नई दिल्ली/पटना: लॉकडाउन की वजह से जो जहां थे वहीं फंसे रह गए हैं. इसी तरह सफदरजंग अस्पताल में एमबीबीएस के छात्र प्रशांत कुमार (बिहार निवासी) भी दिल्ली में फंस गए हैं. इसलिए प्रशांत लॉकडाउन से तंग आकर मदद की आस में बिहार भवन पहुंच गए. वे अपने साथियों के साथ अपने घर जाना चाहते हैं. लेकिन इसी बीच लॉकडाउन की तीसरी तारीख का भी ऐलान हो चुका है और प्रशांत अब तक अपने घर नहीं पहुंच सके हैं. वे लॉकडाउन की बढ़ती तारीखों से बेहद परेशान हैं.
सफदरजंग अस्पताल में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे प्रशांत को जानकारी मिली थी कि बिहार सरकार की तरफ से कुछ नोडल ऑफिसर के फोन नंबर जनता के लिए जारी किया गया है. ताकि जो लोग लॉकडाउन की वजह से जिस किसी राज्य में फंसे हुए हैं, वो आसानी से अपने घर आ सके.
'नहीं मिल रही कोई जानकारी'
प्रशांत का आरोप है कि जो फोन नंबर बिहार सरकार की ओर से बिहार भवन के गेट पर चस्पा किया गया है, वह नंबर लगता ही नहीं है. मतलब ये कि किसी भी तरह से संपर्क नहीं हो पा रहा है. अगर कोई व्यक्ति बिहार भवन आकर जानकारी लेना भी चाहे तो यहां तैनात सुरक्षाकर्मी ठीक तरह की जानकारी देने को तैयार नहीं हैं. कोरोना के खौफ के कारण अधिकारियों से मिलने भी नहीं दिया जा रहा है. प्रशांत का कहना है कि मैं मेडिकल स्टूडेंट हूं. मेरे साथ काफी सारे स्टूडेंट्स हैं, जिनमें एम्स, सफदरजंग अस्पताल और मौलाना आजाद मेडिकल हॉस्पिटल के छात्र भी हैं.
मीडिया के कैमरे से बच रहे अधिकारी
बिहार भवन में बैठे अधिकारियों को भवन के बाहर मीडिया के आने की खबर मिली. तब एक अधिकारी निकलकर बाहर आए. कैमरा चलाने को लेकर मना करने लगे. उन्होंने बिना कैमरे के ही बाहर खड़े एमबीबीएस के छात्र प्रशांत की परेशानी को सुना और समझाने लगे. कैमरा ऑन होते ही वो कैमरे से बचते हुए अपनी गाड़ी में सवार हो निकल गए. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अधिकारी कितने लापरवाह हैं.