पटना: बिहार में 5 साल के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने जनता दरबार (Janta Darbar) शुरू किया है. इसके साथ ही बीजेपी (BJP) मंत्रियों ने भी सहयोग कार्यक्रम शुरू किया है. जानकारी के अनुसार अब जदयू (JDU) कोटे के मंत्री भी पार्टी कार्यालय में बैठेंगे, उसकी तैयारी हो रही है. हालांकि, अभी रोस्टर तैयार नहीं हुआ है, लेकिन सीएम नीतीश ने सहमति दे दी है.
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जानकारी के अनुसार किस दिन कौन मंत्री जदयू कार्यालय में कार्यकर्ताओं की शिकायत सुनेंगे उसका रोस्टर तैयार कर लिया जाएगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार सत्ता संभालने के बाद कई सालों तक जनता दरबार चलाते रहे हैं. 2016 में लोक शिकायत अधिकार कानून बनने के बाद जनता दरबार मुख्यमंत्री ने बंद कर दिया था, लेकिन 5 साल बाद अब फिर से जनता दरबार लगा रहे हैं.
मुख्यमंत्री के जनता दरबार बंद करने के बाद जदयू मंत्रियों ने भी पार्टी कार्यालय में जनता दरबार लगाना बंद कर दिया था, लेकिन अब मुख्यमंत्री के जनता दरबार शुरू करने के बाद जदयू के मंत्री भी जल्द ही पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं और लोगों की शिकायत सुनेंगे. पार्टी सूत्रों के अनुसार इसके लिए तैयारी शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इसके लिए सहमति दे दी है. पार्टी का प्रदेश नेतृत्व जल्द ही मंत्रियों के बैठने का रोस्टर भी तैयार करेगा.
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''जनता से संवाद ही हमारी मुख्य पूंजी रही है और इसी के आधार पर कई बड़े फैसले हुए हैं, नीतियां भी बनाई गई हैं. हालांकि, जनता दरबार का फैसला प्रदेश नेतृत्व को करना है.''- नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, जदयू
जदयू के मंत्री लंबे अंतराल के बाद फिर से पार्टी के कार्यकर्ताओं और आम लोगों की भी शिकायतें सुनेंगे और उसका समाधान करने की कोशिश करेंगे. पार्टी सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है, उसके अनुसार एक सप्ताह के अंदर कौन से मंत्री किस दिन बैठेंगे उसका रोस्टर जारी हो जाएगा. जदयू कोटे से 12 मंत्री बनाए गए हैं और 12 मंत्रियों के लिए रोस्टर तैयार होगा.