पटनाः विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. सत्र के पांचवे दिन माले के सदस्यों ने जल जीवन हरियाली के तहत जल स्त्रोतों को अतिक्रमण मुक्त कराने के दौरान गरीबों को उजाड़ने के मुद्दा उठाया. उनका कहना था कि वैकल्पिक व्यवस्था के बगैर भूमिहीनों का घर तोड़ा जा रहा है. विधायकों ने इसको लेकर सदन में कार्य स्थगन प्रस्ताव लाने की भी बात कही.
विपक्षी दल आरजेडी और कांग्रेस भी इसका समर्थन कर रही है. सदन की कार्यवाही से पहले माले के सदस्यों ने इसको लेकर विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया. इस दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की गई.
'गरीबों को उजाड़ रही है सरकार'
माले विधायक सुदामा प्रसाद ने कहा कि जमींदारों ने हजारों एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा है, लेकिन सरकार उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. वहीं, आहर-पोखर के 1 डिसमिल जमीन पर सालों से बसे गरीबों को उजाड़ा जा रहा है, जबकि सरकार ने भूमिहीनों को 5 डिसमिल जमीन देने का वादा किया था. उन्होंने कहा कि उन्हें बसाने की वैकल्पिक व्यवस्था की जाए.
'किसानों का ऋण माफ हो'
वहीं, आरजेडी के सदस्य किसानों का ऋण माफ करने और मुआवजा देने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. पार्टी के विधायक ललित यादव ने कहा कि प्रदेश का किसान बदहाल है. फसल का लागत मुल्य भी नहीं निकल पाता है. सरकार किसानों को मुआवजा दे और उनके ऋण माफ करे. उन्होंने कहा कि जल जीवन हरियाली योजना पर माले के कार्य स्थगन प्रस्ताव को आरजेडी समर्थन दे रही है.