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बोले मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह- कृषि आधारित उद्योग को दिया जा रहा बढ़ावा, निवेशक कर रहे बिहार का रुख - patna news

पटना में कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह (Amrendra Pratap Singh) ने बिहार कृषि प्रोत्साहन नीति 2020 एवं केंद्र सरकार द्वारा संपोषित प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उदयन उन्नयन योजना को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया.

Bihar Krishi Nivesh Protsahan Niti 2020
Bihar Krishi Nivesh Protsahan Niti 2020
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Published : Aug 2, 2021, 4:08 PM IST

पटना: पटना के बामेती सभागार में राज्य में कृषि व्यवसाय क्षेत्र का समग्र विकास करने और बढ़ावा देने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने किया. बिहार कृषि प्रोत्साहन नीति 2020 (Bihar Krishi Nivesh Protsahan Niti 2020) एवं केंद्र सरकार द्वारा पीएमएफएमई योजना (Suksham Khadya Udyog Unnayan Yojana) को लेकर इस कार्यशाला का आयोजन किया गया.

यह भी पढ़ें- बाढ़ पीड़ितों को मिलने लगा फसल क्षति का मुआवजा, आपदा प्रबंधन विभाग ने दिया 100 करोड़

इस मौके पर कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह (Agriculture Minister Amarendra Pratap Singh) ने कहा कि बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति का मुख्य उद्देश्य बिहार में कृषि व्यवसाय क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है. और एक अनुकूल वातावरण तैयार करना है.

देखें वीडियो

'फसल के प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए विभाग काम कर रहा है जिसमें मक्का, मखाना ,फल एवं सब्जी, शहद ,औषधीय पौधे, चाय और बीज जैसे फसलों से संबंधित उद्योगों के लिए सरकार सहायता कर रही है. निवेशक बड़ी संख्या में आ रहे हैं. 24 परियोजना लाभान्वित होने के भिन्न स्तरों पर है जिनका कुल परियोजना लागत 13773.59 लाख है.'- अमरेंद्र प्रताप सिंह, कृषि मंत्री, बिहार

फिलहाल दो परियोजनाओं की स्वीकृति भी विभाग ने दी है. कृषि मंत्री ने कहा कि आज की कार्यशाला में निवेशकों की कई समस्या को सुनकर उसका समाधान किया जाएगा. बैंक लोन में कोई परेशानी ना हो इसके लिए विभाग लगातार काम कर रहा है. नाबार्ड के अधिकारी भी इस दौरान तमाम समस्याओं से रूबरू हुए.

कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि हम चाहते हैं कि बड़ी संख्या में कृषि आधारित उद्योग बिहार में लगे और इसको लेकर हमारा विभाग लगातार प्रयास कर रहा है. निवेशक बिहार का रुख कर रहे हैं और बहुत जल्द कई इस तरह के उद्योग राज्य में में लग जाएंगे.

उद्घाटन के मौके पर विभाग के प्रधान सचिव और उद्यान विभाग के निदेशक भी मौजूद रहे. इस दौरान बड़ी संख्या में बिहार के विभिन्न जिलों से निवेशक और किसान भी पहुंचे थे, जो विभागीय योजना का लाभ लेकर कृषि कार्य कर रहे हैं और कृषि आधारित उद्योग लगा रहे हैं.

बता दें कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत शुरू की गई है. इस योजना का उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के असंगठित खंड में मौजूदा व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्यमों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना, क्षेत्र के औपचारिकता को बढ़ावा देना और किसान उत्पादक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों और उत्पादकों को उनकी पूरी मूल्य श्रृंखला के साथ सहकारी समितियों को सहायता प्रदान करना है.

वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक पांच वर्षों की अवधि में 10,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ इस योजना में मौजूदा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के उन्नयन के लिए वित्तीय, तकनीकी और व्यावसायिक सहायता प्रदान करने के लिए 2,00,000 सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को सीधे सहायता देने की परिकल्पना की गई है.

