पटना: गर्दनीबाग अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है. कोरोना काल में लोगों को दवाईयों के लिए भटकना पड़ रहा है. वहीं यहां पास में ही कूड़े के ढेर में लाखों की दवाएं फेंक दी गई है. पटना जिला सिविल सर्जन कार्यालय के यह अधीन है. यहीं पर जिला वैक्सीन भंडार है, जहां से कोरोना के वैक्सीन की जिलेभर में सप्लाई हो रही है. ऐसे में अस्पताल में बने वैक्सीनेशन सेंटर के ठीक पास ही मेडिकल कचरे का अंबार है. यहां मेडिकल कचरे में भारी मात्रा में लाखों की दवाईयों की बर्बादी होती नजर आ रही है.
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कूड़े में दवा
भारी मात्रा में दवाईयों की गोलियां कूड़े में बिखरी पड़ी हुई हैं. बिखरी हुई दवाईयों को देखकर लगता है कि इसको खरीदने में स्वास्थ्य विभाग ने लाखों खर्च किए होंगे. मगर वर्तमान स्थिति यह है कि दवाओं की गोलियां बिखरी पड़ी हैं और सड़ रही हैं. यहां पर भारी मात्रा में टूटे-फूटे वैक्सीन रखने वाले स्टोरेज बॉक्स भी बिखरे हुए हैं. प्रतिदिन यहां सैकड़ों की तादाद में वैक्सीनेशन के लिए लोग पहुंचते हैं और वैक्सीन सेंटर के ठीक पास में इस प्रकार की गंदगी अस्पताल प्रशासन की संवेदनशीलता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करते हैं.
अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही
अस्पताल के पास भारी मात्रा में यूजड ग्लव्सऔर यूज़ किए हुए इंजेक्शन बिना प्रॉपर ट्रीटमेंट के बिखरे हुए हैं. इतना ही नहीं जिला वैक्सीन भंडार के पास शराब की बोतल भी नजर आ रही है जो यह बता रही है कि यहां पर शराब पार्टी भी होती है. गर्दनीबाग अस्पताल के एक हिस्से में जिला सिविल सर्जन का कार्यालय है और यहीं पर बने वैक्सीनेशन सेंटर के पास इस प्रकार से मेडिकल वेस्टेज है.
कब होगी कार्रवाई?
इस मसले पर जब ईटीवी भारत संवाददाता ने सिविल सर्जन से संपर्क करने की कोशिश की तो जानकारी दी गई कि मैडम अभी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में है. ऐसे में अब आगे यह देखना होगा कि इस पूरे मसले पर स्वास्थ्य विभाग क्या कुछ कार्रवाई करता है. क्योंकि अस्पताल में जिला वैक्सीन स्टोरेज के ठीक बगल में और वैक्सीनेशन सेंटर के पास शराब की बोतल और लाखों की कीमती दवाइयों का बिखरे हुए होना स्वास्थ्य विभाग की संवेदनशीलता की पोल खोल रहा है.