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पटनाः भगवान भास्कर की प्रतिमा का किया गया विसर्जन, भारी संख्या में उमड़े श्रद्धालु - भगवान भास्कर की प्रतिमा

सिढ़ी घाट पर छठ पूजा के मौके पर हर साल भगवान भास्कर की प्रतिमा बैठाई जाती है. पहले अर्घ्य के दिन पूजा के बाद मूर्ति का पट खोला जाता है.

पटना
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Published : Nov 6, 2019, 8:17 AM IST

पटनाः बाढ़ अनुमंडल के सिढ़ी घाट पर स्थापित की गई भगवान भास्कर की प्रतिमा का मंगलवार को विसर्जन किया गया. इस दौरान सूर्य देव की प्रतिमा को कचहरी चौक होते हुए पूरे शहर में घुमाया गया. विसर्जन के लिए पटना से खास भांगड़ा बाजा बुलाया गया था, जो कि आकर्षण का केंद्र रहा. भगवान भास्कर को विदाई देने के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी.

'जय भास्कर-जय भास्कर'
प्रतिमा को शहर में घुमाने के दौरान भक्त जगह-जगह सूर्य देव की पूजा-अर्जना कर रहे थे. वहीं, कई महिलाओं की आखें नम हो गई. युवा डीजे की थाप पर जमकर नाचे. 'जय भास्कर-जय भास्कर' के नारे से पूरा इलाका गूंज उठा. विसर्जन पर उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने भी कमर कस ली थी, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे.

प्रतिमा को विसर्जन के लिए ले जाते श्रद्धालू

यहां हर साल बैठाई जाती है प्रतिमा
बता दें कि सिढ़ी घाट पर छठ पूजा के मौके पर हर साल भगवान भास्कर की प्रतिमा बैठाई जाती है. पहले अर्घ्य के दिन पूजा के बाद मूर्ति का पट खोला जाता है. इस घाट पर सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए भारी संख्या में छठ व्रती और श्रद्धालु पहुंचते हैं.

पटनाः बाढ़ अनुमंडल के सिढ़ी घाट पर स्थापित की गई भगवान भास्कर की प्रतिमा का मंगलवार को विसर्जन किया गया. इस दौरान सूर्य देव की प्रतिमा को कचहरी चौक होते हुए पूरे शहर में घुमाया गया. विसर्जन के लिए पटना से खास भांगड़ा बाजा बुलाया गया था, जो कि आकर्षण का केंद्र रहा. भगवान भास्कर को विदाई देने के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी.

'जय भास्कर-जय भास्कर'
प्रतिमा को शहर में घुमाने के दौरान भक्त जगह-जगह सूर्य देव की पूजा-अर्जना कर रहे थे. वहीं, कई महिलाओं की आखें नम हो गई. युवा डीजे की थाप पर जमकर नाचे. 'जय भास्कर-जय भास्कर' के नारे से पूरा इलाका गूंज उठा. विसर्जन पर उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने भी कमर कस ली थी, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे.

प्रतिमा को विसर्जन के लिए ले जाते श्रद्धालू

यहां हर साल बैठाई जाती है प्रतिमा
बता दें कि सिढ़ी घाट पर छठ पूजा के मौके पर हर साल भगवान भास्कर की प्रतिमा बैठाई जाती है. पहले अर्घ्य के दिन पूजा के बाद मूर्ति का पट खोला जाता है. इस घाट पर सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए भारी संख्या में छठ व्रती और श्रद्धालु पहुंचते हैं.

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Body:बाढ़ अनुमंडल के सिढी घाट के पास आज भगवान भास्कर का विसर्जन के लिए कचहरी चौक से प्रारंभ होते हुए पूरे शहर में घुमाते हुए भास्कर की मूर्ति का का विसर्जन किया गया। विसर्जन को लेकर ट्रैक्टर में भास्कर की मूर्ति को सजाया गया और वहीं भांगड़ा बाजे को पटना से मंगवाया गया जिसको लेकर भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी वहीं भांगड़ा पर श्रद्धालु गण खूब नाचे। वहीं जगह-जगह पर महिलाओं ने माता का पूजा अर्चना किया। भास्कर की विदाई को लेकर कार्यकर्ता गन की आंखें नम हो गई और जय भास्कर जय भास्कर के खूब नारे लगे।

आपको बता दें कि भगवान भास्कर की मूर्ति पहली अध्य के दिन पूजा पाठ के बाद पट खोल दी जाती है उसके बाद पटना के दो दिन बाद भास्कर के मूर्ति का विसर्जन प्रारंभ होता है।लोग बड़ी धूम-धाम से नाचते गाते हुए भगवान भास्कर की मूर्ति का विसर्जन करते हैं। भगवान भास्कर की मूर्ति सात घोड़े होते हैं जो कि परिवार की प्रगति का पहचान है।


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