पटना: नागरिकता संशोधन अधिनियम और एनआरसी को लेकर शनिवार को राजद के बिहार बंद को लेकर गठबंधन के सारे नेता सड़क पर उतरे थे. देर शाम बिहार के कुछ जगहों पर झड़प भी हुई थी. जिसको लेकर जदयू और बीजेपी ने महागठबंधन के नेताओं पर हमला करते हुए कहा था कि इस झड़प से उनकी पार्टी के चरित्र के बारे में पता चलता है.
जदयू और बीजेपी के इस बयान पर महागठबंधन के नेताओं ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया है कि जदयू और बीजेपी के नेताओं ने ही अपने कार्यकर्ताओं को भेजकर झड़प करवाया है. ताकि महागठबंधन बदनाम हो सके.
'बीजेपी और जदयू के नेता ने कराया झड़प'
जदयू और बीजेपी पर हम के पार्टी प्रवक्ता विजय यादव ने कहा है कि हम लोगों का बिहार बंद सफल रहा. महागठबंधन के किसी भी नेता ने किसी तरह का झड़प नहीं किया है. बल्कि महागठबंधन को बदनाम करने के लिए बीजेपी और जदयू ने ही झड़प करवाया है. 19 दिसंबर को वाम दल के बंद के दौरान जिस तरह से बीजेपी के नेता संजय पासवान ने सड़क पर उतरकर अपना विरोध जताया था, उससे साफ पता चलता है कि बीजेपी और जदयू के नेता ने ही महागठबंधन के इस बंद में घुसकर बदनाम करवाने के लिए झड़प करवाया है.
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'महागठबंधन के सभी नेता थे मौजूद'
इस पर कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि राजद के बिहार बंद में महागठबंधन के सभी नेता मौजूद थे. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में कांग्रेस के सभी नेता और कार्यकर्ता उनके साथ डाक बंगला चौराहा पहुंचे थे. बंद के दौरान आम लोगों का भी समर्थन प्राप्त था. क्योंकि पटना की सारी दुकानें बंद थी. लेकिन कुछ जगहों पर जिस तरह से खबरें आई, उससे पता चलता है कि जदयू और भाजपा के नेता ने ही अपने कार्यकर्ताओं को भेजकर गठबंधन को कमजोर और बदनाम करने के लिए झड़प करवाया. उन्होंने कहा कि इस बंद में जिस तरह से डाक बंगला चौराहा पर कुछ झड़प हुई थी, उसमें आरएसएस, भाजपा और जदयू के लोग ही शामिल थे.