पटना: जातीय गणना को बिहार सरकार अपनी सफलता मान रही है और इसे पूरे देश में करने की मांग उठ रही है. जातीय गणना का विरोध भी कई स्तर पर हो रहा है. धार्मिक जगत से जुड़े लोग भी इसे लेकर चिंता व्यक्त कर रहे हैं. जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने भी इसे लेकर कहा था कि जातीय गणना के जरिये वास्तव में हिंदुओं को बांटने की साजिश चल रही है. वहीं अब जगद्गुरु के बयान पर बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने पलटवार किया और इसे देश हित में बताया है.
श्रवण कुमार ने जातीय गणना को बताया मिसाल: जदयू नेता और बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा है कि जातीय गणना मिसाल बन चुकी है और पूरे देश में इसकी तारीफ हो रही है. कई राज्य जाति की जनगणना करने के लिए आगे आ रहे हैं और राष्ट्रीय स्तर पर भी जातीय गणना करने की मांग उठ रही है. जातीय गणना से गरीब दलित और शोषित को उनका अधिकार मिलेगा. यह किसी धर्म के खिलाफ नहीं है बोलने वाले को कोई रोक नहीं सकता है.
रामभद्राचार्य ने जातिवाद का लगाया आरोप: बता दें कि जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने जातीय गणना को लेकर कहा कि भगवान राम जाति भेद को नहीं मानते लेकिन बिहार में खुलेआम जातिवाद हो रहा है. जाति के आधार पर नहीं बल्कि काम के आधार पर वोट मिलेगा. उन्होंने इसे हिंदुओं को बांटने की साजिश बताई है.
"नीतीश जी और तेजस्वी बाबू को अब कौन समझाए कि ऐसा घिनौना काम न करें, जिससे हिन्दू बंटे. लिहाजा अब जो काम करेगा वोट उसी को मिलेगा, जातिगत भेदभाव से वोट नहीं मिलेगा. राम और कृष्ण की जो बात करेगा भारत पर वही राज करेगा."- जगद्गुरु रामभद्राचार्य, राम कथा वाचक
बिहार में नौकरी देने पर बोले श्रवण कुमार: वहीं बिहार से बाहर के युवाओं को बिहार में नौकरी देने के मसले पर मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश और दिल्ली में किसकी सरकार है सब जानते हैं. बावजूद इसके वहां से लड़के बिहार आए थे और उन्हें नौकरी भी मिली. युवा कह रहे हैं कि बीजेपी को अब जानकारी देंगे और नीतीश कुमार को अपनाएंगे.
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