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पटना: मकर संक्रांति को लेकर बाजारों में तिलकुट की भरमार, लेकिन ग्राहक नहीं होने से दुकानदार निराश

पटना में मकर संक्रांति की तैयारी (Preparation for Makar Sankranti in Patna) लोग कर रहे हैं. बाजारों में कई तरह के तिल और तिलकुट बिक रहे हैं. लेकिन कोरोना के कारण बाजारों में सन्नाटा पसरा (Silence in Markets Due to Corona on Makar Sankranti) है. दुकानदार भी माल बिक्री नहीं होने से उदास हैं. पढ़िेए पूरी खबर..

मकर सक्रांति पर दही-चूड़ा और तिलकूट खाने की है परंपरा
मकर सक्रांति पर दही-चूड़ा और तिलकूट खाने की है परंपरा
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Published : Jan 13, 2022, 8:11 PM IST

पटना: राजधानी पटना के बाजार में मकर संक्रांति (Makar sankranti 2022) को लेकर कई तरह के तिलकुट उपलब्ध हैं. जिसमें सबसे ज्यादा डिमांड गुड़ के तिलवे की हो रही है. हालांकि, गया का तिलकुट काफी मशहूर होता है. लेकिन, कोरोना को लेकर बाजार में रौनक नहीं दिख रही है.

ये भी पढ़ें- मकर संक्रांति 2022: बिहटा और बिक्रम के तिलकुट बाजारों में दिख रहा कोरोना का असर, दुकानदार निराश

गौरतलब है कि मकर संक्रांति में दही-चूड़ा के साथ तिलकुट का काफी महत्व माना जाता है. कहा जाता है कि, इस दिन तिल खाकर ही अपने दिन की शुरुआत करनी चाहिए. लोग काफी उत्साह के साथ मकर संक्रांति मानते हैं. इस बार बाजार में उजला तिल, काला तिल के साथ खोये वाला तिल और गुड़ का तिल भी बिक रहा है. लेकिन बाजारों में जो रौनक होनी चाहिए, वो नहीं दिख रही है.

मकर सक्रांति को लकेर बाजारों में तिलकुट की भरमार

तिलवा दुकानदार ने बताया कि कई तरह के तिल हैं. लेकिन, कोरोना को लेकर बाजार में ग्राहक भी कम आ रहे हैं. इस साल काफी उम्मीदें थी. लेकिन फिर कोरोना ने सब खत्म कर दिया. काफी माल उम्मीद के साथ मंगवाया था, लेकिन सब फीका पड़ गया.

बताते चलें कि हर साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति का त्योहार देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इसे देश के हर कोने में विभिन्न नामों और तरीके से मनाया जाता है. ग्रहों के राजा सूर्य जब धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब यह घटना सूर्य की मकर संक्रांति कहलाती है.

ये भी पढ़ें- लेखक दया प्रकाश सिन्हा के खिलाफ पटना में FIR, बिहार BJP अध्यक्ष संजय जायसवाल ने दर्ज करवाया मामला

ये भी पढ़ें- बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा हुए कोरोना पॉजिटिव, खुद को किया आइसोलेट

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तिलवा दुकानदार ने बताया कि कई तरह के तिल हैं. लेकिन, कोरोना को लेकर बाजार में ग्राहक भी कम आ रहे हैं. इस साल काफी उम्मीदें थी. लेकिन फिर कोरोना ने सब खत्म कर दिया. काफी माल उम्मीद के साथ मंगवाया था, लेकिन सब फीका पड़ गया.

बताते चलें कि हर साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति का त्योहार देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इसे देश के हर कोने में विभिन्न नामों और तरीके से मनाया जाता है. ग्रहों के राजा सूर्य जब धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब यह घटना सूर्य की मकर संक्रांति कहलाती है.

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