पटना: कोरोना वायरस से उत्पन्न स्थिति के बाद पूरे देश में पिछले 35 दिनों से लॉकडाउन जारी है. इस बीच कई राज्यों से लगातार बिहार के मुख्यमंत्री कार्यालय सहित कई सरकारी कार्यालयों में फोन की घंटियां बज रही है. बिहार के बाहर रहने वाले लोगों की एक ही मांग है कि वह अपना घर वापस लौटना चाहते हैं. इसके लिए राज्य सरकार से लगातार गुहार लगाते हुए इंतजाम करने की अपील कर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार लगातार इसका विरोध कर रही है. इस मामले पर नीतीश सरकार का कहना है कि अन्य राज्यों से लोगों को बिहार लाना यानी लॉकडाउन का उल्लंघन करना होगा.
सत्ता पक्ष में बैठे लोग कर रहे हैं प्रलाप
ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में नीतीश सरकार के मंत्री श्रवण कुमार कहते हैं कि इस मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है. खासतौर पर राजस्थान के कोटा शहर से बच्चों को लाने के मामले पर बिहार में सियासत गरमाई हुई है. नीतीश के करीबी मंत्री माने जाने वाले श्रवण कुमार कहते हैं कि इस मुद्दे पर भी विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष में बैठे कुछ लोग अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं.
मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि राज्य सरकार केंद्र द्वारा जारी निर्देशों का पालन कर रही है. मंत्री का कहना है कि इस वक्त किसी को भी राजनीति नहीं करनी चाहिए. मंत्री के बयान से साफ जाहिर होता है कि वह अपने सहयोगी पार्टी भाजपा पर भी सवाल खड़ा कर रहे हैं. उनका साफ कहना है कि इस गंभीर परिस्थिति में किसी भी बड़े निर्णय लेने से पहले सभी पक्षों पर विचार करना बेहद जरूरी है.
'मजदूरों को दिया जा रहा है काम'
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि विभाग के द्वारा स्थानीय मजदूर के साथ-साथ प्रवासी मजदूरों के लिए भी कार्य किए जा रहे हैं. राज्य कामों का विस्तार से किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बिहार सरकार अब तक 6 लाख 50 हजार मजदूरों को मनरेगा के तहत रोज काम दे रही है, जिनमें 35 हजार के करीब वह मजदूर है जो अन्य राज्यों से बिहार आए हैं.
लॉकडाउन का पलन करने की अपील
मंत्री ने स्वास्थ्य सेवा पर भी जानकारी देते हुए बताया कि बाहर से आने वाले तमाम लोगों को क्वॉरेंटाइन में रखा जा रहा है, इसके अलावा हर घर में जाकर लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है. ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने हाथ जोड़कर ईटीवी भारत के माध्यम से राज्य की जनता से अपील की है कि वे लॉकडाउन का पूरी तरह पालन करें. उन्होंने यह भी कहा कि जो भी व्यक्ति दूसरे राज्यों से बिहार में आए हो वह स्वयं इसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन या जनप्रतिनिधि को जरूर दें. यह सब के हित में होगा.