पटना: एक स्टेशन, एक उत्पाद (One Station One Product) के अन्तर्गत पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर 15 दिनों के लिए मधुबनी पेंटिंग से बने उत्पाद का प्रदर्शनी (Madhubani Painting Products Stall) सह बिक्री केंद्र लगाया गया है. एक स्टेशन एक उत्पाद से संबंधित की गई घोषणा के अनुरूप स्थानीय कारीगरों, शिल्पकारों, कुम्हारों, बुनकरों और जन-जातियों के बेहतर जीविकोपार्जन और कल्याण के लिए रेलवे स्टेशनों के प्लेटफार्म पर स्थानीय उत्पादों की मार्केटिंग के लिए निर्धारित स्थान पर स्टाल उपलब्ध कराया जा रहा है. इसी कड़ी में आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत स्थानीय हस्तशिल्प व उद्योगों को बढ़ावा देने की पहल की गई.
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पटना जंक्शन पर मधुबनी पेंटिंग से बने उत्पाद का स्टॉल: बता दें कि रेलवे बोर्ड ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत सभी क्षेत्रीय रेलों के एक या दो स्टेशनों पर इसकी शुरुआत करने का निर्णय लिया गया है. इसी कड़ी में पूर्व मध्य रेल पर 'एक स्टेशन, एक उत्पाद' योजना के लिए पटना जंक्शन का चयन किया गया. पटना जंक्शन पर 15 दिनों के लिए मधुबनी पेंटिंग और इसके उत्पाद की प्रदर्शनी सह बिक्री केंद्र का शुरुआत की गई है.
मधुनबी पेंटिंग से बनी कई तरह के प्रोड्क्ट्स: मधुबनी पेंटिंग से संबंधित उत्पादों का प्रदर्शनी सह बिक्री केंद्र में हैंड पेंटेड सिल्क और कॉटन की साड़ियां, दुपट्टा, फाइल फोल्डर, बैग, पर्स, मोबाइल कवर, पेन होल्डर, वॉल पेंटिंग, हेंगिंग लैंप, टेबल लैंप, मास्क, कुर्ता, कान की बाली , टी ग्लास, नोट पैड बॉक्स, नोट बुक, बेड कवर समेत अन्य चीजों की प्रदर्शनी का स्टॉल लगाया गया है
स्टॉल पर उमड़ रही लोगों की भीड़: वहीं, स्टॉल की संचालिका राज्य पुरस्कार से सम्मानित मीरा मिश्रा ने बताया कि मधुबनी पेंटिंग और उसके उत्पाद बिक्री केंद्र का स्टॉल शुरू किया गया. बहुत सारे रेलयात्री काउंटर पर देखने पहुंच रहे हैं. लेकिन खरीदारी बहुत कम लोग ही कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज पहला दिन है इसलिए रिस्पॉन्स अच्छा नहीं है. मीरा मिश्रा को मधुबनी पेंटिंग के लिए 2007 में ही सीएम नीतीश कुमार ने राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया था.
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बिहार की महिलाओं के सम्मान से जुड़ा मिथिला पेंटिंग: मीरा मिश्रा ने कहा कि पिछले 25 साल से वो मधुबनी पेंटिंग और हस्तशिल्प कलाकारी करती हैं. उन्होंने अभी तक लगभग 500 महिलाओं को ट्रेनिंग देकर रोजगार मुहैया कराया है. उन्होंने कहा कि मधुबनी पेंटिंग से बिहार की महिलाओं का सम्मान भी जुड़ा है. मीरा मिश्रा ने कहा कि रेलवे प्रशासन की ये एक अच्छी पहल है जिस से स्टेशनों पर उतरने वाले रेल यात्रियों को मधुबनी पेंटिंग और उनके उत्पादों को खरीदने के लिए कहीं जाना नहीं पड़ेगा. जो भी लोग इच्छुक होंगे वो स्टेशन पर ही खरीद सकते हैं. स्टॉल लगाये जाने से यहां के हस्तशिल्पियों का उत्साह बढ़ेगा साथ ही उनके उत्पाद को एक बेहतर बाजार मिलेगा.
यात्रियों को आकर्षित कर रही है मधुबनी पेंटिंग: विश्वप्रसिद्ध पारंपरिक कला मधुबनी पेंटिंग स्थानीय लोगों के साथ-साथ दुनिया भर के यात्रियों को आकर्षित कर रही है. इसके पहले भी पूर्व मध्य रेल ने कई ट्रेनों और स्टेशनों पर मधुबनी पेंटिंग का प्रयोग किया था. जिससे इस कला को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली. ऐसे में मधुबनी पेंटिंग और उत्पादों के स्टॉल लगने से सीधा लाभ स्थानीय कलाकारों को नई पहचान और उनके उत्पादों को नए बाजार उपलब्ध कराने में मील का पत्थर साबित होगा.
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