पटनाः बिहार में कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave Of Corona In Bihar) तेजी से बढ़ रही है. इसे लेकर प्रदेश के छात्र-छात्राओं को एक बार फिर महत्वपूर्ण परीक्षाओं पर ग्रहण लगने का डर सताने लगा है. लेकिन शिक्षा विभाग ने गुरुवार को बिहार में मैट्रिक और इंटर की परीक्षा के साथ-साथ प्राथमिक शिक्षक बहाली काउंसलिंग को लेकर भी स्थिति स्पष्ट कर दी है. शिक्षा मंत्री विजय चौधरी (Minister Vijay Choudhary On Matric Inter Exam In Bihar) ने साफ तौर पर कहा कि कोरोना संक्रमण अगर और नहीं बढ़ा तो परीक्षाएं समय पर ली जाएंगी, इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.
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दरअसल बिहार में इंटरमीडिएट की परीक्षा 1 फरवरी से, जबकि मैट्रिक की परीक्षा फरवरी के दूसरे पखवाड़े में होने वाली है. वहीं कोरोना संक्रमण की तेज रफ्तार को देखते हुए यह सवाल लगातार उठ रहा है कि क्या मैट्रिक और इंटर की परीक्षा का आयोजन समय पर हो पाएगा. इसे लेकर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि अगर संक्रमण और नहीं बढ़ा तो हम तय शेड्यूल के मुताबिक मैट्रिक और इंटर की परीक्षा का आयोजन करेंगे, क्योंकि इससे लाखों विद्यार्थियों का भविष्य जुड़ा है.
वहीं, प्राथमिक शिक्षक नियोजन के तहत 17 जनवरी से होने वाली काउंसलिंग को लेकर भी शिक्षा मंत्री ने कुछ ऐसा ही बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि संक्रमण को देखते हुए ही सभी निर्णय लिए जाएंगे. अगर संक्रमण की दर वर्तमान दर से ज्यादा नहीं हुई तो काउंसलिंग समय पर होगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी जिलों को निर्देश जारी किया जा रहा है और तय शेड्यूल के मुताबिक काउंसलिंग कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है.
इन सब के बीच ईटीवी भारत को मिली जानकारी के मुताबिक 17 जनवरी से 28 जनवरी के बीच होने वाली काउंसलिंग को लेकर कई जिलों ने हाथ खड़े कर दिए हैं और कहा है कि कई अधिकारी और कर्मचारी संक्रमित हैं. इसलिए वर्तमान शेड्यूल पर काउंसलिंग कराना संभव नहीं है. ऐसे में शिक्षा विभाग पशोपेश में है.
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बता दें बिहार में कोविड-19 संक्रमण बेहद तेज गति से बढ़ रहा है. प्रदेश में कोरोना संक्रमण आए दिन पुराने रिकॉर्ड तोड़ रहा है. रोज मिलने वाले आंकड़े डरा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक पिछले 24 घंटे में प्रदेश में कोरोना के 6393 नए मामले मिले हैं. इन मामलों के साथ ही बिहार में कुल सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 31,374 हो गई है. वहीं बुधवार को राजधानी पटना में कोरोना संक्रमण के 2272 मामले सामने आए थे, जिसमें नए मामलों की संख्या 2182 थी और बाकी 90 मामले फॉलोअप के थे.
इनमें पटना जिले के 1912 मामले थे और 217 मामले अन्य जिलों के थे, जिनका सैंपल पटना में जांचा गया था. अगर यही हाल रहा तो फिर बिहार में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप कड़े प्रतिबंध लागू कर सकता है. सीएमजी के निर्णय के मुताबिक बिहार में ना सिर्फ मैट्रिक इंटर परीक्षा बल्कि काउंसलिंग पर भी असर पड़ सकता है.
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