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Bihar News: 'राजस्व कर्मचारी अगर ऑफिस से बाहर ऑफिशियल काम करेंगे तो होगी कार्रवाई'.. मंत्री आलोक मेहता - भूमि सुधार और राजस्व मंत्री आलोक मेहता

भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग (land reform and revenue department) के अंतर्गत विभिन्न हलकों और अंचलों में राजस्व कर्मचारी निर्धारित सरकारी भवनों से इतर बाहर ऑफिशियल काम करते हैं. ऐसें में रैयतों और किसानों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस मुद्दे पर सरकार ने सख्त फैसला लिया है. इसी बाबत विभाग के मंत्री आलोक मेहता ने अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी है कि अगर ऑफिस से बाहर कहीं कार्यालय का काम होता पाया गया तो, वैसे अधिकारी या कर्मचारी पर कड़ी कार्रवाई होगी. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Apr 15, 2023, 7:46 PM IST

पटना : भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग लापरवाह और भ्रष्ट पदाधिकारियों को लेकर संजीदा है. अब वैसे अधिकारियों के खिलाफ गाज गिराने की तैयारी है जो समानांतर सरकारी दफ्तर चला रहे थे. सरकार ने वैसे अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी है. भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री आलोक मेहता (land reform and revenue Minister Alok Mehta) ने कहा कि ऐसी शिकायतें मिल रही थी कि राजस्व कर्मचारी सरकारी दफ्तर में बैठने के बजाय निजी स्थानों से दफ्तर का संचालन कर रहे थे और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे थे.

ये भी पढ़ेंः Bihar News : 'बिहार के अंचल कार्यालयों में जल्द उपलब्ध होंगे नए वाहन', मंत्री आलोक कुमार मेहता का बड़ा बयान

सरकारी भवन से बाहर नहीं चलेगा कार्यालयः सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अब कोई भी अधिकारी सरकारी भवन में ही दफ्तर चला पाएंगे. अगर अन्यत्र दफ्तर चलाते पकड़े जाएंगे तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि सभी राजस्व कर्मचारियों को निर्धारित स्थान से ही अपने कार्यालय को संचालित करना है. यह स्थान उनके हल्का में अवस्थित सरकारी भवन होगा. ये निर्देश राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता ने अपर समाहर्ताओं की मासिक बैठक में दिया. बैठक का आयोजन इसी हफ्ते शास्त्रीनगर स्थित शास्त्रीनगर में किया गया था.


''यह सरकारी भवन पंचायत सरकार भवन/पंचायत भवन/सामुदायिक भवन या फिर अन्य कोई सरकारी भवन हो सकता है. इससे इतर किसी भवन में अगर हल्का ऑफिस चल रहा हो तो वह अवैध माना जाएगा और संबंधित अपर समाहर्ता इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे.''- आलोक मेहता, मंत्री, भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग

निश्चित जगह बैंठें कर्मचारीः मंत्री ने कहा कि कर्मचारियों के बैठने की जगह निश्चित नहीं होने की वजह से रैयत इधर से उधर भटकते रहते हैं. इसलिए उन्होंने वहां उपस्थित अपर समाहर्ताओं को निर्देश दिया कि कर्मचारियों के कार्यालयों के बाहर बोर्ड लगवाएं. यह बोर्ड विजिवल होनी चाहिए, यानि आमलोगों को दिखनी भी चाहिए. इससे अतिरिक्त कोई भी कार्यालय अवैध माना जाएगा.

पंचायत भवनों में बैठेंगे राजस्व कर्मचारीः बैठक में उपस्थित पटना के अपर समाहर्ता द्वारा बताया गया कि जिले के जिन पंचायतों में भवन बन गया है, वहां पंचायत सरकार भवन में ही राजस्व कर्मचारियों को बैठने की व्यवस्था की गई है. बैठक में राजस्व कर्मचारियों पर चल रही विभागीय कार्रवाई के बारे भी चर्चा हुई. विभाग के सचिव जय सिंह को अगले हफ्ते भूमि सुधार उप समाहर्ताओं की बैठक में उन सभी राजस्व कर्मचारियों की सूची देने का निर्देश दिया गया जिन पर कार्रवाई चल रही है.

