाडु से वीसीके चिदंबरम सांसद तिरुमा वलावन थोल ने पूछा था कि केंद्र सरकार मनरेगा बजट में कटौती क्यों कर रही है?

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केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मनरेगा बजट 2014 के पहले और 2014 के बाद को आधार बनाकर सदन के सामने अपना जवाब रखा. इस आरोप का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि 2013-14 में मनरेगा का बजट 33 हजार करोड़ रुपए का था. उस समय 1660 करोड़ श्रम दिवस हुआ था. लेकिन हमारी सरकार में 2098 करोड़ श्रम दिवस हुए. 2 लाख 13 हजार 320 करोड़ का बजट UPA सरकार के दौरान (2014 के पहले) जारी किए गए. लेकिन मोदी सरकार में 4 लाख 99 हजार 9 सौ 21 करोड़ का मनरेगा बजट किया गया है. मनरेगा के तहत किए गए कामों की तुलना करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि 2014 के पहले 153 लाख काम पूरा किया गया. जबकि उनकी सरकार में 529 लाख कार्य को पूरा किया है.

'महात्मा गांधी नरेगा योजना एक मांग आधारित योजना है. इस बात को पूरा सदन जानता है. राज्यों का आवंटन निश्चित नहीं किया जाता है. साल 2020-21 में बजट को रिवाइज कर 61 हजार 500 करोड़ से बढ़ाकर 1 लाख 11 हजार 500 करोड़ हुआ. उसी तरह वित्त वर्ष 2021-22 में 73 हजार करोड़ बजट आवंटित था. लेकिन डिमांड के अनुसार रिवाइज स्टीमेट के अनुसार मौजूदा समय तक 98 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए जा चुके हैं. आगे भी डिमांड जितना होगा भारत सरकार उसे पूरा करेगी. इसलिए ये बजट में कटौती नहीं है'- गिरिराज सिंह, केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री

गौरतलब है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम मनरेगा देश में ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार व आजीविका प्रदान करती है. इसका उद्देश्य वित्तीय वर्ष में 100 दिन रोजगार प्रदान करना है. यह दुनिया की एकमात्र ऐसी योजना है जो रोजगार की गारंटी देती है. नौकरी नहीं मिलने की स्थिती में लाभार्थी बेरोजगारी भत्ते का दावा कर सकते हैं.

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Last Updated : Feb 8, 2022, 7:00 PM IST
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