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पटना कैसे बनेगा स्मार्ट, जब 'अधिकारी मेयर की ही नहीं सुनते'

पटना स्मार्ट सिटी (Smart City) के कई परियोजनाओं को लेकर नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव की ओर से बैठक बुलाई गई. बैठक में पटना नगर निगम की मेयर सीता साहू भी शामिल हुई. इस दौरान मेयर ने अधिकारियों पर मनमानी करने का आरोप लगाया है.

पटना
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Published : Jun 26, 2021, 11:13 PM IST

पटना: बिहार की राजधानी पटना को स्मार्ट सीटी (Smart City) बनाने के लिए सरकार की ओर से कई योजनाओं की घोषणा की गई है. इस योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए समय-समय पर स्मार्ट सिटी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर (Smart City Board of Directors) की बैठक होती है. जिससे कि समय पर काम को पूरा किया जा सके. इसको लेकर शनिवार को पटना स्मार्ट सिटी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर बैठक की गई. बैठक में मेयर ने अधिकारियों पर बात नहीं सुनने का आरोप लगाया है.

ये भी पढ़ें- बिहार में नक्सलियों की खैर नहीं, 5 जिलों के SP ने मिलकर बनाया एक्शन प्लान

मेयर पर बात नहीं सुनने का आरोप
मेयर ने कहा कि योजनाओं को लेकर हम अपनी बात कहना चाहते थे. लेकिन अधिकारियों ने हमारी बातों को अनसुना कर दिया. ऐसे में उन्होंने अधिकारियों को चेताया है कि यदि उनकी बातों को आगे से नहीं सुनी गया, तो वह सड़क पर उतर कर उनके खिलाफ आंदोलन करेंगी. मेयर ने कहा कि हमने पटना के सभी 75 वार्डों में कुल 80 जगहों पर जन सुविधा केंद्र का निर्माण करने, पटना की यातायात व्यवस्था और अपराध के निगरानी के लिए आईसीसीसी अविलंब निर्माण करने मंत्री और बाकरगंज नाला का निर्माण करने, रेलवे डेवलपमेंट एरिया प्रोजेक्ट को जल्द शुरू करने के संबंधित विषयों पर अपनी बातों को रखना चाहा था. लेकिन उनके सुझाव को सुने बिना ही अध्यक्ष द्वारा बैठक समाप्त कर दिया गया.

निदेशक अधिकारी को किया गया तैनात
मेयर ने कहा कि पटना में सिर्फ एक जन जनप्रतिनिधि के रूप में निदेशक हैं. बाकी इस परियोजना के लिए सरकार द्वारा सभी निदेशक अधिकारी को तैनात किया गया है. इसलिए बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक में जनप्रतिनिधियों की बात नहीं सुनी जाती है. इस दौरान उन्होंने स्मार्ट सिटी की चयनित योजनाओं में कोई प्रगति नहीं होने से नाराजगी जाहिर की. साथ ही कहा कि स्मार्ट सिटी में पिछले 4 सालों में सिर्फ योजनाओं का चयन और निविदा को रद्द करने का ही काम हुआ है.

patna
मेयर सीता साहू का पत्र

धरातल पर नहीं उतर सकी परियोजना
मेयर ने कहा कि स्मार्ट सिटी का एक भी काम धरातल पर दिख नहीं रहा है. दूसरे राज्यों में स्मार्ट सिटी में इतने ही दिनों में बहुत सारी परियोजनाओं को धरातल पर उतार दिया गया. लेकिन पटना में अधिकारियों की मनमानी की वजह से आज तक एक भी परियोजना धरातल पर नहीं उतर सकी. महापौर ने कहा कि पटना की जनता ने स्मार्ट सिटी को लेकर कई उम्मीदें बांध रखी है. लेकिन वह उम्मीद कहीं दिख नहीं रही है. उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी योजना को धरातल पर उतारने के लिए अधिकारियों के सामने अपनी आवाज हमेशा उठाती रहेंगी. यदि हमारी बातों को नहीं सुना गया तो हम सड़क पर भी उतरेंगे.

ये भी पढ़ें- अदालतगंज तालाब के सौंदर्यीकरण का काम पूरा, इस दिन से आम लोगों के लिए खुलेगा

अधिकारियों पर मनमानी का आरोप
बता दें कि पिछले दिनों स्मार्ट सिटी परियोजना को लेकर बोर्ड डायरेक्टर आनंद किशोर की ओर से कई नई योजनाओं को शामिल किया गया. लेकिन पुरानी योजनाओं पर अभी तक कार्य पूरे नहीं हो सके हैं. जिसकी वजह से उनके कार्यों पर मेयर सवाल उठा रही हैं. अब देखने वाली बात होगी कि मेयर ने जिन अधिकारियों पर मनमानी का आरोप लगाया है. उनके इस आरोप पर सरकार की तरफ से क्या कुछ प्रतिक्रिया आती है.

