पटना: बिहार में शराबबंदी कानून ( Liquor Ban Law In Bihar) को लेकर जदयू और बीजेपी में बयानबाजी तेज हो गयी है. एक तरफ जहां जदयू के लोग शराबबंदी कानून को उचित बता रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने शराबबंदी की विफलता को गिनाना शुरू कर दिया है. जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा (Nitin Naveen on Abhishek Jha controversial statement) के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ( Bihar BJP President Sanjay Jaiswal ) पर दिए गए बयान के बाद बीजेपी भी अब पीछे मुड़ने के मूड में नहीं है.
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बीजेपी कोटे के मंत्री नितिन नवीन ने साफ साफ कह दिया है कि, जदयू प्रवक्ता मर्यादा को लांघ रहे हैं. जिस तरह हमारे पार्टी के अध्यक्ष पर बयानबाजी कर रहे है उससे लगता है कि, इन्हें गठबंधन का कोई खयाल नहीं है. ऐसे बयानबादी करके जदयू के प्रवक्ता सिर्फ सरकार को ही नहीं जनता को भी परेशानी में डाल रहे हैं. इसीलिए हम कहेंगे कि ऐसे मामले पर शीर्ष नेता ही बात करें तो ऊचित होगा. बिहार में डबल इंजन की सरकार है और इसमें लगातार जनता के हितों के लिए काम किया जा रहा है.ऐसे समय में जदयू प्रवक्ता का ये बयान समझ से परे है.
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दरअसल, 12 जनवरी को जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा सोशल मीडिया पर बिहार बीजेपी अध्यक्ष को टैग कर कुछ सवाल पूछे थे. जेडीयू प्रवक्ता के बयान पर संजय जायसवाल भड़क गए और उन्होंने सोशल मीडिया पर लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखकर सीएम नीतीश को भी लपेट लिया. अभिषेक झा ने ट्वीट कर लिखा था "बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष @sanjayjaiswalMP जी, आप आत्मचिंतन कीजिए और अपने गिरेबान में झांक कर देखिए कि बीते एक वर्ष में आपने एनडीए गठबंधन के खिलाफ कितने बयान दिए हैं?
इसके बाद अभिषेक झा लिखते हैं कि "यदि स्मरण ना हो तो सभी बयानों का संकलन करके आपको भेज सकता हूं. शराबबंदी सरकार की नीति रही है लेकिन जहरीली शराब पीने से आपके लोकसभा क्षेत्र में जब कुछ लोगों की मृत्यु हुई थी, आप संवेदना व्यक्त करने और सांत्वना स्वरूप पैसे बांटने गए थे. एनडीए सरकार की नीति के हिसाब से आपका यह आचरण सही था या गलत?
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फिलहाल बिहार के दोनों सत्ताधारी दल BJP-JDU आमने-सामने हैं. दोनों ही पार्टियां फ्रंट फुट पर बैटिंग कर रही है. समझ में नहीं आ रहा है कि गेंदबाज कौन है, जो दोनों को खेला रहा है. लेकिन परदे के पीछे कोई तो है, जो दोनों से कह रहा है आगे बढ़ो और चौके-छक्के लगाओ. यही कारण है कि दोनों पार्टियां एक-दूसरे को नीचा दिखाने के लिए कोई भी मौका छोड़ नहीं रही है.
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वहीं नालंदा में हुए मौत को बीजेपी नेता सीधे-सीधे जहरीली शराब (Death due to poisonous liquor in nalanda) से मौत का मामला बता रहे हैं. प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि जहरीली शराब से मौत का मामला गंभीर है. बिहार में शराब माफिया सक्रिय हैं और अवैध शराब का कारोबार जारी है. शराबबंदी कानून की समीक्षा होनी चाहिए. हमारी पार्टी लंबे समय से यह मांग कर रही है. प्रशासन में बैठे लोग शराबबंदी कानून की हवा निकाल रहे हैं.
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