पटना (मसौढ़ी): राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी में 20 दिन से अधिवक्ताओं की हड़ताल (Advocates Strike in Masaurhi for 20 Days) जारी है. 6 सूत्री मांगों को लेकर एडवोकेट न्यायिक कार्यों से विरत (Advocate Abstains from Judicial Work in Masaurhi) हैं. जिससे कोर्ट नहीं संचालित हो पा रही है. जिससे मुवक्किलों की परेशानी बढ़ गई है. लोग केस की पैरवी और जेल में बंद अपनों को छुड़ाने के लिए परेशान दिख रहे हैं. कोर्ट परिसर में सन्नाटा पसरा हुआ है.
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बता दें कि 6 सूत्री मांगों को लेकर मसौढ़ी सिविल कोर्ट अधिवक्ताओं का लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है. सोमवार को 20वें दिन भी उन्होंने न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया. कोर्ट परिसर में बैठकर सभी अधिवक्ता अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करते दिखे. उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगीं तब तक विरोध प्रदर्शन होता रहेगा.
मसौढ़ी सिविल कोर्ट के अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह अशोक ने बताया कि पहले मसौढ़ी सिविल कोर्ट में एनआईए एक्ट, एससी-एसटी एक्ट और शराब मामले में स्पीडी ट्रायल होता था. इसके साथ ही अग्रिम जमानत की सुनवाई होती थी, लेकिन अब यह सारे मामले पटना में हो रहे हैं. ऐसे में मसौढ़ी सिविल कोर्ट का क्या मतलब रह जाएगा. यहां के सारे वकील बेरोजगार हो चुके हैं. जब तक हम अधिवक्ताओं की 6 सूत्री मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, लगातार अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगा.
'हम सभी अधिवक्तागण 27 नवंबर से हड़ताल पर बैठे हैं. हाईकोर्ट के जज और बिहार सरकार से हमारी सीधी लड़ाई है. 6 सूत्री मांग को लेकर हड़ताल पर हैं. जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी, हड़ताल जारी रहेगा. -महेंद्र सिंह अशोक, अध्यक्ष बार एसोसिएशन मसौढ़ी
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