वहीं बिहार में नई कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति 2020 को मंजूरी मिलने के बाद राज्य में कृषि निवेश को प्रोत्साहन मिल रहा है जिससे यहां कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना में मदद होगी. नई बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति 2020 के तहत फसलों की उत्पादकता बढ़ाने से लेकर बाजार मुहैया कराने तक के प्रावधान किए गए हैं.

यह भी पढ़ें- 33 अरब से अधिक का कृषि बजट विधानसभा से पारित, बोले कृषि मंत्री- बिहार आत्मनिर्भरता की ओर

यह भी पढ़ें- 'किसानों की आय बढ़ाने को लेकर सरकार प्रतिबद्ध, बागवानी करने वाले किसानों को मिलेगा अनुदान'

पटना: पटना के बामेती सभागार में राज्य में कृषि व्यवसाय क्षेत्र का समग्र विकास करने और बढ़ावा देने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने किया. बिहार कृषि प्रोत्साहन नीति 2020 (Bihar Krishi Nivesh Protsahan Niti 2020) एवं केंद्र सरकार द्वारा पीएमएफएमई योजना (Suksham Khadya Udyog Unnayan Yojana) को लेकर इस कार्यशाला का आयोजन किया गया.

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इस मौके पर कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह (Agriculture Minister Amarendra Pratap Singh) ने कहा कि बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति का मुख्य उद्देश्य बिहार में कृषि व्यवसाय क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है. और एक अनुकूल वातावरण तैयार करना है.

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'फसल के प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए विभाग काम कर रहा है जिसमें मक्का, मखाना ,फल एवं सब्जी, शहद ,औषधीय पौधे, चाय और बीज जैसे फसलों से संबंधित उद्योगों के लिए सरकार सहायता कर रही है. निवेशक बड़ी संख्या में आ रहे हैं. 24 परियोजना लाभान्वित होने के भिन्न स्तरों पर है जिनका कुल परियोजना लागत 13773.59 लाख है.'- अमरेंद्र प्रताप सिंह, कृषि मंत्री, बिहार

फिलहाल दो परियोजनाओं की स्वीकृति भी विभाग ने दी है. कृषि मंत्री ने कहा कि आज की कार्यशाला में निवेशकों की कई समस्या को सुनकर उसका समाधान किया जाएगा. बैंक लोन में कोई परेशानी ना हो इसके लिए विभाग लगातार काम कर रहा है. नाबार्ड के अधिकारी भी इस दौरान तमाम समस्याओं से रूबरू हुए.

कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि हम चाहते हैं कि बड़ी संख्या में कृषि आधारित उद्योग बिहार में लगे और इसको लेकर हमारा विभाग लगातार प्रयास कर रहा है. निवेशक बिहार का रुख कर रहे हैं और बहुत जल्द कई इस तरह के उद्योग राज्य में में लग जाएंगे.

उद्घाटन के मौके पर विभाग के प्रधान सचिव और उद्यान विभाग के निदेशक भी मौजूद रहे. इस दौरान बड़ी संख्या में बिहार के विभिन्न जिलों से निवेशक और किसान भी पहुंचे थे, जो विभागीय योजना का लाभ लेकर कृषि कार्य कर रहे हैं और कृषि आधारित उद्योग लगा रहे हैं.

बता दें कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत शुरू की गई है. इस योजना का उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के असंगठित खंड में मौजूदा व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्यमों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना, क्षेत्र के औपचारिकता को बढ़ावा देना और किसान उत्पादक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों और उत्पादकों को उनकी पूरी मूल्य श्रृंखला के साथ सहकारी समितियों को सहायता प्रदान करना है.

वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक पांच वर्षों की अवधि में 10,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ इस योजना में मौजूदा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के उन्नयन के लिए वित्तीय, तकनीकी और व्यावसायिक सहायता प्रदान करने के लिए 2,00,000 सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को सीधे सहायता देने की परिकल्पना की गई है.

वहीं बिहार में नई कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति 2020 को मंजूरी मिलने के बाद राज्य में कृषि निवेश को प्रोत्साहन मिल रहा है जिससे यहां कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना में मदद होगी. नई बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति 2020 के तहत फसलों की उत्पादकता बढ़ाने से लेकर बाजार मुहैया कराने तक के प्रावधान किए गए हैं.

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