पटना: बिहार सरकार पिछले 5 सालों से अपने ड्यूटी पर नहीं जाने वाले डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों पर जल्द कार्रवाई करने के मूड में है. इस सूची में तकरीबन 400 चिकित्सक हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने फरार डॉक्टरों से ड्यूटी पर वापस लौटने की अपील की है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से उत्पन्न संकट से निपटने में सबसे आगे चिकित्सक और चिकित्सा सेवा के लोग हैं. वर्तमान समय में सभी लोग इनका सम्मान कर रहे हैं.
'फरार डॉक्टरों का निबंधन रद्द करने की अनुशंसा का मन'
साथ ही स्वास्थ्य मंत्री ने याद दिलाया कि पिछले दिनों देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉक्टरों और अस्पतालों को धन्यवाद देने के लिए पुष्प वर्षा की थी. लेकिन राज्य के करीब 400 डॉक्टर इस संकट की घड़ी में भी अपने ड्यूटी पर नियमित नहीं है. उन्होंने कहा कि ड्यूटी पर नहीं आने वाले चिकित्सकों पर विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित है. राज्य सरकार ड्यूटी से फरार चल रहे डॉक्टरों का निबंधन रद्द करने की अनुशंसा का मन बना लिया है.
'सभी जिलों में जांच सेंटर है सरकार का लक्ष्य'
वहीं, जांच के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आगामी एक सप्ताह में बिहार में प्रतिदिन 5 से 6 हजार सैंपल की जांच हो सकेगी. मंगल पांडे की मानें तो जल्द ही प्रतिदिन 10 हजार सैंपल की जांच शुरू हो जाएगी. राज्य सरकार का लक्ष्य है कि हर जिले में जांच की व्यवस्था हो. अभी 20 जिलों में कोरोना वायरस संक्रमण की जांच हो रही है. कोरोना संक्रमण के बढ़ते आंकड़े और प्रवासी मजदूरों की संख्या पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि क्योंकि सभी मजदूरों की जांच हो रही है, इसलिए संख्या बढ़ी है.
'कोरोना का एकमात्र उपाय सतर्क रहना'
क्वारंटाइन सेंटर के सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार पर्याप्त इंतजाम कर रही है. जहां तक पॉजिटिव मरीजों की संख्या का सवाल है, तो बता दें कि जल्द ही इस पर भी नियंत्रण हो जाएगा. राज्य के कई आईएएस अधिकारी और उनके परिवार के पॉजिटिव होने के बाद सरकारी तंत्र को स्वास्थ विभाग द्वारा अधिक सतर्कता बरतने को कहा गया है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस महामारी से निपटने का एकमात्र उपाय ही सतर्क रहना है.
'वेंटिलेटर के इंतजाम में जुटी सरकार'
राज्य में वेंटिलेटरों की स्थिति के बारे में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि शुरुआत के दिनों में सरकार को लगा था कि अधिक से अधिक संख्या में वेंटिलेटर की जरूरत होगी. लेकिन अभी तक केवल 15 लोगों को ऑक्सीजन और तीन लोगों को वेंटिलेटर की जरूरत हुई है. इससे राज्य सरकार को बड़ी राहत मिली है कि इस वायरस के कारण लोग गंभीर रूप से बीमार नहीं हो रहे. हालांकि, राज्य सरकार पर्याप्त संख्या में वेंटिलेटर का इंतजाम करने में भी जुटी है.