पटनाः बिहार में सियासी आक्षेपों का दौरा हमेशा जारी रहता है. कभी किसी मुद्दे को लेकर विपक्ष सरकार को घेरती है, तो कभी सत्ताधारी दल के नेता विपक्ष पर निशाना साधते नजर आ जाते हैं. मामल विकास योजनाओं का हो या फिर किसी सामाजिक मुद्दे का उस पर सियासी तड़का लगाना जरूरी हो जाता है. अब बिहार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी (Minister Vijay Chaudhary) ने बीजेपी नेताओं पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि भाजपा नेतागण बिहार सरकार की बात नहीं समझती है, तो कोई बात नहीं, कम-से-कम केन्द्र सरकार के सर्वेक्षणों और उसके निष्कर्षों पर तो यकीन करना चाहिए.
ये भी पढ़ेंः Bihar Politics: आंकड़ों के जरिए विजय चौधरी ने बताया किस तरह बिहार कर रहा विकास, बोले- केंद्र का नहीं मिल रहा सहयोग
विजय चौधरी ने बीजेपी नेताओं पर साधा निशानाः विजय चौधरी ने कहा कि बीजेपी के नेताओं को केंद्र सरकार के सर्वेक्षणों का सम्मान करना चाहिए. अभी तुरंत, इसी वर्ष के प्रारंभ में भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के तहत पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा देश भर के सभी जिलों के ग्रामीण इलाके में शुद्ध पेयजल की उपलब्धता के संबंध में सर्वेक्षण कराया गया. इसमें ग्रामीणों के लिए शुद्ध पेयजल की उपलब्धता और उसकी निरंतरता का मानक रखा गया था. इस सर्वेक्षण का परिणाम बिहार के लिए उपलब्धि वाला है.
"भाजपा नेतागण बिहार सरकार की बात नहीं समझती है, तो कोई बात नहीं, कम-से-कम केन्द्र सरकार के सर्वेक्षणों और उसके निष्कर्षों पर तो यकीन करना चाहिए. केंद्र सरकार के सर्वेक्षणों का सम्मान करना चाहिए. अभी तुरंत, इसी वर्ष के प्रारंभ में भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के तहत पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा देश भर के सभी जिलों के ग्रामीण इलाके में शुद्ध पेयजल की उपलब्धता के संबंध में सर्वेक्षण कराया गया. रैंकिंग में सबसे ऊपर के चार जिले जैसे समस्तीपुर, शेखपुरा, सुपौल और बांका बिहार के ही हैं" - विजय चौधरी, वित्त मंत्री, बिहार
शुद्ध पेयजल उपलब्धता के सर्वेक्षण में बिहार के जिले टाॅप पर: बिहार के वित्त मंत्री ने कहा कि रैंकिंग में सबसे ऊपर के चार जिले जैसे समस्तीपुर, शेखपुरा, सुपौल और बांका बिहार के ही हैं. उन्होंने कहा कि यह बिहार सरकार की कार्यशैली और खासकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय के तहत हर घर नल का जल योजना के प्रभावी क्रियान्वयन का ही नतीजा है. पता नहीं क्यों, इतनी बड़ी-बड़ी उपलब्धियों से भी इनका बिहारीपन नहीं जगता और बार-बार बिहार को अकारण नीचा दिखाने में ही इन्हें आनन्द आता है.