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NMC बिल के खिलाफ सड़क पर उतरे मेडिकल छात्र, सरकार से की पुनर्विचार की अपील - आईजीआईएमएस

आईएमए के आह्वान पर बिहार आईएमए ने भी विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में जाकर एनएमसी बिल के खिलाफ विरोध जताया है. पटना एम्स और आईजीआईएमएस अस्पताल में भी इस बिल को लेकर घंटों प्रदर्शन और हंगामा हुआ.

NMC बिल को जलाया
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Published : Jul 23, 2019, 9:48 PM IST

पटना: लोकसभा में नेशनल मेडिकल कमीशन(एनएमसी) बिल पेश किए जाने के विरोध में मंगलवार को राज्य के तमाम मेडिकल छात्रों ने प्रदर्शन किया. छात्रों ने एनएमसी बिल को जलाकर विरोध जताया. साथ ही उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की.

आंदोलनकारी छात्रों की मानें तो यह बिल मेधावी छात्रों के लिए बेईमानी होगी. इस बिल से मेधावी छात्र अपने टैलेंट को आगे नहीं कर पाएंगे. इस बिल में कई खामियां हैं. सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए.

छात्र का बयान

पटना के AIIMS और IGIMS में हंगामा
आईएमए के आह्वान पर बिहार में भी इसका विरोध देखा गया. मेडिकल कॉलेजों में जाकर एनएमसी बिल के खिलाफ विरोध जताया गया. पटना के एम्स और आईजीआईएमएस अस्पताल में भी एनएमसी बिल को लेकर घंटों प्रदर्शन और हंगामा हुआ.

patna
NMC बिल को जलाया

क्या है मेडिकल छात्रों की मांग?
प्रदर्शन कर रहे मेडिकल छात्रों का कहना है कि पीजी में नामांकन फाइनल ईयर के अंक के आधार पर नहीं किया जाए. ऑब्जेक्टिव एग्जाम के अंक के आधार पर ही नामांकन किया जाए. नेशनल मेडिकल कमीशन स्वतंत्र और ऑटोनॉमस हो उस पर केंद्र सरकार का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. आयुष के डॉक्टर को एलोपैथिक इलाज की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. लेकिन, एनएमसी बिल के मुताबिक अनुमति दे दी गई है.

patna
सरकार के खिलाफ नारेबाजी

सीटों में भी होगा सरकार का हस्तक्षेप
वहीं, ब्रिज कोर्स के तहत सामान्य नागरिक को एलोपैथिक इलाज की अनुमति एनएमसी बिल में दिया गया है, जो कि बहुत ही अनुचित है. साथ ही एनएमसी बिल में प्राइवेट के 50% सीटों का केंद्र सरकार निर्धारित करेगी और 50% सीटों पर प्राइवेट कॉलेज द्वारा मनमाना फीस उगाही की जाएगी. इसलिए सभी 100% सीटों पर फीस का निर्धारण सरकार की ओर से किया जाना चाहिए.

उग्र आंदोलन की दी चेतावनी
बहरहाल, 10 सूत्रीय मांगों को लेकर राज्य के तमाम मेडिकल कॉलेजों में छात्र-छात्राओं ने जमकर एनएमसी बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और हंगामा किया. मांग पूरी नहीं होने पर सरकार को उग्र प्रदर्शन की चेतावनी भी दी है.

पटना: लोकसभा में नेशनल मेडिकल कमीशन(एनएमसी) बिल पेश किए जाने के विरोध में मंगलवार को राज्य के तमाम मेडिकल छात्रों ने प्रदर्शन किया. छात्रों ने एनएमसी बिल को जलाकर विरोध जताया. साथ ही उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की.

आंदोलनकारी छात्रों की मानें तो यह बिल मेधावी छात्रों के लिए बेईमानी होगी. इस बिल से मेधावी छात्र अपने टैलेंट को आगे नहीं कर पाएंगे. इस बिल में कई खामियां हैं. सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए.

छात्र का बयान

पटना के AIIMS और IGIMS में हंगामा
आईएमए के आह्वान पर बिहार में भी इसका विरोध देखा गया. मेडिकल कॉलेजों में जाकर एनएमसी बिल के खिलाफ विरोध जताया गया. पटना के एम्स और आईजीआईएमएस अस्पताल में भी एनएमसी बिल को लेकर घंटों प्रदर्शन और हंगामा हुआ.

