पटना: बिहार राज्य खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड निरंतर लघु व कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने में प्रयासरत है. इसी क्रम में पटना के खादी मॉल में आए दिन नए-नए उत्पाद की बिक्री व उनके प्रचार प्रसार के लिए अनोखे प्रयोग किए जा रहे हैं. इस बार शादी सीजन को मद्देनजर रखते हुए उपभोक्ताओं के लिए खादी मॉल पटना में लाह की चूड़ियों का लाइव डेमोंसट्रेशन, प्रशिक्षण व बिक्री का आयोजन किया जा रहा है. यह प्रशिक्षण नि:शुल्क है. यह प्रशिक्षण उन लोगों के लिए है जो चूड़ी बनाने में दिलचस्पी रखते है या फिर इस कला के माध्यम से भविष्य में रोज़गार सृजन करना चाहते हैं.
चूड़ियों का लाइव डेमो दिया जा रहा: मिली जानकारी के अनुसार, पटना के खादी मॉल में आयोजित इस कार्यक्रम में न सिर्फ़ चूड़ियों का लाइव डेमो दिया जा रहा है, बल्कि महिलाएं अपनी आंखों के सामने अपनी पसंद के अनुसार चूड़ियां बनवा और खरीद रही हैं. महिलाओं के साथ-साथ बड़े-बुजुर्ग भी खादी मॉल में लाह की चूड़ियों को देखने में अपनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं.
किसी मॉल में यह प्रदर्शनी नहीं देखी: वहीं, शनिवार को खादी मॉल में खरीदारी करने आए पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव लाह की चूड़ियां और लहठी के निर्माण प्रक्रिया को देख कर कायल हो गए. उन्होंने कहा कि बिहार के किसी मॉल में मैंने इस तरह की प्रदर्शनी नहीं देखी.
"खादी मॉल द्वारा इस आयोजन की मैं प्रशंसा करता हूं. बिहार के कलाकारों को ऐसा प्लेटफार्म देना एक अच्छी पहल है. इस पहल से कलाकारों को मोटिवेशन मिलेगा और साथ ही रोजगार भी मिलेगा." - तेजप्रताप यादव, मंत्री, वन एवं पर्यावरण विभाग, बिहार.
प्रशिक्षक के रूप में प्रतिभा मिश्रा को रखा गया: बता दें कि लाह की चूड़ियां बनाने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देने के लिए प्रतिभा मिश्रा को प्रशिक्षक के रूप में रखा गया है. चूड़ियों का लाइव डेमोंसट्रेशन देते हुए महिला प्रशिक्षक प्रतिभा ने बताया कि बिहार के लगभग हर घर में महिलाएं लहठी पहनती है. विवाहित महिलाएं ज्यादातर लाह की चूड़ियां पहनती हैं. बिहार में लाह की चूड़ियों पर धारी का काम प्रसिद्ध है. वहीं इस आयोजन में मीनाकारी और जयपुरिया काम भी महिलाओं को खूब भा रहा है.
"मैंने साल 2015 में चूड़ी बनाने का प्रशिक्षण लिया था. आज मैं इसी कला के माध्यम से खुद को और लोगों को रोजगार देने में सक्षम हो पाई हूं. मैं हर साल 50-60 लोगों को चूड़ी-लहठी बनाने का प्रशिक्षण देती हैं. इससे मुझे काफी खुशी मिलती है." - प्रतिभा मिश्रा, प्रशिक्षक.
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