पटना : पटना हाईकोर्ट ने राज्य की प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित मधुबनी पेंटिंग की सरकारी उपेक्षा और कलाकारों की दयनीय अवस्था पर सुनवाई की. आत्मबोध की जनहित याचिका पर एसीजे जस्टिस सीएस सिंह की खंडपीठ ने सुनवाई की. कोर्ट ने कला व संस्कृति सचिव व उद्योग विभाग के निर्देशक को पटना एयरपोर्ट परिसर में बने मधुबनी पेंटिंग का निरीक्षण कर कल यानी मंगलवार को कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत करें.
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मधुबनी पेंटिंग की हो रही है सरकारी उपेक्षा : याचिकाकर्ता के वकील डा. मौर्य विजय चन्द्र ने कोर्ट को बताया कि मधुबनी पेंटिंग सरकारी उपेक्षा का शिकार तो है ही साथ ही मधुबनी पेंटिंग करने वाले कलाकारों का शोषण भी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. मधुबनी पेंटिंग के कलाकारों की परेशानी को कोई नहीं देख रहा है. मधुबनी पेंटिंग देश विदेशों में इसकी काफी मांग है. इसके बावजूद मधुबनी पेंटिंग को कलाकारों को प्रसिद्धि नहीं मिल पा रही है.
बिचौलिए पेंटिंग का बाहर ले जा कर महंगे दामों में बेचते हैं: उन्होंने बताया कि मधुबनी पेंटिंग के कलाकारों को अपने कानूनी अधिकारों का ज्ञान नहीं है. इसी का लाभ बिचौलिए उठाते है. उनकी पेंटिंग का बाहर ले जा कर महंगे दामों में बेचते हैं, जबकि उन कलाकारों को थोड़ी सी रकम दे देते है.
आज तक रेजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है: उन्होंनेे कोर्ट को बताया कि उन्हें 2005 में ही जीआई टैग भारत सरकार से लगाने की अनुमति प्राप्त हुई. ये भौगोलिक क्षेत्र के तहत रजिस्टर होता है, लेकिन इसका आजतक रेजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है. इसका फायदा बिचौलिए उठा लेते हैं इस मामलें पर अगली सुनवाई कल यानी मंगलवार को होगी.