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NMC बिल को जलाया

क्या है मेडिकल छात्रों की मांग?
प्रदर्शन कर रहे मेडिकल छात्रों का कहना है कि पीजी में नामांकन फाइनल ईयर के अंक के आधार पर नहीं किया जाए. ऑब्जेक्टिव एग्जाम के अंक के आधार पर ही नामांकन किया जाए. नेशनल मेडिकल कमीशन स्वतंत्र और ऑटोनॉमस हो उस पर केंद्र सरकार का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. आयुष के डॉक्टर को एलोपैथिक इलाज की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. लेकिन, एनएमसी बिल के मुताबिक अनुमति दे दी गई है.

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सरकार के खिलाफ नारेबाजी

सीटों में भी होगा सरकार का हस्तक्षेप
वहीं, ब्रिज कोर्स के तहत सामान्य नागरिक को एलोपैथिक इलाज की अनुमति एनएमसी बिल में दिया गया है, जो कि बहुत ही अनुचित है. साथ ही एनएमसी बिल में प्राइवेट के 50% सीटों का केंद्र सरकार निर्धारित करेगी और 50% सीटों पर प्राइवेट कॉलेज द्वारा मनमाना फीस उगाही की जाएगी. इसलिए सभी 100% सीटों पर फीस का निर्धारण सरकार की ओर से किया जाना चाहिए.

उग्र आंदोलन की दी चेतावनी
बहरहाल, 10 सूत्रीय मांगों को लेकर राज्य के तमाम मेडिकल कॉलेजों में छात्र-छात्राओं ने जमकर एनएमसी बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और हंगामा किया. मांग पूरी नहीं होने पर सरकार को उग्र प्रदर्शन की चेतावनी भी दी है.

Intro:राज्य के तमाम मेडिकल कॉलेज में पीजी के छात्रों ने एनएमसी बिल के प्रति किया विरोध प्रदर्शन एवं बिल के प्रति को जलाया


Body:लोकसभा में एनएमसी बिल पेश किए जाने के विरोध में राज्य के तमाम मेडिकल कॉलेज के छात्र आंदोलन पर उतारू हो गए हैं, ऐसे में आज एनएमसी बिल के प्रति को जलाकर घंटों विरोध प्रदर्शन किया और नारेबाजी की, आंदोलनकारियों की मानें तो यह बिल मेधावी छात्रों के लिए बेईमानी होगी, क्योंकि इस बिल से मेधावी छात्र अपने टैलेंट को आगे नहीं कर पाएंगे, इस बिल में कई खामियां हैं, सरकार को इस पर पुनर्विचार करनी होगी, क्योंकि इससे आने वाले दिनों में वर्तमान एवं भविष्य के छात्रों में कई दुष्परिणाम को सामना करना पड़ेगा, उधर राष्ट्रीय आईएमए के आह्वान पर बिहार आईएमए ने भी विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में जाकर एनएमसी बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है, राजधानी पटना के एम्स एवं आईजीआईएमएस अस्पताल में भी एनएमसी बिल को लेकर घंटों विरोध प्रदर्शन एवं हंगामा हुआ है।


Conclusion:प्रदर्शनकारी मेडिकल छात्रों की माने तो पीजी में नामांकन फाइनल ईयर के अंक के आधार पर नहीं किया जाए बल्कि ऑब्जेक्टिव एग्जाम के अंक के आधार पर ही नामांकन किया जाए, नेशनल मेडिकल कमिशन स्वतंत्र और ऑटोनॉमस हो उस पर केंद्र सरकार का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए, आयुष के डॉक्टर को एलोपैथिक इलाज की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, लेकिन एनएमसी बिल में अनुमति दे दी गई है, ब्रिज कोर्स के तहत सामान्य नागरिक को एलोपैथिक इलाज की अनुमति एनएमसी बिल में दिया गया है, जो कि बहुत ही अनुचित है, साथ ही साथ एनएमसी बिल में प्राइवेट के 50% सीटों का केंद्र सरकार निर्धारित करेगी और 50% सीटों पर प्राइवेट कॉलेज द्वारा मनमाना फीस उगाही की जाएगी इसलिए सभी 100% सीटों पर फीस का निर्धारण सरकार द्वारा किया जाना चाहिए
,बहरहाल 10 सूत्री मांगों को लेकर राज्य के तमाम मेडिकल कॉलेजों में छात्र छात्राओं ने जमकर एनएमसी बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और हंगामा किया
मांग पूरी नहीं होने पर सरकार को चेतावनी दी है कि इसे और भी उग्र प्रदर्शन होगा



बाईट-डॉ विनय कुमार, प्रेसिडेंट, पटना एम्स
रेसिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन, बिहार
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