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लॉकडाउन ने बढ़ाई कैब चालकों की परेशानी, उग्र विरोध-प्रदर्शन की दी चेतावनी

कैब चालकों ने गर्दनीबाग स्थित कैब स्टैंड में सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए राज्य सरकार और कैब कंपनियों के खिलाफ प्रदर्शन किया. कैब चालकों ने सरकार से राशन देने की मांग की.

लॉकडाउन ने बढ़ाई कैब चालकों की परेशानी
लॉकडाउन ने बढ़ाई कैब चालकों की परेशानी
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Published : May 9, 2020, 3:00 PM IST

पटना: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के फैलने से रोकने के लिए पूरे देशभर में लॉकडाउन का तीसरा चरण चल रहा है. देश के विकास के साथ-साथ कैब चालकों के वाहन के पहिये भी थमे हुए हैं. कैब चालकों का कहना है कि पिछले 46 दिनों से उनके वाहन घर के बाहर खड़े हैं. वाहन चलाकर ही हमलोगों का जीवन का गुजर-बसर होता है. लेकिन बंदी के कारण आजिविका पर संकट आ गया है.

सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए किया अनशन
इसको लेकर कैब चालकों ने गर्दनीबाग स्थित कैब स्टैंड में सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए राज्य सरकार और कैब कंपनियों के खिलाफ प्रदर्शन किया. विरोध-प्रदर्शन कर रहे वाहन चालकों ने बताय कि टैक्सी चलाकर अपने परिवार को भरण-पोषण करते थे. कभी सरकार से कुछ नहीं मांगा. लेकिन पिछले 46 दिनों से कामकाज ठप है. हमलोगों के घर में राशन-पानी का कोई सामान नहीं है. इस विकट परिस्थित में सरकार हमलोगों को नजरअंदाज कर रही है. इस वजह से सरकार हमलोगों पर ध्यान दें. हम लोगों को राशन मुहैया भी कराया जाए.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

उग्र प्रदर्शन की दी चेतावनी
कैब चालक सन्नी ने बताया कि हम लोगों की स्थिति बदतर होती जा रही है. कैब की कमाई से हमलोगों का परिवार चलता था. लॉक डाउन के कारण सब कुछ ठप है.हम लोगों को खाने के लाले पड़े हुए हैं. वही अन्य कैब चालक दीपक ने बताया कि अब कैब कंपनी भी हमलोगों से गाड़ी वापस ले चुकी है. हम लोगों को सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता है. हमलोगों को अभी तक ना तो सरकार की ओर से कुछ मिला है और ना ही कंपनी ने कुछ मदद की है. इस संकट की घड़ी में सरकार और जिला प्रशासन ने भी मुंह फेर लिया है. कैब चालकों ने कहा कि अगर आगे सरकार हमलोगों के लिए कुछ बीच का रास्ता नहीं निकालती है तो हमलोग आगे 18 मई को केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के आवास का घेराव करेंगे और अर्धनग्न प्रदर्शन भी करेंगे.

कैब चालक
कैब चालक

पटना: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के फैलने से रोकने के लिए पूरे देशभर में लॉकडाउन का तीसरा चरण चल रहा है. देश के विकास के साथ-साथ कैब चालकों के वाहन के पहिये भी थमे हुए हैं. कैब चालकों का कहना है कि पिछले 46 दिनों से उनके वाहन घर के बाहर खड़े हैं. वाहन चलाकर ही हमलोगों का जीवन का गुजर-बसर होता है. लेकिन बंदी के कारण आजिविका पर संकट आ गया है.

सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए किया अनशन
इसको लेकर कैब चालकों ने गर्दनीबाग स्थित कैब स्टैंड में सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए राज्य सरकार और कैब कंपनियों के खिलाफ प्रदर्शन किया. विरोध-प्रदर्शन कर रहे वाहन चालकों ने बताय कि टैक्सी चलाकर अपने परिवार को भरण-पोषण करते थे. कभी सरकार से कुछ नहीं मांगा. लेकिन पिछले 46 दिनों से कामकाज ठप है. हमलोगों के घर में राशन-पानी का कोई सामान नहीं है. इस विकट परिस्थित में सरकार हमलोगों को नजरअंदाज कर रही है. इस वजह से सरकार हमलोगों पर ध्यान दें. हम लोगों को राशन मुहैया भी कराया जाए.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

उग्र प्रदर्शन की दी चेतावनी
कैब चालक सन्नी ने बताया कि हम लोगों की स्थिति बदतर होती जा रही है. कैब की कमाई से हमलोगों का परिवार चलता था. लॉक डाउन के कारण सब कुछ ठप है.हम लोगों को खाने के लाले पड़े हुए हैं. वही अन्य कैब चालक दीपक ने बताया कि अब कैब कंपनी भी हमलोगों से गाड़ी वापस ले चुकी है. हम लोगों को सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता है. हमलोगों को अभी तक ना तो सरकार की ओर से कुछ मिला है और ना ही कंपनी ने कुछ मदद की है. इस संकट की घड़ी में सरकार और जिला प्रशासन ने भी मुंह फेर लिया है. कैब चालकों ने कहा कि अगर आगे सरकार हमलोगों के लिए कुछ बीच का रास्ता नहीं निकालती है तो हमलोग आगे 18 मई को केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के आवास का घेराव करेंगे और अर्धनग्न प्रदर्शन भी करेंगे.

कैब चालक
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