पटनाः बिहार की राजधानी पटना में मकर संक्रांति के मौके पर दही परोसने के लिए फुलवारीशरीफ सुधा डेयरी पूरी तरह तैयारी है. डेनमार्क के जोड़न से बिहार की दही हो मीठा किया गया है, जो खट्टा नहीं लगेगा. इस बार मकर संक्रांति पर बिहार के लोगों को दूध और दही की कमी महसूस नहीं होगी.
मकर संक्रांति पर दूध दही की कमी नहींः सुधा डेयरी बिहार में हर साल डेनमार्क के जोड़न से बना मीठा दही परोसती है. इस बार भी इसे तैयार करने के लिए डेयरी पिछले एक माह से लगी हुई है और इसको लेकर सुधा के नए एमडी रूपेश राज ने खुद कमान सम्भाल रखी है. लोगों की जरूरतों को ध्यान में रख कर सुधा डेयरी ने मकर संक्रांति के पहले से ही अपने स्टॉक को बढ़ा दिया है. डेयरी की एमडी रूपेश राज कि माने तो इस बार भी ग्राहकों को दूध के साथ दही कि कोइ किल्लत नहीं होने दी जाएगी.
खट्टा नहीं होता डेनमार्क के जोड़न से बना दही: सुधा डेयरी के एमडी रूपेश राज ने बताया कि दही जमाने के लिए जोड़न डेनमार्क से मंगाया जाता है, जिससे मीठा दही तैयार किया जाता है, जो खट्ठा नहीं होती. इसे जमाने में रिड्रायल कल्चर तकनीक का इस्तोमाल किया जाता है. डेनमार्क जोड़न से बनी दही काफी स्वादिष्ट होता है और दही एकसमान तरीके से जमता है. साथ ही दही में एसिडिटी की मात्रा को नियंत्रित रखता हैं.
9 लाख किलोग्राम दही बेचने का लक्ष्यः इस बार पटना डेयरी प्रोजेक्ट ने मकरसंक्रांति के लिये 31 लाख लीटर दूध की बिक्री का लक्ष्य रखा है. पिछले साल सिर्फ 24 लाख लीटर दूध की खपत मकरसंक्रांति के समय में हुई थी. वहीं दही और चुड़ा का पर्व है तो जाहिर सी बात है कि दही कि खपत ज्यादा होगी. खपत को देखत हुए इस बार 9 लाख किलोग्राम दही बेचने का लक्ष्य रखा गया है, जो कि पिछले बार कि खपत कि अपेक्षा में 50 हजार किलोग्राम ज्यादा है.
छोटे पैकेट में भी मिलेगी मीठा दहीः लोगों कि मांग को देखते हुए एक किलोग्राम के जार को लाया गया है, जो छोटे परिवार के लिए सुविधाजनक होगा. इसके आलावे 100 ग्राम, 200 ग्राम और 400 ग्राम के दही कप में मिलेंगे. जबकि 500 ग्राम दही पाउच में उपलब्ध रहेगा. साथ ही 2 केजी, 5 केजी, 16 केजी और 18 केजी जार में दही मिलेगें. इसके अलावे 25 हजार किलो पनीर और 20 हजार किलो तिलकुट भी बेचने का लक्ष रखा गया है. दही एवं दूध का पर्याप्त भंडारण किया गया है.
प्रोडक्ट को उड़न दस्ता करेगा सप्लाई: पटना के फुलवारीशरीफ में मकरसक्रांति को लेकर पटना डेयरी प्रोजेक्ट सुधा ने किसी तरह कि कमी ना होने इसकों लेकर एमडी रुपेश राज से लेकर सारे कर्मचारियों ने मोर्चा संभाल रखा है. बिक्री भी शुरू हो गई है. शहर में लगभग 3 हजार काउंटर, राजवंशी नगर, बोरिंग रोड चौराहा और आर ब्लॉक सहित 7 दही के विशेष काउंटर और 6 रोड मिल्क टैंकर उड़न दस्ते को भी लगाया जा रहा है.
"मकरसंक्रांति के मौके पर दूध और दही की कोई कमी नहीं होगी. पूरा सुधा परिवार इसके लिए लगा हुआ है. सुधा डेयरी के लिए मकरसंक्रांति एक महत्वपुर्ण त्योहार है. हमारा लक्षय बड़ा है. 31 लाख लिटर दूध और 9 लाख किलोग्राम दही तैयार की गई है. इसकी बिक्री भी शुरू हो गई है. रिमोट एरिया में भी दही दूध पहुंचाने का पूरा इंतेजाम किया गया है"- रूपेश राज, एमडी, सुधा डेयरी
1983 में हुई थी सुधा डेयरी की स्थापना: आपको बता दें कि सुधा डेयरी बिहार सरकार के द्वारा चालाई जाती है. इसकी पूरी व्यवस्था बिहार स्टेट मिल्क कोपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड देखता है. यह एक सहकारी कंपनी है. इसकी स्थापना 1983 में हुई थी. साल 2023 में सुधा डेयरी ने बिक्री का बड़ा लक्ष्य रखा था. साल 2018 में इसका रेवेन्यू 2000 करोड़ का था. सुधा डेयरी बिहार में दूध और दही का सबसे बड़ा उत्पादक है.
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