पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बेकाबू है. संक्रमित मरीजों की संख्या एक लाख के पार जा चुकी है. अस्पताल में संसाधनों का घोर अभाव है. ऐसे में आईजीआईएमएस के बाद मेदांता को भी सरकार कोविड डेडीकेटेड अस्पताल के रूप में विकसित करने जा रही है.
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संक्रमित मरीजों की संख्या एक लाख के पार
बिहार में कोरोना का संकट बढ़ता जा रहा है. संक्रमित मरीजों की संख्या जहां एक लाख के पार जा चुकी है, वहीं मौत के आंकड़ों ने सरकार को चिंता में डाल दिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मेदांता अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल के रूप में विकसित करने की मांग कर चुके हैं. इसके अलावा ऐसी ही मांग केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद कर चुके हैं. लेकिन अब तक ठोस नतीजा नहीं निकला है.
"3 से 4 दिनों में आईजीआईएमएस अस्पताल पूर्ण रूप से चालू हो जाएगा. वहां से मरीजों को हम दूसरी जगह शिफ्ट करने की तैयारी में हैं. जहां तक मेदांता अस्पताल का सवाल है तो 5 से 6 दिनों में मेदांता अस्पताल के इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के बाद उसे भी शुरू कर दिया जाए"- मंगल पांडेय, स्वास्थ्य मंत्री
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एम्स में दूसरी बीमारियों का इलाज
मंगल पांडे ने कहा कि एम्स में दूसरी बीमारियों का इलाज भी होता है. इस वजह से एम्स को कोविड अस्पताल नहीं बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी को छूट दी गई है कि वह संगठन के हिसाब से सख्ती बरतने को लेकर फैसले लें.