पटना: राजधानी पटना में नगर निगम के सफाई कर्मियों का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. पटना नगर निगम अपने 4300 दैनिक सफाई कर्मियों के समर्थन में उतरा गया है. बोर्ड की बैठक में नगर विकास विभाग के पत्र के खिलाफ जारी अध्यादेश के बाद सफाई कर्मियों को हटाने से साफ मना किया. आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखने से भी इनकार कर दिया. वहीं, मेयर ने हाईकोर्ट की तरफ रुख करने का फैसला किया है.
20 फरवरी को स्थाई समिति की बैठक होगी. जिसमें सशक्त स्थाई समिति के सदस्य मेयर को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए अधिकृत करेंगे. सशक्त स्थाई समिति के सदस्य इंद्रदीप चंद्रवंशी ने इस बात की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि दैनिक सफाई कर्मी अपने लोग हैं. इनके जरिये शहर की सफाई होती है. इंद्रदीप चंद्रवंशी ने दावा किया कि आउटसोर्सिंग से रखे गए सफाई कर्मी काम में निपुण नही हैं जितना दैनिक सफाई कर्मी हैं. उन्होंने कहा कि 20 फरवरी की बैठक में मेयर को सफाई कर्मियों की लड़ाई लड़ने के लिए अधिकृत किया जाएगा.
नगर विभाग ने दिया था आश्वासन
पिछले दिनों पटना नगर निगम के 4300 सफाई कर्मी हड़ताल पर चले गए थे. जिसके कारण शहर की स्थिति नारकीय हो गई थी. लगातार 6 दिनों की हड़ताल के बाद नगर विकास विभाग और नगर निगम की पहल पर हड़ताल खत्म हुई. नगर विकास विभाग ने आश्वासन दिया कि इन्हें हटाया नहीं जाएगा. लेकिन नगर विकास विभाग अपने आश्वासन पर खरा नहीं उतरा. ऐसे में मेयर अब नगर विकास विभाग के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला लिया है.