पटना: किसान संगठनों ने तीनों कृषि कानूनों (Agriculture Law) के विरोध में सोमवार को भारत बंद (Baharat Bandh) बुलाया था. जिसे प्रदेश की सभी विपक्षी पार्टियों ने अपना समर्थन दिया. वामदल इस भारत बंद को लेकर काफी सक्रिय नजर आया. कई विधायक भी सड़कों पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते दिखे. पटना के डाकबंगला चौराहे पर प्रदर्शन करते हुए पालीगंज से भाकपा माले विधायक संदीप सौरव (CPI-ML MLA Sandeep Saurav) ने कहा कि किसान अब झुकने वाले नहीं हैं, केंद्र सरकार को ही किसानों के आगे झुकना होगा.
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संदीप सौरभ ने कहा कि पूरे देश के किसान तीनों कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 10 महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं और सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की वफादारी आज के समय आम जनता के साथ नहीं है, उनकी वफादारी चंद पूंजीपतियों तक सीमित हो गई है. विधायक ने कहा कि सरकार किसानों और मजदूरों के वोट से चुनकर आई है, लेकिन सरकार का उनके प्रति कोई जवाबदेही नहीं है. सरकार सिर्फ कॉरपोरेट के पक्ष में और खासकर अंबानी और अडानी के पक्ष में नीतियां बना रही है. उन्होंने कहा कि कृषि कानून को लॉक डाउन के समय में गलत तरीके से देश पर थोप दिया गया. ऐसे में आज इस भारत बंद के कार्यक्रम में शामिल होकर वह किसानों की मांग को अपना समर्थन दे रहे हैं और उनकी आवाज को बुलंद कर रहे हैं.
विधायक संदीप सौरभ ने कहा कि हर संघर्ष का कुछ ना कुछ असर होता है. यह जो किसानों का पिछले 10 महीने से आंदोलन चल रहा है उसमें हर दिन, हर घंटे हर मिनट का महत्व है, इसी का असर है कि आज यह आंदोलन पिछले 10 महीने से लगातार जारी है और किसान दिल्ली बॉर्डर पर अपनी मांगों को लेकर धरने पर बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि वह किसानों के मुद्दे को लेकर संघर्ष करते रहेंगे, क्योंकि अगर किसानी किसानों से छीन कर कुछ कॉरर्पोरेट को सौंप दिया जाए तो देश में कुछ बचेगा ही नहीं. सरकार पहले से ही सभी सरकारी एजेंसियों, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन काफी हद तक बेच चुकी है.
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वहीं, पटना के डाकबंगला चौराहे पर भारत बंद में शामिल कांग्रेस के प्रवक्ता अताउर रहमान ने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों की बातें सुननी ही होगी, नहीं तो किसान इस सरकार को सत्ता से बाहर निकाल देंगे. उन्होंने कहा कि ऐसा देश में अब तक नहीं हुआ था. एक तरफ किसान रो रहा है, लेकिन दूसरी तरफ केंद्र सरकार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. सरकार को किसानों की बातें सुननी चाहिए.
अताउर रहमान ने कहा कि किसानों का वोट लेकर सरकार में आते हैं, किसानों की बदौलत ही चुनाव जीते हैं और आज उन्हीं किसानों के पेट के ऊपर लात मारने का काम केंद्र सरकार कर रही है. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि किसान और कृषि देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और 80 फीसदी गांव में रहने वाली आबादी मुख्य रूप से कृषि से जुड़ी हुई है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों की बातें सुननी चाहिए और तीनों कृषि कानून रद्द करना चाहिए ताकि किसानों का भला हो.