पटनाः ग्रामीण विकास विभाग अब गांव में ग्रामीण मार्ट खोल रहा है. अब तक पूरे बिहार में 61 ग्रामीण मार्ट (Gramin Mart In Bihar village) खुल चुके हैं और इन ग्रामीण मार्ट के माध्यम से जीविका दीदियों को सस्ते मूल्य पर सामान उपलब्ध कराया जा रहा है. ये बात जदयू के जनसुनवाई कार्यक्रम में पहुंचे ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार (Minister Shravan Kumar on jivika Didi) ने कहीं.
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जदयू के जनसुनवाई कार्यक्रम में पहुंचे ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि बिहार के ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जोड़कर विभाग रोजगार मुहैया करा रहा है. मुख्यमंत्री ने 10 लाख स्वयं सहायता समूह बनाने का निर्देश दिया था और आज 10 लाख 20 हजार स्वयं सहायता समूह बन चुका है. बिहार में एक करोड़ 27 लाख परिवार जीविका के माध्यम से जुड़े हुए हैं. अब अनुमंडल और जिला अस्पताल में मरीजों और उनके परिजनों के लिए भोजन की व्यवस्था की जिम्मेवारी भी जीविका को दी गई है.
'पूरे बिहार में 61 मार्ट का निर्माण हो चुका है. इन ग्रामीण मार्ट के माध्यम से बड़ी संख्या में महिलाओं को रोजगार मुहैया कराया जा रहा है. सस्ते दर पर सामान भी उपलब्ध कराया जा रहा है. जीविका दीदियों को कई कार्यों में लगाया गया है, चाहे वह पशु सखी का काम हो या फिर पशुपालन, मत्स्य पालन या बैंक से जुड़े कार्यों में भी उनकी भागीदारी है'- श्रवण कुमार, मंत्री, ग्रामीण विकास विभाग
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बता दें कि मुख्यमंत्री समाज सुधार अभियान यात्रा पर हैं. इस दौरान वो जीविका दीदियों से संवाद भी कर रहे हैं. शराबबंदी को सफल बनाने के अभियान में भी जीविका दीदियों पर जिम्मेदारी दी गई है. इसके अलावा भी कई कार्यों में जीविका दीदियों की मदद ली जा रही है. इन सबके बीच ग्रामीण मार्ट के माध्यम से जीविका दीदियों को नई ताकत देने की कोशिश हो रही है. रूरल मार्ट से गांवों में राशन दुकान चला रही जीविका दीदियों को काफी मदद मिलेगी. रूरल मार्ट का संचालन भी जीविका दीदियों के माध्यम से ही हो रहा है.
रूरल मार्ट के लिए कम से कम 25 जीविका सदस्यों का समूह बनाना होता है. समूह के सभी सदस्य पांच-पांच हजार रुपये जमा करती हैं. इन्हीं सदस्यों को गांवों में राशन दुकान के लिए रूरल मार्ट से सामग्रियां दी जाती हैं. रूरल मार्ट से जो आमदनी होगी, वह भी समूह के सभी सदस्यों के बीच बांटी जाती है.
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