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पटना: बाढ़ की चपेट में मनेर अनुमंडल, प्रशासन के उदासीन रवैये से लोग नाराज - bihar flood news

लोगों का कहना है कि प्रशासन सब कुछ जान कर भी अनजान बनी रहती है. उनकी तरफ से अबतक कोई मदद नहीं मिली है. यहां तक कि बाढ़ में नाव की व्यवस्था भी नहीं की गई है.

flood in maner block of patna
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Published : Sep 24, 2019, 7:23 PM IST

पटना: मनेर प्रखंड के रतन टोला के हजारों लोग देश की सुरक्षा और सेवा में लगे हुए हैं. ऐसे में इस गांव को फौजियों का गांव कहा जाता है. फिलहाल यह गांव बाढ़ की चपेट में है. जिससे लोगों का जन-जीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है.

गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण खतरा
गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने के कारण गांव चारों तरफ से पानी से घिर गया है. यहां तक कि अब लोगों के घरों में पानी घुसने लगा है. गांव के लोगों की माने तो गंगा के किनारे होने के कारण इस गांव पर हमेशा खतरा बना रहता है. इस पर लोगों का कहना है कि प्रशासन सब कुछ जान कर भी अनजान बनी रहती है. उनकी तरफ से अबतक कोई मदद नहीं मिली है. यहां तक कि नाव की व्यवस्था भी नहीं की गई है. जिससे एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाया जा सके.

बाढ़ में डूबा हुआ है मनेर प्रखंड

पहले सुखाड़ और अब बाढ़ से हलकान
बाढ़ के कारण लोगों के पास खाने के लिए अनाज नहीं है और मवेशियों के खाने के लिए चारा नहीं है. फसल भी बर्बाद हो गए है. मनेर सीओ संजय कुमार झा ने बताया कि गंगा के जलस्तर में जिस तरह से वृद्धि हो रही है, उससे गांव पर बाढ़ का खतरा बना हुआ है. इसलिए हमने गांव का निरीक्षण किया है. नाव और अन्य व्यवस्थाओं पर सीओ ने कहा कि सारी व्यवस्था कर दी गई है. स्थानीय कह रहे हैं कि मनेर के करीब ढाई हजार लोग देश सुरक्षा के लिए देश के अलग-अलग सीमा पर तैनात हैं. लेकिन आज उन्हीं का गांव सुरक्षित नहीं है. पहले सुखाड़ और अब बाढ़ ने इस गांव का जन-जीवन अस्त व्यस्त कर रखा है.

flood in maner block of patna
प्रखंड का जलमग्न इलाका

गौरतलब है कि गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने से दानापुर अनुमंडल का दियारा क्षेत्र पूरी तरह से जलमग्न है. दानापुर के 6 पंचायत और मनेर के 6 पंचायत बाढ़ की चपेट में है.

पटना: मनेर प्रखंड के रतन टोला के हजारों लोग देश की सुरक्षा और सेवा में लगे हुए हैं. ऐसे में इस गांव को फौजियों का गांव कहा जाता है. फिलहाल यह गांव बाढ़ की चपेट में है. जिससे लोगों का जन-जीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है.

गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण खतरा
गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने के कारण गांव चारों तरफ से पानी से घिर गया है. यहां तक कि अब लोगों के घरों में पानी घुसने लगा है. गांव के लोगों की माने तो गंगा के किनारे होने के कारण इस गांव पर हमेशा खतरा बना रहता है. इस पर लोगों का कहना है कि प्रशासन सब कुछ जान कर भी अनजान बनी रहती है. उनकी तरफ से अबतक कोई मदद नहीं मिली है. यहां तक कि नाव की व्यवस्था भी नहीं की गई है. जिससे एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाया जा सके.

बाढ़ में डूबा हुआ है मनेर प्रखंड

पहले सुखाड़ और अब बाढ़ से हलकान
बाढ़ के कारण लोगों के पास खाने के लिए अनाज नहीं है और मवेशियों के खाने के लिए चारा नहीं है. फसल भी बर्बाद हो गए है. मनेर सीओ संजय कुमार झा ने बताया कि गंगा के जलस्तर में जिस तरह से वृद्धि हो रही है, उससे गांव पर बाढ़ का खतरा बना हुआ है. इसलिए हमने गांव का निरीक्षण किया है. नाव और अन्य व्यवस्थाओं पर सीओ ने कहा कि सारी व्यवस्था कर दी गई है. स्थानीय कह रहे हैं कि मनेर के करीब ढाई हजार लोग देश सुरक्षा के लिए देश के अलग-अलग सीमा पर तैनात हैं. लेकिन आज उन्हीं का गांव सुरक्षित नहीं है. पहले सुखाड़ और अब बाढ़ ने इस गांव का जन-जीवन अस्त व्यस्त कर रखा है.