टेरीज लेखन की हुई समीक्षा: बैठक में उपस्थित अपर मुख्य सचिव ने दूसरे चरण के सर्वे के जिलों में टेरीज लेखन के कार्य की प्रगति की समीक्षा की. अधिकांश जिलों में टेरीज लेखन का काम पूरा कर लिया गया है. खतियान के सार को टेरीज कहते हैं, जो सर्वे शुरू करने से पहले हरेक गांव का लिखा जाता है. नवनियुक्त राजस्व कर्मचारियों को टेरीज लेखन के काम में लगाया गया है.

पटना : भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग लापरवाह और भ्रष्ट पदाधिकारियों को लेकर संजीदा है. अब वैसे अधिकारियों के खिलाफ गाज गिराने की तैयारी है जो समानांतर सरकारी दफ्तर चला रहे थे. सरकार ने वैसे अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी है. भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री आलोक मेहता (land reform and revenue Minister Alok Mehta) ने कहा कि ऐसी शिकायतें मिल रही थी कि राजस्व कर्मचारी सरकारी दफ्तर में बैठने के बजाय निजी स्थानों से दफ्तर का संचालन कर रहे थे और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे थे.

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सरकारी भवन से बाहर नहीं चलेगा कार्यालयः सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अब कोई भी अधिकारी सरकारी भवन में ही दफ्तर चला पाएंगे. अगर अन्यत्र दफ्तर चलाते पकड़े जाएंगे तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि सभी राजस्व कर्मचारियों को निर्धारित स्थान से ही अपने कार्यालय को संचालित करना है. यह स्थान उनके हल्का में अवस्थित सरकारी भवन होगा. ये निर्देश राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता ने अपर समाहर्ताओं की मासिक बैठक में दिया. बैठक का आयोजन इसी हफ्ते शास्त्रीनगर स्थित शास्त्रीनगर में किया गया था.


''यह सरकारी भवन पंचायत सरकार भवन/पंचायत भवन/सामुदायिक भवन या फिर अन्य कोई सरकारी भवन हो सकता है. इससे इतर किसी भवन में अगर हल्का ऑफिस चल रहा हो तो वह अवैध माना जाएगा और संबंधित अपर समाहर्ता इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे.''- आलोक मेहता, मंत्री, भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग

निश्चित जगह बैंठें कर्मचारीः मंत्री ने कहा कि कर्मचारियों के बैठने की जगह निश्चित नहीं होने की वजह से रैयत इधर से उधर भटकते रहते हैं. इसलिए उन्होंने वहां उपस्थित अपर समाहर्ताओं को निर्देश दिया कि कर्मचारियों के कार्यालयों के बाहर बोर्ड लगवाएं. यह बोर्ड विजिवल होनी चाहिए, यानि आमलोगों को दिखनी भी चाहिए. इससे अतिरिक्त कोई भी कार्यालय अवैध माना जाएगा.

पंचायत भवनों में बैठेंगे राजस्व कर्मचारीः बैठक में उपस्थित पटना के अपर समाहर्ता द्वारा बताया गया कि जिले के जिन पंचायतों में भवन बन गया है, वहां पंचायत सरकार भवन में ही राजस्व कर्मचारियों को बैठने की व्यवस्था की गई है. बैठक में राजस्व कर्मचारियों पर चल रही विभागीय कार्रवाई के बारे भी चर्चा हुई. विभाग के सचिव जय सिंह को अगले हफ्ते भूमि सुधार उप समाहर्ताओं की बैठक में उन सभी राजस्व कर्मचारियों की सूची देने का निर्देश दिया गया जिन पर कार्रवाई चल रही है.

टेरीज लेखन की हुई समीक्षा: बैठक में उपस्थित अपर मुख्य सचिव ने दूसरे चरण के सर्वे के जिलों में टेरीज लेखन के कार्य की प्रगति की समीक्षा की. अधिकांश जिलों में टेरीज लेखन का काम पूरा कर लिया गया है. खतियान के सार को टेरीज कहते हैं, जो सर्वे शुरू करने से पहले हरेक गांव का लिखा जाता है. नवनियुक्त राजस्व कर्मचारियों को टेरीज लेखन के काम में लगाया गया है.

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