पटना : बिहार की राजधानी पटना स्थित गांधी मैदान में पुस्तक मेला लगा हुआ है. मंगलवार को यहां बिहार सरकर में मंत्री तेज प्रताप यादव भी पहुंचे थे. उन्होंने पुस्तक मेले के भीतर लगे विभिन्न प्रकाशनों के स्टॉल प्रभात प्रकाशन, राजकमल प्रकाशन, वाणी प्रकाशन, राजपाल प्रकाशन, ओशो, गौतम बुद्ध सेंटर, समेत कई प्रकाशन के स्टॉलों का भ्रमण किया. साथ ही कई पुस्तक भी खरीद कर ले गए.
तेजप्रताप ने खरीदी कई पुस्तकें : पुस्तक मेला के भ्रमण के दौरान तेज प्रताप ने प्रभात प्रकाशन के स्टॉल से बंधु बिहारी, बिहार के पर्व त्यौहार और खानपान, युगपुरुष जय प्रकाश नारायण, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, जयप्रकाश तुम लौट आओ सहित कई किताबें खरीदी. प्रभात प्रकाशन के स्टॉल पर मौजूद मैनेजर अमित शर्मा ने बताया कि मंत्री तेज प्रताप यादव ने भगत सिंह, शहीद ए वतन राजगुरु, पर्यावरण और बौद्ध धर्म, लालू और नीतीश की राजनीति पर लिखित पुस्तक बंधु बिहारी, जयप्रकाश नारायण की जीवनी से जुड़ी कई पुस्तकों को खरीदा.
"मंत्री का मेले में आना और इतनी सारी संख्या में पुस्तकों का खरीदना काफी पसंद आया. पुस्तक मेले में पाठकों की संख्या कम हो रही है और यह चिंता की बात है. इस बार पुस्तक मेले में हमारे स्टॉल से रतन टाटा और स्टीव जॉब्स की बायोग्राफी सबसे अधिक बिक रही है. इसके अलावा हिंदू धर्म पर लिखित उपन्यास अधिक बिक रहे हैं."- अमित शर्मा, मैनेजर, प्रभात प्रकाशन
पुस्तक मेला में लेखक अंशुमान से की मुलाकात : वहीं बिहार के 'किराए की गर्लफ्रेंड' उपन्यास से चर्चित लेखक अंशुमान ने बताया कि तेज प्रताप यादव ने उनसे भी मुलाकात की और दोनों ने 2012 के पटना कॉलेज छात्र संघ के दिनों का जिक्र किया और उन दिनों की बातें की. 2012 में 28 वर्षों के बाद पटना विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव हुआ था. अध्यक्ष पद के लिए तेज प्रताप यादव ने सभी तैयारी की थी और वह उपाध्यक्ष पद के दावेदार थे. लेकिन कुछ कारणों से तेज प्रताप यादव का नामांकन नहीं हो पाया. उस बार उपाध्यक्ष पद पर उन्होंने जीत हासिल की थी.
"तेज प्रताप यादव ने बताया कि छात्र संघ दिनों की राजनीति कुछ अलग ही थी और उन दिनों का आनंद ही अलग था. साल 2012 छात्र संघ चुनाव के बाद पहली बार तेज प्रताप यादव से मुलाकात की. लेकिन आत्मीयता वही रही और यह देखकर अच्छा लगा. तेज प्रताप यादव ने मेरी पुस्तकों और पुस्तक लेखन की प्रक्रिया की सराहना की ओर उन्होंने देवेश प्रताप यादव को अपनी पुस्तकों की प्रति को सप्रेम भेंट किया. अब तक चार पुस्तक लिखी हैं और चारों पुस्तकों को तेज प्रताप यादव ने लिया और कहा कि वह इसे जरूर पढ़ेंगे."- अंशुमान, लेखक
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