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मसौढ़ी सिविल कोर्ट के वकीलों ने किया कार्य का बहिष्कार, ADJ के साथ हुई घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग

मधुबनी के झंझारपुर सिविल कोर्ट के एडीजे से मारपीट को लेकर मसौढ़ी सिविल कोर्ट के अधिवक्ताओं (Masaurhi Civil Court Advocates) ने विरोध प्रदर्शन किया. अधिवक्ताओं ने मांग की है कि एडीजे के साथ हुई घटना की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए.

अधिवक्ताओं ने किया न्यायिक कार्य का बहिष्कार
वकीलों ने किया न्यायिक कार्य का बहिष्कार
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Published : Nov 24, 2021, 3:42 PM IST

मसौढ़ीः बीते चार दिन पहले झंझारपुर सिविल कोर्ट के एडीजे अविनाश कुमार (ADJ Avinash Kumar) साथ हुई घटना के बाद बिहार के विभिन्न जिलों के सिविल कोर्ट में अधिवक्ताओं का आक्रोश और विरोध प्रदर्शन जारी है. बुधवार को मसौढ़ी के सिविल कोर्ट के सभी अधिवक्ताओं (Masaurhi Civil Court Advocates) ने भी विरोध प्रदर्शन किया. झंझारपुर एडीजे की घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की.

ये भी पढ़ें: मधुबनी जज-पुलिस मारपीट कांड: पुलिस एसोसिएशन ने ADJ अविनाश कुमार के खिलाफ खोला मोर्चा

मसौढ़ी सिविल कोर्ट के अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह अशोक ने कहा कि आज सभी अधिवक्ता कोर्ट में न्यायिक कार्य से अलग रहने की घोषणा की है. अधिवक्ताओं ने बुधवार को न्यायिक कार्य का बहिष्कार करते हुए अधिवक्ता सुरक्षा बिल और झंझारपुर एडीजे घटना की उच्च स्तरीय जांच और एडीजे के साथ सुरक्षा में एक अधिवक्ता पर हुए फर्जी केस को वापस लेने की मांग की. सभी अधिवक्ताओं ने कोर्ट परिसर से नारेबाजी करते हुए पटना गया NH83 पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया.

वकीलों ने किया न्यायिक कार्य का बहिष्कार

बता दें कि झंझारपुर एडीजे अविनाश कुमार के चेंबर में घोघरडीहा थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण और एएसआई अभिमन्यु कुमार शर्मा ने घुसकर उन पर पिस्तौल तान दी थी और मारपीट की थी. कोर्ट के कर्मचारियों और वकीलों ने उनकी जान बचाई. आरोप है कि उस दिन लगभग सवा दो बजे थानेदार गोपाल और एएसआई अभिमन्यु एडीजे के कक्ष में घुस गए. वहां आते ही जज साहब को कहने लगे तुम्हारी हैसियत कैसे हो गई कि तुम हमलोगों को बुलाते हो. तुमको हम एडीजे नहीं मानते.

ये भी पढ़ें: मधुबनी में पुलिसवालों का जज पर हमला, चेंबर में घुसकर की मारपीट और गाली-गलौज

आरोप ये भी है कि एएसआई अभिमन्यू ने एडीजे के साथ मारपीट भी की और गोपाल कृष्ण ने भद्दी-भद्दी गालियां दी. इस मामले में दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. फिलहाल दोनों पुलिस अधिकारियों का डीएमसीएच दरभंगा में इलाज रहा है. इस मामले में लगभग एक दर्जन से अधिक लोगों से पूछताछ की गई है. जिसमें दो तीन वकील, मेडिकल ऑफिसर, एडिशनल पीपी, स्थानीय पुलिस ऑफिसर और सिविल कोर्ट में ड्यूटी में तैनात सिपाही शामिल हैं. आगे की कार्रवाई अभी जारी है.

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मसौढ़ीः बीते चार दिन पहले झंझारपुर सिविल कोर्ट के एडीजे अविनाश कुमार (ADJ Avinash Kumar) साथ हुई घटना के बाद बिहार के विभिन्न जिलों के सिविल कोर्ट में अधिवक्ताओं का आक्रोश और विरोध प्रदर्शन जारी है. बुधवार को मसौढ़ी के सिविल कोर्ट के सभी अधिवक्ताओं (Masaurhi Civil Court Advocates) ने भी विरोध प्रदर्शन किया. झंझारपुर एडीजे की घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की.

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मसौढ़ी सिविल कोर्ट के अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह अशोक ने कहा कि आज सभी अधिवक्ता कोर्ट में न्यायिक कार्य से अलग रहने की घोषणा की है. अधिवक्ताओं ने बुधवार को न्यायिक कार्य का बहिष्कार करते हुए अधिवक्ता सुरक्षा बिल और झंझारपुर एडीजे घटना की उच्च स्तरीय जांच और एडीजे के साथ सुरक्षा में एक अधिवक्ता पर हुए फर्जी केस को वापस लेने की मांग की. सभी अधिवक्ताओं ने कोर्ट परिसर से नारेबाजी करते हुए पटना गया NH83 पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया.

वकीलों ने किया न्यायिक कार्य का बहिष्कार

बता दें कि झंझारपुर एडीजे अविनाश कुमार के चेंबर में घोघरडीहा थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण और एएसआई अभिमन्यु कुमार शर्मा ने घुसकर उन पर पिस्तौल तान दी थी और मारपीट की थी. कोर्ट के कर्मचारियों और वकीलों ने उनकी जान बचाई. आरोप है कि उस दिन लगभग सवा दो बजे थानेदार गोपाल और एएसआई अभिमन्यु एडीजे के कक्ष में घुस गए. वहां आते ही जज साहब को कहने लगे तुम्हारी हैसियत कैसे हो गई कि तुम हमलोगों को बुलाते हो. तुमको हम एडीजे नहीं मानते.

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आरोप ये भी है कि एएसआई अभिमन्यू ने एडीजे के साथ मारपीट भी की और गोपाल कृष्ण ने भद्दी-भद्दी गालियां दी. इस मामले में दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. फिलहाल दोनों पुलिस अधिकारियों का डीएमसीएच दरभंगा में इलाज रहा है. इस मामले में लगभग एक दर्जन से अधिक लोगों से पूछताछ की गई है. जिसमें दो तीन वकील, मेडिकल ऑफिसर, एडिशनल पीपी, स्थानीय पुलिस ऑफिसर और सिविल कोर्ट में ड्यूटी में तैनात सिपाही शामिल हैं. आगे की कार्रवाई अभी जारी है.

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