पटना (बिहटा): लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में शहीद हुए पटना के बिहटा के वीर सपूत सुनील कुमार की अंतिम यात्रा गुरुवार सुबह पैतृक गांव से निकली, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए. लोगों ने उन्हें अश्रुपूर्ण विदाई दी.
तारापुर गांव से सुनील की अंतिम यात्रा निकाली गई. उनकी अंतिम यात्रा में आसपास के गांवों के भी लोग बड़ी संख्या खासकर युवा शामिल हुए. इस दौरान 'शहीद सुनील अमर रहे', 'भारत माता की जय', 'चीन मुर्दाबाद' जैसे नारों से पूरा क्षेत्र गूंजता रहा.
'मेरे पति की शहादत का बदला ले सरकार'
लोगों को वीर सपूत सुनील के जाने का दुख तो था लेकिन इस बात का गर्व भी था कि सपूत ने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर किए हैं. शहीद सुनील कुमार की पत्नी ने भी उनके पार्थिव शरीर को सैल्यूट किया. साथ ही, शहीद की पत्नी ने कहा कि सरकार चीन से मेरे पति की शहादत का बदला ले और लोग चीन के सामानों का बहिष्कार करें.
शहीद सुनील की अंतिम यात्रा में उमड़े लोग
शहीद सुनील के पार्थिव शरीर का गंगा नदी के तट पर हल्दी छपरा घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. उनके बड़े पुत्र ने मुखाग्नि दी. इससे पहले सेना के जवानों ने अंतिम सलामी दी.
शहीद के इस अंतिम यात्रा में बिहार के मंत्री नंदकिशोर यादव, सांसद रामकृपाल यादव, विधायक भाई वीरेंद्र सहित कई अधिकारी भी उपस्थित थे. इससे पहले, सुनील कुमार का पार्थिव शरीर बुधवार की शाम पटना हवाई अड्डा पहुंचा था, जहां गणमान्य लोगों ने श्रद्घांजलि अर्पित किए.