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'नीतीश सरकार की नीति सही नहीं, रोजगार उन्मुखी विकास पर भी नहीं हुआ काम'

एलजेपीआर के प्रदेश प्रवक्ता चंदन सिंह ने नीतीश सरकार की विकास नीति पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि 16 वर्षों से सरकार में हैं, लेकिन फिर भी विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे हैं. क्या अब तक रोजगार उन्मुखी विकास नहीं किए. पढ़ें रिपोर्ट...

सीएम नीतीश कुमार
सीएम नीतीश कुमार
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Published : Dec 13, 2021, 7:49 PM IST

पटनाः एलजेपीआर के प्रदेश प्रवक्ता चंदन सिंह (LJPR State Spokesperson Chandan Singh) ने कहा है कि बिहार का संपूर्ण विकास राज्य सरकार के कुप्रबंधन एवं सही नीति नहीं होने के कारण बाधित हो रही है. दरअसल उन्होंने पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के उस कथन पर हैरानी प्रकट की जिसमें फिर से विशेष राज्य के दर्जे की जरूरत बताई गई है.

यह भी पढ़ें- नीति आयोग की रिपोर्ट पर CM नीतीश ने फिर उठाई 'विशेष दर्जे' की मांग, कह दी बड़ी बात

'जब केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब विशेष राज्य के दर्जे का प्रावधान समाप्त कर दिया गया है. फिर मुख्यमंत्री की यह मांग गुमराह करने वाली लगती है. केंद्र की एनडीए सरकार ने बिहार के विकास के लिए विगत दिनों विशेष आर्थिक पैकेज दिए. साथ ही विभिन्न योजनाओं के तहत बिहार को प्राथमिकता के आधार पर केंद्र से सहयोग मिल रहा है. ऐसे में 16 वर्षों के अपने लंबे नेतृत्व काल में भी अगर मुख्यमंत्री राज्य का रोजगार उन्मुखी विकास नहीं कर सके तो अपने आप में यह हैरानी की बात है. अभी अगर वह अपने पूर्ववर्ती सरकार को बिहार की बदहाली के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं तो जनता जानना चाहेगी कि 16 वर्षों में उन्होंने क्या किया.' -चंदन सिंह, प्रवक्ता एलजेपीआर

एलजेपीआर ने कहा कि नीतीश सरकार की नीति सही नहीं, देखें वीडियो...

बता दें कि राजधानी पटना में जनता दरबार (CM Nitish Kumar Janata Darbar) के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग (Nitish Kumar on Special Status) की थी. उन्होंने कहा था कि देश में प्रति व्यक्ति आय और बिहार में प्रति व्यक्ति आय में बहुत बड़ा अंतर है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों ने इतना काम किया, उसके बाद भी जहां देश में प्रति व्यक्ति आय 1,34,432 रुपए है. वहीं, राज्य में प्रति व्यक्ति आय 50,732 रुपए ही है.

सीएम नीतीश कुमार ने नीति आयोग की रिपोर्ट आने के बाद कहा था कि नीति आयोग की रिपोर्ट में भी बिहार को सबसे पिछड़ा बता दिया गया है, ऐसे में बिहार जब पिछड़ा है तो इसको आगे लाने के लिए विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए. विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा तो कई तरह की सुविधाएं मिलेगी. केंद्रीय योजनाओं में केंद्र की हिस्सेदारी 90% और राज्य की हिस्सेदारी 10% हो जाएगी. राज्य के हिस्से की राशि बचेगी तो उससे राज्य में और विकास कार्य तेजी से हो सकेंगे.

ये भी पढ़ें- इन तीन अहम मुद्दों पर BJP और JDU में रार, क्या नीतीश कुमार खो रहे हैं जनाधार?

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पटनाः एलजेपीआर के प्रदेश प्रवक्ता चंदन सिंह (LJPR State Spokesperson Chandan Singh) ने कहा है कि बिहार का संपूर्ण विकास राज्य सरकार के कुप्रबंधन एवं सही नीति नहीं होने के कारण बाधित हो रही है. दरअसल उन्होंने पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के उस कथन पर हैरानी प्रकट की जिसमें फिर से विशेष राज्य के दर्जे की जरूरत बताई गई है.

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'जब केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब विशेष राज्य के दर्जे का प्रावधान समाप्त कर दिया गया है. फिर मुख्यमंत्री की यह मांग गुमराह करने वाली लगती है. केंद्र की एनडीए सरकार ने बिहार के विकास के लिए विगत दिनों विशेष आर्थिक पैकेज दिए. साथ ही विभिन्न योजनाओं के तहत बिहार को प्राथमिकता के आधार पर केंद्र से सहयोग मिल रहा है. ऐसे में 16 वर्षों के अपने लंबे नेतृत्व काल में भी अगर मुख्यमंत्री राज्य का रोजगार उन्मुखी विकास नहीं कर सके तो अपने आप में यह हैरानी की बात है. अभी अगर वह अपने पूर्ववर्ती सरकार को बिहार की बदहाली के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं तो जनता जानना चाहेगी कि 16 वर्षों में उन्होंने क्या किया.' -चंदन सिंह, प्रवक्ता एलजेपीआर

एलजेपीआर ने कहा कि नीतीश सरकार की नीति सही नहीं, देखें वीडियो...

बता दें कि राजधानी पटना में जनता दरबार (CM Nitish Kumar Janata Darbar) के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग (Nitish Kumar on Special Status) की थी. उन्होंने कहा था कि देश में प्रति व्यक्ति आय और बिहार में प्रति व्यक्ति आय में बहुत बड़ा अंतर है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों ने इतना काम किया, उसके बाद भी जहां देश में प्रति व्यक्ति आय 1,34,432 रुपए है. वहीं, राज्य में प्रति व्यक्ति आय 50,732 रुपए ही है.

सीएम नीतीश कुमार ने नीति आयोग की रिपोर्ट आने के बाद कहा था कि नीति आयोग की रिपोर्ट में भी बिहार को सबसे पिछड़ा बता दिया गया है, ऐसे में बिहार जब पिछड़ा है तो इसको आगे लाने के लिए विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए. विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा तो कई तरह की सुविधाएं मिलेगी. केंद्रीय योजनाओं में केंद्र की हिस्सेदारी 90% और राज्य की हिस्सेदारी 10% हो जाएगी. राज्य के हिस्से की राशि बचेगी तो उससे राज्य में और विकास कार्य तेजी से हो सकेंगे.

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