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प्रखंड का जलमग्न इलाका

गौरतलब है कि गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने से दानापुर अनुमंडल का दियारा क्षेत्र पूरी तरह से जलमग्न है. दानापुर के 6 पंचायत और मनेर के 6 पंचायत बाढ़ की चपेट में है.

Intro:मनेर का एक ऐसा गांव है जहां के हजारों लोग देश की सुरक्षा और सेवा में लगे हुए है। देश के अलग अलग सीमा पर तैनात हो सुरक्षा में लगे इन जवानों का अब गांव ही सुरक्षित नही है। ये गांव है मनेर का रतन टोला जिसे फौजियों का गांव भी कहा जाता है। फिलहाल ये गांव बाढ़ की चपेट में है। फौजियों का गांव रतन टोला के लोग परेशान है। उनके घरों में गंगा का पानी जो घुस आया है। इस गांव के हर घर का एक बच्चा देश की सुरक्षा में लगा हुआ है पर आज इनके गांव की सुरक्षा करने वाला कोई नही है। Body:गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने के कारण फौजियों का ये गांव चारों तरफ से गंगा के पानी से घिर गया है। यहां तक कि अब लोगो के घरों में पानी घुसने लगा है। इस गांव के लोगो का जन जीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है। गांव के लोगो की माने तो गंगा के किनारे होने के कारण इस गांव पर हमेशा खतरा बना रहता है पर प्रशासन सबकुछ जान कर भी अनजान बनी रहती है। उनका कहना है कि इस बार भी बाढ़ का पानी उनके घरों तक पहुंच गया है पर प्रशासन की तरफ से अबतक कोई मदद नही मिली है। यहां तक कि नाव की व्यवस्था भी नही की गई है जिससे एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने आने में कठिनाई हो रही है। आलम ये है कि बाढ़ ने फौजियों के गांव का पूरा जन जीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। लोगो के खाने के लिए अनाज नही है और मवेशियों के खाने के लिए चारा नही है। पर फिर भी इस गांव के लोग सीमा पर तैनात अपने बच्चो को अपनी तकलीफ से अवगत करा परेशानी में नही डालना चाहते। वही बाढ़ से निपटने में अबतक प्रशासन तंत्र फेल साबित हुआ है। Conclusion:मनेर सीओ संजय कुमार झा भी मानते है कि गंगा के जलस्तर में जिस तरह से वृद्धि हो रही है उससे बाढ़ का खतरा बना हुआ है पर व्यवस्था नदारद है। नाव और अन्य व्यवस्थाओं पर सीओ कहते है कि सारी व्यवस्था कर दी गई है पर रियालिटी चेक कुछ और ही बयान कर रहा है। मनेर के रतन टोला गांव के हर घर का बच्चा सेना में है। इस गांव के करीब ढाई हजार लोग देश के अलग अलग सीमा पर तैनात है लेकिन आज इन्ही का गाँव सुरक्षित नही है। पहले सुखाड़ और अब बाढ़ ने इस गांव का जन जीवन अस्त व्यस्त कर रखा है। फसल बर्बाद हो गए है,घरों का अनाज खत्म हो रहा है,मवेशियों के चारा खत्म हो रहा है,लोगो को आने जाने में कठिनाई हो रही है बावजूद इसके गांव का हर बंदा देश की सेवा में लगे अपने बच्चो को अपनी इस तकलीफ से अवगत नही करा रहा। उनका कहना है कि इस तकलीफ से वो खुद निपट लेंगे बशर्ते सरकार और प्रशासन का साथ मिल जाये तो। गौरतलब है कि गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने से दानापुर अनुमंडल का दियारा क्षेत्र पूरी तरह से जलमग्न हो गया है। दानापुर के 6 पंचायत और मनेर प्रखंड के 6 पंचायत बाढ़ की चपेट में है जिसमे से एक रतन टोला भी है। फिलहाल व्यवस्था के नाम पर सिर्फ प्रशासन की ओर आए किये जा रहे दावे ही है व्यवस्था कुछ भी नही है।
बाईट - बाढ़ पीड़ित - रतन टोला
बाईट - बाढ़ पीड़ित - रतन टोला
बाईट - संजय कुमार झा - सीओ - मनेर
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