पटना: बिहार में 10 अगस्त को महागठबंधन सरकार 1 साल का हो जाएगा. महागठबंधन सरकार ने नौकरी और रोजगार देने का वादा किया था. लेकिन, पिछले 1 साल में 1 लाख 70 हजार शिक्षकों की बहाली के अलावे कोई बड़ी बहाली शुरू नहीं हुई है. कैबिनेट से पुलिस विभाग में 75 हजार बहाली की स्वीकृति मिल चुकी है. योजना विकास विभाग, साइंस टेक्नोलॉजी विभाग सहित कई विभागों में 50,000 के आसपास पदों के सृजन का फैसला भी कैबिनेट में लिया गया है.
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सरकार के लिए बजट एक बड़ी चुनौती: सरकार के लिए बजट की व्यवस्था करना भी एक बड़ी चुनौती है. क्योंकि अभी सरकार लगभग 97 हजार करोड़ रुपया कर्मचारियों के वेतन और पेंशन पर खर्च कर रही है. अभी तक जो बहाली प्रक्रिया शुरू हुई है जानकार कहते हैं कि इस पर कम से कम 10 हजार करोड़ राशि खर्च करनी होगी ऐसे 10 लाख नई बहाली पर लगभग 50 हजार करोड़ की जरूरत होगी. जिसमें 30 से 35 हजार सिर्फ कर्मचारियों के वेतन पर ही खर्च हो जाएगा.
"सरकार बहाली की प्रक्रिया एक बार में पूरी नहीं कर सकती है. ऐसे में कुछ सालों के अंतराल पर बहाली की तैयारी सरकार कर ले तो बजट की व्यवस्था करना सरकार के लिए मुश्किल नहीं होगा. सरकार को केंद्र से भी मदद मांगनी चाहिए."- डॉ विद्यार्थी विकास, आर्थिक विशेषज्ञ
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50 हजार करोड़ के आसपास व्यवस्था करनी होगीः वित्त विभाग के जानकार का कहना है कि 10 लाख नई बहालियों के लिए सरकार को 50 हजार करोड़ के आसपास व्यवस्था करनी होगी. जिसमें 30 से 35000 के बीच स्थित सरकारी कर्मचारियों के वेतन में खर्च करना होगा. अन्य सुविधाओं के लिए 15 हजार के करीब व्यवस्था करनी होगी. अभी शिक्षक और पुलिस विभाग में जो नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है इसमें भी सरकार को 10 हजार करोड़ से अधिक का इंतजाम करना होगा.
राशि का इंतजाम नहीं किया गयाः 2023-24 के बजट में सरकार की ओर से इस साल चाहे शिक्षक बहाली में आने वाली खर्च हो या फिर अन्य बहाली के लिए राशि का इंतजाम नहीं किया गया है. इसी कारण बहाली प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं कि सरकार जो बहाली करने जाए जा रही है उसके वेतन की क्या व्यवस्था करेगी. वित्तीय वर्ष में बिहार सरकार का बजट 261885 करोड़ का है जिसमें योजना मत में एक लाख करोड़ की राशि आवंटित की गई है. जबकि स्थापना और प्रतिबद्ध व्यय में 161885 करोड़ से अधिक की राशि का प्रावधान किया गया है. इसी से वेतन, पेंशन, ब्याज की व्यवस्था की जाएगी.
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"बजट की समस्या बिहार के लिए है, लेकिन बिहार अपने संसाधन से विकास कर रहा है. केंद्र जिस प्रकार से दूसरे राज्यों को मदद करता है उस हिसाब से बिहार को मदद नहीं कर रहा है. लेकिन बिहार सरकार जो वादा की है उसे पूरा करेगी."- राजीव रंजन, राष्ट्रीय प्रवक्ता जदयू
"दो लाख से अधिक बहाली प्रक्रिया शुरू हो गई है. यह कम बड़ी बात नहीं है. बड़ी संख्या में लोगों को नियुक्ति पत्र भी बांटा गया है."- चितरंजन गगन, आरजेडी प्रवक्ता
नियुक्ति प्रक्रिया को टाला जा रहा: बिहार सरकार को पहले ही कई योजनाओं में धनराशि की कमी का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, बिहार सरकार का राजस्व बढ़ा है और केंद्र से भी मिलने वाले राजस्व में वृद्धि हुई है लेकिन समग्र शिक्षा अभियान जैसी योजनाओं में केंद्र ने अपनी हिस्सेदारी घटा दी है. इसलिए केंद्र सरकार से समग्र शिक्षा अभियान के तहत कोई बड़ी राशि बिहार को मिलेगी इसकी उम्मीद कम है. अभी ही शिक्षकों के वेतन में 2 से 3 महीना विलंब हो जा रहा है जब नई बहालिया होंगी तो बिहार सरकार के लिए परेशानियां और बढ़ेगी. यही कारण है कि जो नियुक्ति प्रक्रिया है उसको टाला जा रहा है.
"नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने जो वादा किया है नौकरी देने का बताना चाहिए कितना पूरा हुआ. एनडीए सरकार के समय जो बहाली प्रक्रिया पूरी हुई थी उसका ही नियुक्ति पत्र इन्होंने बांटा है. ये लोग नौकरी देने वाले नहीं नौकरी छिनने वाले हैं." - संजय टाइगर, प्रवक्ता बीजेपी