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ईडी ने सृजन घोटाला मामले में दिवंगत मनोरमा देवी के मुख्य सहयोगी को किया गिरफ्तार - Prevention of Money Laundering Act

ईडी ने कहा कि साजिश को आगे बढ़ाने के लिए, सृजन के धन का दुरुपयोग गाजियाबाद, पुणे, पटना, भागलपुर आदि में फ्लैट और अन्य अचल संपत्तियों की खरीद के लिए किया गया था. ईडी ने सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था.

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Published : Aug 13, 2021, 12:44 PM IST

पटना/नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) (Enforcement Directorate) ने गुरुवार को कहा कि उसने सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड (एसएमवीएसएसएल) की संस्थापक दिवंगत मनोरमा देवी के करीबी सहयोगी प्रणव कुमार घोष को गिरफ्तार किया है. यह मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) से जुड़ा मामला है. ईडी ने एक बयान में कहा कि वित्तीय जांच एजेंसी ने घोष को धन शोधन रोकथाम कानून (Prevention of Money Laundering Act) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया है.

ये भी पढ़ें: बिहार में दो बड़े गड़बड़झालों से NGO बदनाम, सरकार की कार्यप्रणाली पर भी उठे सवाल

इसमें कहा गया है कि घोष पर 'सृजन घोटाला' नामक बड़े घोटाले में शामिल होने का आरोप है, जिसमें सरकारी धन बिहार में एसएमवीएसएसएल के विभिन्न बैंक खातों में भेजा गया था. सृजन घोटाला 500 करोड़ रुपये से अधिक का है.

ईडी ने कहा कि घोष देवी का करीबी सहयोगी था, और उसने विभिन्न सरकारी अधिकारियों, बैंक अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और अन्य सदस्यों के साथ मिलकर सरकारी धन को सृजन के खातों में स्थानांतरित करने की साजिश रची, जिसका उपयोग सभी साजिशकर्ताओं के लाभ के लिए किया गया था.

ये भी पढ़ें: सृजन घोटाला : 100 करोड़ के गबन मामले में 3 बैंकों के कर्मचारियों पर दर्ज हुई FIR

आरोप है कि एसएमवीएसएसएल ने बैंक अधिकारियों की मदद से बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन बैंक और भागलपुर को-ऑपरेटिव बैंक में कई बैंक खाते खोले. इसमें आगे कहा कि सरकारी अधिकारियों के साथ साजिश कर जिला भूमि अधिग्रहण कार्यालय, इंदिरा आवास योजना, जिला कल्याण योजना आदि में पड़ी राशि सृजन के खाते में ट्रांसफर कर दी गई.

ईडी ने कहा कि साजिश को आगे बढ़ाने के लिए, सृजन के धन का दुरुपयोग गाजियाबाद, पुणे, पटना, भागलपुर आदि में फ्लैट और अन्य अचल संपत्तियों की खरीद के लिए किया गया था. ईडी ने सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था.

ये भी पढ़ें: 'घोटालों की सियासत' में नीतीश की छवि धूमिल करने में नाकामयाब रही RJD

"जांच के दौरान, यह पता चला कि आरोपी ने अपराध की आय से चल और अचल संपत्ति अर्जित की थी. प्रारंभिक जांच के परिणामस्वरूप, 32 फ्लैट, 18 दुकानों, 38 सहित 18.45 करोड़ रुपये की संपत्ति को कुर्क करने के दो आदेश जारी किए गए थे. प्लॉट/मकान, 47 बैंक खाते, अन्य शामिल हैं." - ईडी

ईडी ने कहा, "जांच के दौरान, घोष ने सहयोग नहीं किया और उन्होंने ईडी द्वारा जारी समन का पालन नहीं किया था. इसलिए, उन्हें 6 अगस्त को गिरफ्तार किया गया और एक अदालत ने 5 दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया."

पटना/नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) (Enforcement Directorate) ने गुरुवार को कहा कि उसने सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड (एसएमवीएसएसएल) की संस्थापक दिवंगत मनोरमा देवी के करीबी सहयोगी प्रणव कुमार घोष को गिरफ्तार किया है. यह मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) से जुड़ा मामला है. ईडी ने एक बयान में कहा कि वित्तीय जांच एजेंसी ने घोष को धन शोधन रोकथाम कानून (Prevention of Money Laundering Act) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया है.

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इसमें कहा गया है कि घोष पर 'सृजन घोटाला' नामक बड़े घोटाले में शामिल होने का आरोप है, जिसमें सरकारी धन बिहार में एसएमवीएसएसएल के विभिन्न बैंक खातों में भेजा गया था. सृजन घोटाला 500 करोड़ रुपये से अधिक का है.

ईडी ने कहा कि घोष देवी का करीबी सहयोगी था, और उसने विभिन्न सरकारी अधिकारियों, बैंक अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और अन्य सदस्यों के साथ मिलकर सरकारी धन को सृजन के खातों में स्थानांतरित करने की साजिश रची, जिसका उपयोग सभी साजिशकर्ताओं के लाभ के लिए किया गया था.

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आरोप है कि एसएमवीएसएसएल ने बैंक अधिकारियों की मदद से बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन बैंक और भागलपुर को-ऑपरेटिव बैंक में कई बैंक खाते खोले. इसमें आगे कहा कि सरकारी अधिकारियों के साथ साजिश कर जिला भूमि अधिग्रहण कार्यालय, इंदिरा आवास योजना, जिला कल्याण योजना आदि में पड़ी राशि सृजन के खाते में ट्रांसफर कर दी गई.

ईडी ने कहा कि साजिश को आगे बढ़ाने के लिए, सृजन के धन का दुरुपयोग गाजियाबाद, पुणे, पटना, भागलपुर आदि में फ्लैट और अन्य अचल संपत्तियों की खरीद के लिए किया गया था. ईडी ने सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था.

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"जांच के दौरान, यह पता चला कि आरोपी ने अपराध की आय से चल और अचल संपत्ति अर्जित की थी. प्रारंभिक जांच के परिणामस्वरूप, 32 फ्लैट, 18 दुकानों, 38 सहित 18.45 करोड़ रुपये की संपत्ति को कुर्क करने के दो आदेश जारी किए गए थे. प्लॉट/मकान, 47 बैंक खाते, अन्य शामिल हैं." - ईडी

ईडी ने कहा, "जांच के दौरान, घोष ने सहयोग नहीं किया और उन्होंने ईडी द्वारा जारी समन का पालन नहीं किया था. इसलिए, उन्हें 6 अगस्त को गिरफ्तार किया गया और एक अदालत ने 5 दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया."

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