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बिहार में लॉकडाउन की मांग पर बोले मांझी- AC वाले लोग नहीं समझते हैं मजदूरों की मजबूरी

बिहार सरकार लॉकडाउन के विकल्प पर विचार कर रही है. इसको लेकर कुछ नेता तो समर्थन में हैं, लेकिन कुछ नेता समर्थन नहीं दे रहे हैं. वहीं हम पार्टी प्रमुख जीतन राम मांझी ने लॉकडाउन लगाने को लेकर अपनी सहमति के लिए एक शर्त भी रख दी है.

जीतन राम मांझी
जीतन राम मांझी
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Published : Apr 27, 2021, 12:44 PM IST

पटना: बिहार में संक्रमण के बढ़ते हुए मामले को देखकर सरकार गंभीरता पूर्वक लॉकडाउन के विकल्प पर विचार कर रही है. आज एक बार फिर बढ़ते संक्रमण के मामले को लेकर सीएम नीतीश कुमार हाई लेवल बैठक बुलाई है. लेकिन लॉकडाउन को लेकर एनडीए गठबंधन में ही तकरार देखने को मिल रही है. एक तरफ बीजेपी के नेता जहां राज्य में बढ़ते संक्रमण के मामले को लेकर लॉकडाउन लगाने की मांग करने में लगे हैं, तो वही हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा लॉकडाउन लागू करने के लिए एक नई शर्त सामने रख दी है.

यह भी पढ़ें- कोरोना का खौफ: लोगों ने की संपूर्ण लॉकडाउन की मांग, कहा- नाइट कर्फ्यू से न बनेगी बात

रखी ये शर्तें
बिहार में बढ़ते संक्रमण के मामले को लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के साथ कई नेता लगातार राज्य में लॉकडाउन लागू करने की मांग कर रहे हैं. तो वही हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा लॉकडाउन के पक्ष में नहीं दिख रहा है. लॉकडाउन को लेकर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शर्त रख दी है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि सरकार यदि राज्य में लॉकडाउन लगाने पर विचार कर रही है, तो हम उनका समर्थन करेंगे. लेकिन हमारी कुछ शर्तें भी हैं. जीतन राम मांझी ने ट्वीट के जरिए लिखा है कि बिजली, पानी बिल, स्कूल-कॉलेज की फीस माफ कर दी जाए. साथ ही किरायेदारों का किराया माफ किया जाए. बैंक लोन ईएमआई को भी माफ कर दिया जाए.

जीतन राम मांझी का ट्वीट
जीतन राम मांझी का ट्वीट

'एसी कमरे में बैठकर लॉकडाउन की मांग करने वाले नेताओं से हम पूछना चाहते हैं कि गरीबों को लेकर इन नेताओं का क्या विचार है. लॉकडाउन के पक्ष में हमारी भी पार्टी है. लेकिन हमारी कुछ शर्तें हैं. शर्तों को पूरा कर दिया जाता है, तो हम लॉकडाउन के पक्ष में खड़े हैं.' -दानिश रिजवान, प्रवक्ता, हम

देखें पूरी रिपोर्ट

लॉकडाउन से पहले निकालें निदान
दानिश रिजवान ने कहा कि ऐसी कमरे में बैठकर जिस तरह से नेता लॉकडाउन लागू करने की सजेशन सरकार को दे रहे हैं. लेकिन यह नेता यह नहीं बता रहे हैं कि लॉकडाउन की वजह से गरीबों की पेट में लगी आग को कैसे बुझायेंगे. लॉकडाउन की मांग करने वाले नेताओं से हम अनुरोध करते हैं कि वो लॉकडाउन में होने वाले समस्याओं का पहले निदान निकाले. उसके बाद ही लॉकडाउन पर अपना विचार दें. किसी का शौक नहीं होता कि जान जोखिम में डालकर घर से बाहर निकले. रोटी कपड़ा के लिए लोगों को निकलना पड़ता है.

दानिश रिजवान, प्रवक्ता, हम
दानिश रिजवान, प्रवक्ता, हम

नाइट कर्फ्यू से नहीं बनेगी बात
बता दें कि इससे पहले रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और मंत्री रामसूरत राय लोगों का समर्थन कर चुके हैं. संजय जायसवाल ने सरकार के नाइट कर्फ्यू लगाने के फैसले पर सवाल खड़ा कर दिया था. तो वहीं मंत्री रामसूरत राय ने कहा था कि राज्य में पूर्व लॉकडाउन लगाकर ही कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सकता है. बिहार में कोरोना से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. ऐसे में महज नाइट कर्फ्यू लगाने से संक्रमण कम नहीं होगा. इसलिए बिहार में संपूर्ण लॉकडाउन लगा देना चाहिए.

