पटना: राजधानी पटना के बाजार में मकर संक्रांति (Makar sankranti 2022) को लेकर कई तरह के तिलकुट उपलब्ध हैं. जिसमें सबसे ज्यादा डिमांड गुड़ के तिलवे की हो रही है. हालांकि, गया का तिलकुट काफी मशहूर होता है. लेकिन, कोरोना को लेकर बाजार में रौनक नहीं दिख रही है.
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गौरतलब है कि मकर संक्रांति में दही-चूड़ा के साथ तिलकुट का काफी महत्व माना जाता है. कहा जाता है कि, इस दिन तिल खाकर ही अपने दिन की शुरुआत करनी चाहिए. लोग काफी उत्साह के साथ मकर संक्रांति मानते हैं. इस बार बाजार में उजला तिल, काला तिल के साथ खोये वाला तिल और गुड़ का तिल भी बिक रहा है. लेकिन बाजारों में जो रौनक होनी चाहिए, वो नहीं दिख रही है.
तिलवा दुकानदार ने बताया कि कई तरह के तिल हैं. लेकिन, कोरोना को लेकर बाजार में ग्राहक भी कम आ रहे हैं. इस साल काफी उम्मीदें थी. लेकिन फिर कोरोना ने सब खत्म कर दिया. काफी माल उम्मीद के साथ मंगवाया था, लेकिन सब फीका पड़ गया.
बताते चलें कि हर साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति का त्योहार देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इसे देश के हर कोने में विभिन्न नामों और तरीके से मनाया जाता है. ग्रहों के राजा सूर्य जब धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब यह घटना सूर्य की मकर संक्रांति कहलाती है.
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