पटना: बजट सत्र के दौरान बिहार विधानसभा में विपक्ष के विधायकों के साथ पुलिस द्वारा की गई मारपीट की घटना पर खूब सियासत हो रही है. मानसून सत्र के पहले दिन से विपक्ष सदन में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग पर अड़ा था. मांग पूरी नहीं होने पर विपक्ष ने पूरे सत्र के दौरान विधानसभा का बहिष्कार करने का फैसला किया था.
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मानसून सत्र के तीसरे दिन आखिरकार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को कार्यमंत्रणा समिति की बैठक बुलाकर चर्चा कराने पर फैसला लेना पड़ा. विधेयक के पास होने के बाद लंबी चर्चा चली. शुरुआत नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने किया. सभी दलों के नेताओं ने चर्चा में भाग लिया. विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से माहौल हल्का करने की कोशिश भी बार-बार होती रही. वहीं, कई बार उन्होंने सदस्यों को चेताया भी. बाद में सदस्यों ने इसे लोकतंत्र के लिए अच्छी पहल बताया.
तेजस्वी यादव ने 23 मार्च को विधानसभा में विधायकों की पिटाई के मामले में सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने पदाधिकारियों पर कार्रवाई नहीं किए जाने को लेकर नाराजगी जताई और सरकार पर आरोप भी लगाया. सत्तापक्ष की ओर से यह कहने पर कि विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में सबकुछ है और उनकी अनुमति के बिना कुछ भी नहीं हो सकता. नेता प्रतिपक्ष ने कहा, 'यह तय है कि सारी जिम्मेवारी आसन पर ही डाली जाएगी, लेकिन पूरी घटना को अंजाम कोई और दे रहा था.' तेजस्वी यादव का निशाना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की ओर था.
तेजस्वी यादव के इस बयान का आरजेडी के विधायक प्रोफेसर चंद्रशेखर ने भी समर्थन किया. वहीं, एआईएमआईएम के विधायक अख्तरुल इमाम ने विधानसभा में हुई चर्चा को पक्ष और विपक्ष की जगह लोकतंत्र के लिए एक अच्छी पहल बताया. उन्होंने कहा कि सार्थक चर्चा हुई है. विधानसभा अध्यक्ष ने चर्चा के दौरान कहा कि जो घटना घट गई अब उस तरह की घटना दोबारा नहीं हो इसके लिए सबको कोशिश करनी चाहिए.
तेजस्वी यादव ने कहा कि यदि कार्रवाई विपक्ष के सदस्यों पर होती है तो मुझ पर कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन दोषी अधिकारियों को बख्शा नहीं जाए. पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव के यह कहने पर कि यदि सत्तापक्ष के लोग संयमित नहीं रहते तो विपक्ष के लोग हत्या तक कर सकते थे. इस पर आरजेडी के वरिष्ठ नेता अवध बिहारी सिंह ने कहा विधायक चाहे पक्ष में हो चाहे विपक्ष में भाई भाई हैं. एक दूसरे की कोई हत्या नहीं कर सकता है.
संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष जो भी कार्रवाई करेंगे सरकार उनके फैसले को स्वीकार करेगी. चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में नहीं थे. इसको लेकर भी आरजेडी की तरफ से नाराजगी जताई गई.
बता दें कि 23 मार्च को बजट सत्र के दौरान विधानसभा में पुलिस ने विपक्षी दलों के विधायकों के साथ धक्का-मुक्की और मारपीट की थी. इस दौरान कई विधायक घायल हुए थे. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था. विपक्षी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष का घेराव किया था. हंगामा इस कदर हुआ था कि विधानसभा में पुलिस बुलानी पड़ी थी. पुलिस ने बल प्रयोग कर विधायकों को विधानसभा से बाहर निकाला था.
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