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पंचायत चुनाव में याद आया मनीष कश्यप का विधानसभा वाला घोषणा पत्र, जिसमें कहा था- '...जेल भेज देना'

राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) ने बिहार में 11 चरणों में पंचायत चुनाव (Panchayat Election) कराने की तैयारियां पूरी कर ली है. जिसके लिए दूसरे चरण के नामांकन की प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है. इस बीच एक शपथ पत्र लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. पढ़ें पूरी खबर..

Panchayat Election
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Published : Sep 7, 2021, 12:09 PM IST

पटना: बिहार पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) के मतदान शुरू होने में अब ज्यादा वक्त नहीं है. ऐसे में पदों के लिए हो रहे नामांकन में लोगों के शपथ पत्र दिए जा रहे हैं. इस बीच एक शपथ पत्र लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. 2020 में बिहार विधानसभा के चुनाव में चनपटिया विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मनीष कश्यप (Manish Kashyap) ने चुनाव लड़ा था और पूरे शपथ पत्र का एफिडेविट करवा करके उसे जमा दिया था.

यह भी पढ़ें- निर्दलीय प्रत्याशी मनीष कश्यप ने कोर्ट से एफिडेविट करा जारी किया शपथ पत्र

2020 में बिहार विधानसभा के चुनाव को दौरान मनीष के घोषणा पत्र में यह भी लिखा हुआ था कि मैं जिन वादों पर चुनाव लड़ रहा हूं अगर उसे पूरा नहीं कर पाया तो अगली बार मैं चुनाव ही नहीं लड़ूंगा. मनीष ने अपने घोषणा पत्र में यह भी कहा था कि अगर मैं विधायक बनता हूं और काम नहीं करता हूं तो हमारे क्षेत्र की जनता हमें मुकदमा करवा कर जेल भेज सकती है.

Panchayat Election
मनीष कश्यप का विधानसभा वाला घोषणा पत्र

बिहार में चल रहे पंचायत चुनाव को लेकर इस बात की चर्चा जोरों पर है कि जिस तरीके का घोषणा पत्र मनीष कश्यप ने दिया था उस तरह का घोषणा पत्र और किसी द्वारा जमा किया जाता है या नहीं. दरअसल पंचायत चुनाव बिहार के विकास में अहम भूमिका निभाता है. ऐसे में जो भी प्रत्याशी चुनावी मैदान में जा रहे हैं उनका विजन होना जरूरी है और इस बात को लेकर बिहार में चर्चा भी जोरों पर है.

चनपटिया विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी मनीष कश्यप का कहना था कि लोग चंद किताबों में छपवा कर अपना घोषणा पत्र तैयार करते हैं लेकिन उन घोषणापत्र पर काम नहीं होता है. मैंने अपना शपथ पत्र एफिडेविट करवाया है. इस बार पंचायत चुनाव में मनीष कश्यप की विधानसभा चुनाव के दौरान लाए गए घोषणापत्र की चर्चा जोरों पर हो रही है.

बता दें दूसरे चरण के नामाकंन की प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है. 34 जिलों के 48 प्रखंडों में नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. नामांकन 13 सितंबर तक चलेगा, जिसके बाद नामांकन पत्रों की जांच होगी. उम्मीदवार 18 सितंबर तक अपना नाम वापस ले सकते हैं. नाम वापस लेने के बाद जितने प्रत्याशी बचेंगे, उसके आधार पर चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया जाएगा. 29 सितंबर को दूसरे चरण का मतदान होना है.

यह भी पढ़ें- पंचायत चुनाव का पहला चरण: नॉमिनेशन के चौथे दिन 5279 प्रत्याशियों ने दाखिल किया नामांकन पत्र

यह भी पढ़ें- कैमूर: पंचायत चुनाव की युद्ध स्तर पर चल रही है तैयारी, आरक्षित सीटों का विवरण किया गया सार्वजनिक

पटना: बिहार पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) के मतदान शुरू होने में अब ज्यादा वक्त नहीं है. ऐसे में पदों के लिए हो रहे नामांकन में लोगों के शपथ पत्र दिए जा रहे हैं. इस बीच एक शपथ पत्र लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. 2020 में बिहार विधानसभा के चुनाव में चनपटिया विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मनीष कश्यप (Manish Kashyap) ने चुनाव लड़ा था और पूरे शपथ पत्र का एफिडेविट करवा करके उसे जमा दिया था.

यह भी पढ़ें- निर्दलीय प्रत्याशी मनीष कश्यप ने कोर्ट से एफिडेविट करा जारी किया शपथ पत्र

2020 में बिहार विधानसभा के चुनाव को दौरान मनीष के घोषणा पत्र में यह भी लिखा हुआ था कि मैं जिन वादों पर चुनाव लड़ रहा हूं अगर उसे पूरा नहीं कर पाया तो अगली बार मैं चुनाव ही नहीं लड़ूंगा. मनीष ने अपने घोषणा पत्र में यह भी कहा था कि अगर मैं विधायक बनता हूं और काम नहीं करता हूं तो हमारे क्षेत्र की जनता हमें मुकदमा करवा कर जेल भेज सकती है.

Panchayat Election
मनीष कश्यप का विधानसभा वाला घोषणा पत्र

बिहार में चल रहे पंचायत चुनाव को लेकर इस बात की चर्चा जोरों पर है कि जिस तरीके का घोषणा पत्र मनीष कश्यप ने दिया था उस तरह का घोषणा पत्र और किसी द्वारा जमा किया जाता है या नहीं. दरअसल पंचायत चुनाव बिहार के विकास में अहम भूमिका निभाता है. ऐसे में जो भी प्रत्याशी चुनावी मैदान में जा रहे हैं उनका विजन होना जरूरी है और इस बात को लेकर बिहार में चर्चा भी जोरों पर है.

चनपटिया विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी मनीष कश्यप का कहना था कि लोग चंद किताबों में छपवा कर अपना घोषणा पत्र तैयार करते हैं लेकिन उन घोषणापत्र पर काम नहीं होता है. मैंने अपना शपथ पत्र एफिडेविट करवाया है. इस बार पंचायत चुनाव में मनीष कश्यप की विधानसभा चुनाव के दौरान लाए गए घोषणापत्र की चर्चा जोरों पर हो रही है.

बता दें दूसरे चरण के नामाकंन की प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है. 34 जिलों के 48 प्रखंडों में नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. नामांकन 13 सितंबर तक चलेगा, जिसके बाद नामांकन पत्रों की जांच होगी. उम्मीदवार 18 सितंबर तक अपना नाम वापस ले सकते हैं. नाम वापस लेने के बाद जितने प्रत्याशी बचेंगे, उसके आधार पर चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया जाएगा. 29 सितंबर को दूसरे चरण का मतदान होना है.

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