पटना: बिहार की राजधानी पटना को स्मार्ट सीटी (Smart City) बनाने के लिए सरकार की ओर से कई योजनाओं की घोषणा की गई है. इस योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए समय-समय पर स्मार्ट सिटी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर (Smart City Board of Directors) की बैठक होती है. जिससे कि समय पर काम को पूरा किया जा सके. इसको लेकर शनिवार को पटना स्मार्ट सिटी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर बैठक की गई. बैठक में मेयर ने अधिकारियों पर बात नहीं सुनने का आरोप लगाया है.

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मेयर पर बात नहीं सुनने का आरोप
मेयर ने कहा कि योजनाओं को लेकर हम अपनी बात कहना चाहते थे. लेकिन अधिकारियों ने हमारी बातों को अनसुना कर दिया. ऐसे में उन्होंने अधिकारियों को चेताया है कि यदि उनकी बातों को आगे से नहीं सुनी गया, तो वह सड़क पर उतर कर उनके खिलाफ आंदोलन करेंगी. मेयर ने कहा कि हमने पटना के सभी 75 वार्डों में कुल 80 जगहों पर जन सुविधा केंद्र का निर्माण करने, पटना की यातायात व्यवस्था और अपराध के निगरानी के लिए आईसीसीसी अविलंब निर्माण करने मंत्री और बाकरगंज नाला का निर्माण करने, रेलवे डेवलपमेंट एरिया प्रोजेक्ट को जल्द शुरू करने के संबंधित विषयों पर अपनी बातों को रखना चाहा था. लेकिन उनके सुझाव को सुने बिना ही अध्यक्ष द्वारा बैठक समाप्त कर दिया गया.

निदेशक अधिकारी को किया गया तैनात
मेयर ने कहा कि पटना में सिर्फ एक जन जनप्रतिनिधि के रूप में निदेशक हैं. बाकी इस परियोजना के लिए सरकार द्वारा सभी निदेशक अधिकारी को तैनात किया गया है. इसलिए बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक में जनप्रतिनिधियों की बात नहीं सुनी जाती है. इस दौरान उन्होंने स्मार्ट सिटी की चयनित योजनाओं में कोई प्रगति नहीं होने से नाराजगी जाहिर की. साथ ही कहा कि स्मार्ट सिटी में पिछले 4 सालों में सिर्फ योजनाओं का चयन और निविदा को रद्द करने का ही काम हुआ है.

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मेयर सीता साहू का पत्र

धरातल पर नहीं उतर सकी परियोजना
मेयर ने कहा कि स्मार्ट सिटी का एक भी काम धरातल पर दिख नहीं रहा है. दूसरे राज्यों में स्मार्ट सिटी में इतने ही दिनों में बहुत सारी परियोजनाओं को धरातल पर उतार दिया गया. लेकिन पटना में अधिकारियों की मनमानी की वजह से आज तक एक भी परियोजना धरातल पर नहीं उतर सकी. महापौर ने कहा कि पटना की जनता ने स्मार्ट सिटी को लेकर कई उम्मीदें बांध रखी है. लेकिन वह उम्मीद कहीं दिख नहीं रही है. उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी योजना को धरातल पर उतारने के लिए अधिकारियों के सामने अपनी आवाज हमेशा उठाती रहेंगी. यदि हमारी बातों को नहीं सुना गया तो हम सड़क पर भी उतरेंगे.

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अधिकारियों पर मनमानी का आरोप
बता दें कि पिछले दिनों स्मार्ट सिटी परियोजना को लेकर बोर्ड डायरेक्टर आनंद किशोर की ओर से कई नई योजनाओं को शामिल किया गया. लेकिन पुरानी योजनाओं पर अभी तक कार्य पूरे नहीं हो सके हैं. जिसकी वजह से उनके कार्यों पर मेयर सवाल उठा रही हैं. अब देखने वाली बात होगी कि मेयर ने जिन अधिकारियों पर मनमानी का आरोप लगाया है. उनके इस आरोप पर सरकार की तरफ से क्या कुछ प्रतिक्रिया आती है.

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