पटना: पटना जिले के एक मैकेनिक ने कमाल कर दिखाया है. सीमित संसाधनों में मैकेनिक ने अपने गैरेज में लगभग 39 साल पहले भारत में बंद हो चुकी मिनी राजदूत (Mini rajdoot bike made from scrap in Patna) जैसी बाइक बनाकर सबको चौंका दिया है. यह बाइक राजदूत (Mini rajdoot bike in Patna) से भी कम हाइट की है. मैकेनिक ने हुबहू बॉबी फिल्म में जो मिनी बाइक को दिखाया गया था वैसे ही इसे तैयार किया है. अब इस मिनी बाइक को देखने लोग काफी दूर-दूर से पहुंच रहे हैं और लोग इस बाइक पर सवार होकर खूब एंजॉय कर रहे हैं.
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मिनी बाइक बनाने की कहानी: दरअसल मिनी बाइक जैसी दिखने वाली मिनी राजदूत बाइक को राजधानी पटना के मोहन बुलेट के मालिक महताब ने बनाया है. महताब ने इसके लिए जुगाड़ तंत्र का इस्तेमाल किया है. राजदूत बनाने की कहानी भी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. महताब बॉबी फिल्म देख रहे थे. बॉबी फिल्म में ऋषि कपूर हीरोइन को पटाने के लिए मिनी बाइक से पहुंचते हैं. इसी दौरान महताब को मन में इच्छा हुई कि मिनी राजदूत बनाई जाए. मिनी बाइक को लोगों ने बॉबी फिल्म देखकर काफी पसंद किया था. डिंपल कपाड़िया के करियर की शुरुआत करने वाली फिल्म ने उन्हें इस मंकी बाइक पर ऋषि कपूर द्वारा आकर्षित किया था. और तब से और हमेशा के लिए GTS 175 को बॉबी कहा जाता था. उन्हीं यादों को एक बार फिर से पटना में जीवंत कर दिया गया है. महताब ने अपने पिता से बाइक बनाने की इच्छा जाहिर की. पिता ने भी महताब का हौसला बढ़ाया. फिर क्या था महताब ने कबाड़ में पड़ी कई गाड़ियों के पार्ट्स पुर्जे इकट्ठा किए. बेकार पड़े कबाड़ से उन्होंने लगभग दो महीने की कड़ी मेहनत से मिनी राजदूत बना डाला. अपना सपना पूरा कर महताब फूले नहीं समा रहे हैं.
मिनी राजदूत देखकर लोगों को आश्चर्य:: महताब ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि मिनी बाइक (1985 Model Mini rajdoot bike) अपने बेटे को बर्थडे पर गिफ्ट कर दिया है. हालांकि अभी महताब का बेटा आठ साल का है इसलिए मिनी बुलेट चलाने के लिए उसे इंतजार करना पड़ेगा. लेकिन ये मिनी राजदूत जब पटना की सड़कों पर निकलती है तो देखने वाले देखते रह जाते हैं. बहुत सारे लोग तो सेल्फी भी लेते हैं. लोगों के मन में तरह-तरह के जिज्ञासा होती है. सभी महताब से इस राजदूत के बारे में कई तरह के सवाल कर अपनी जिज्ञासा शांत करते हैं.
मिनी बाइक की खासियत: इस मिनी राजदूत को बनाने में 30 से 40 हजार रुपये खर्च हुआ है. कबाड़ के सामान से जुगाड़ करने के बाद इस मिनी बाइक को मोडलाइज किया गया है. पेंटिंग किया गया और 40 kg के लगभग में इसका वजन है. कम वजन के कारण इसे आसानी से लोग उठाकर कहीं भी रख सकते हैं. छोटे पहिए होने के कारण बड़े, बुजुर्ग, नौजवान कोई भी इसे चला सकता है. इसका माइलेज भी ठीक ठाक है. 1 लीटर में लगभग 40 से 45 किलोमीटर का माइलेज (40 KM Mileage in One Liter Patrol) इससे मिल जाता है.
मैकेनिक ने कबाड़ में पड़े समानो से अपने गैरेज में मिनी राजदूत बनाकर यह संदेश दिया कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती और बिहारी जुगाड़ टेक्नलॉजी का प्रयोग कर असंभव को संभव कर सकते है.अब इस मिनी राजदूत को लोग दूर-दूर से देखने पहुंच रहे हैं. मेकैनिक महताब की तारीफ भी कर रहे हैं. फिलहाल इस मिनी राजदूत और मैकेनिक की चर्चा पूरे शहर में हो रही है.
"अभी पटना में छोटी बाइक नहीं है. इसे मैंने अपने बेटे के लिए बनाया है. लेकिन वो अभी बहुत छोटा है इसलिए रख दिया है. बहुत सा सामान कबाड़ से लिया गया है. ये 85 मॉडल है. मिनी राजदूत का वजन 40 किलो है. ये छोटा जहाज है. लोग इसके बारे में पूछते रहते हैं. दिल्ली से भी लोग आए थे खरीदने के लिए. तीस हजार का खर्च इसको बनाने में लगा है."- महताब, मिनी बाइक बनाने वाले मैकेनिक
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