सारण: बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) के बावजूद सारण में जहरीली शराब पीने से लगातार मौतें हो (Hooch tragedy in Chapra) रहीं हैं. सारण के मकेर थाना क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से अब तक कुल 11 लोगों की मौत हो गई है. जिनमें से सात लोगों की मौत पटना के पीएमसीएच में इलाज के क्रम में हुई है. वहीं 2 लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है. जहरीली शराब पीने वाले कई लोग अभी भी छपरा सदर अस्पताल में एडमिट हैं. सारण जिलाधिकारी सभी मौतों की पुष्टि करते हुए बताया कि 1 शख्स ऐसा भी था जिसकी डेड बॉडी बिना पोस्टमार्टम के ही जला दी गई. उन्होंने बताया कि आज सुबह 2 मरीजों की हालत गंभीर होने पर पीएमसीएच रेफर किया गया है. जांच रिपोर्ट के मुताबिक बीमार लोगों में मेथनॉल पॉइजन पाये जाने की जानकारी मिल रही है.
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'सारण के मकेर थाना अंतर्गत फुलवरिया ग्राम पंचायत में शराब पीने से 11 लोगों की मौत हुई है. 1 शख्स पड़ोसी गांव का था. जब जांच टीम पहुंची तो पता चला कि उसकी डेडबॉडी बिना पोस्टमार्टम करवाए ही उसकी अंत्येष्टि करा दी गई. जिला प्रशासन ने जो गंभीर रूप से बीमार हैं उनको छपरा और पटना के पीएमसीएच में भर्ती करवाया है. उनका इलाज चल रहा है'- राजेश मीणा, जिलाधिकारी सारण
इन मरीजों को लाया गया PMCH
- कमल महतो (52 वर्ष) रास्ते में लाते वक्त मौत
- उपेन्द्र महतो (30 वर्ष)
- सकलदीप महतो (35वर्ष) PMCH में मौत
- देवानंद महतो (35 वर्ष)
- ओमनाथ महतो (26 वर्ष) PMCH में मौत
- प्रेम महतो (30 वर्ष)
- चंद्रेश्वर महतो (45 वर्ष) PMCH में मौत
- जानीलाल महतो (40 वर्ष) PMCH में मौत
- भोली महतो (45 वर्ष)
- जयलाल महतो (44 वर्ष)
- चंद्रेश्वर महतो S/O बिलाल महतो (47 वर्ष) PMCH में मौत
'साहब हमारे गांव में रामानंद मांझी खुलेआम दारू बेचता है. दारू में स्प्रीट मिलकर पिला दिया है सब. मेरे दोनों भाई की मौत हो गई है. खुलेआम दारू बिकती रहती है और प्रशासन कुछ नहीं करता है. हम लोग पोस्टमार्टम के लिए कल से जूझ रहे हैं कोई कार्रवाई नहीं हो रहा है'- मृतक का भाई
डेडबॉडी के पोस्टमार्टम के लिए परिजन परेशान: मृतकों के परिजन डेडबॉडी पाने के लिए छटपटा रहे हैं. उनका आरोप है कि कल से उनके परिजन की डेडबॉडी मर्चुरी में पड़ी हुई है. पोस्टमार्ट ने के लिए हम सभी भटक रहे हैं लेकिन पोस्टमार्टम नहीं हो रहा है. वहीं, शुक्रवार को जाप सुप्रीमो पप्पू यादव शराब कांड के पीड़ितों के परिजनों से मिलने पहुंचे. जहां परिजनों ने उन्हें बताया कि शराब माफियाओं की पुलिस प्रशासन से मिलीभगत के वजह से शराब खुलेआम बिकती हैं. सरकार को चाहिए कि शराब माफिया के खिलाफ शूट एंड साइट का ऑर्डर निकाले.
'शराब माफिया की बिहार पुलिस के साठगांठ हैं. पुलिस शराब माफिया को बचाने में लगी हुई है. लोगों की जान जा रही है. सरकार को चाहिए कि ऐसे माफिया के खिलाफ शूट एंड साइट का ऑर्डर निकाले. ऐसे लोगों को जीने का कोई हक नहीं है जो दूसरों की जिंदगी में दखल दे'- पप्पू यादव, JAP सुप्रीमो
25 लोगों के आंखों की गई रोशनी: बता दें कि छपरा से पटना के पीएमसीएच में 12 मरीजों को भर्ती किया गया था. जहरीली शराब पीने से 7 संदिग्ध मरीजों की मौत हो चुकी है. 3 की हालत गंभीर है. स्थानीय ग्रामीण ने बताया कि तबीयत बिगड़ने लगी तो परिजन अस्पतालों की ओर भागे. दारू सस्ती कर देने की वजह से लोगों ने खूब पिया था. उसका नतीजा था कि लोग बीमार पड़ गए. गुरुवार की सुबह लोगों ने नहीं दिखने की शिकायत की. उल्टी और चक्कर भी आने लगे. छपरा सदर अस्पताल पहुंचे तो कुछ लोगों को पटना के पीएमसीएच रेफर किया गया था.