यह भी पढ़ें- बक्सर में 15 मई तक हर शनिवार और रविवार को रहेगा लॉकडाउन

यह भी पढ़ें- बिहार में बदतर हो रहे हालात, लोगों को लॉकडाउन जैसे कड़े फैसले का इंतजार

यह भी पढ़ें- Bihar Corona Update: 24 घंटे में 67 मौत, 11801 नए केस, पटना HC में कोरोना मामले को लेकर होगी सुनवाई

पटना: बिहार में संक्रमण के बढ़ते हुए मामले को देखकर सरकार गंभीरता पूर्वक लॉकडाउन के विकल्प पर विचार कर रही है. आज एक बार फिर बढ़ते संक्रमण के मामले को लेकर सीएम नीतीश कुमार हाई लेवल बैठक बुलाई है. लेकिन लॉकडाउन को लेकर एनडीए गठबंधन में ही तकरार देखने को मिल रही है. एक तरफ बीजेपी के नेता जहां राज्य में बढ़ते संक्रमण के मामले को लेकर लॉकडाउन लगाने की मांग करने में लगे हैं, तो वही हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा लॉकडाउन लागू करने के लिए एक नई शर्त सामने रख दी है.

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रखी ये शर्तें
बिहार में बढ़ते संक्रमण के मामले को लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के साथ कई नेता लगातार राज्य में लॉकडाउन लागू करने की मांग कर रहे हैं. तो वही हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा लॉकडाउन के पक्ष में नहीं दिख रहा है. लॉकडाउन को लेकर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शर्त रख दी है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि सरकार यदि राज्य में लॉकडाउन लगाने पर विचार कर रही है, तो हम उनका समर्थन करेंगे. लेकिन हमारी कुछ शर्तें भी हैं. जीतन राम मांझी ने ट्वीट के जरिए लिखा है कि बिजली, पानी बिल, स्कूल-कॉलेज की फीस माफ कर दी जाए. साथ ही किरायेदारों का किराया माफ किया जाए. बैंक लोन ईएमआई को भी माफ कर दिया जाए.

जीतन राम मांझी का ट्वीट
जीतन राम मांझी का ट्वीट

'एसी कमरे में बैठकर लॉकडाउन की मांग करने वाले नेताओं से हम पूछना चाहते हैं कि गरीबों को लेकर इन नेताओं का क्या विचार है. लॉकडाउन के पक्ष में हमारी भी पार्टी है. लेकिन हमारी कुछ शर्तें हैं. शर्तों को पूरा कर दिया जाता है, तो हम लॉकडाउन के पक्ष में खड़े हैं.' -दानिश रिजवान, प्रवक्ता, हम

देखें पूरी रिपोर्ट

लॉकडाउन से पहले निकालें निदान
दानिश रिजवान ने कहा कि ऐसी कमरे में बैठकर जिस तरह से नेता लॉकडाउन लागू करने की सजेशन सरकार को दे रहे हैं. लेकिन यह नेता यह नहीं बता रहे हैं कि लॉकडाउन की वजह से गरीबों की पेट में लगी आग को कैसे बुझायेंगे. लॉकडाउन की मांग करने वाले नेताओं से हम अनुरोध करते हैं कि वो लॉकडाउन में होने वाले समस्याओं का पहले निदान निकाले. उसके बाद ही लॉकडाउन पर अपना विचार दें. किसी का शौक नहीं होता कि जान जोखिम में डालकर घर से बाहर निकले. रोटी कपड़ा के लिए लोगों को निकलना पड़ता है.

दानिश रिजवान, प्रवक्ता, हम
दानिश रिजवान, प्रवक्ता, हम

नाइट कर्फ्यू से नहीं बनेगी बात
बता दें कि इससे पहले रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और मंत्री रामसूरत राय लोगों का समर्थन कर चुके हैं. संजय जायसवाल ने सरकार के नाइट कर्फ्यू लगाने के फैसले पर सवाल खड़ा कर दिया था. तो वहीं मंत्री रामसूरत राय ने कहा था कि राज्य में पूर्व लॉकडाउन लगाकर ही कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सकता है. बिहार में कोरोना से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. ऐसे में महज नाइट कर्फ्यू लगाने से संक्रमण कम नहीं होगा. इसलिए बिहार में संपूर्ण लॉकडाउन लगा देना चाहिए.

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