पटना: लोक जनशक्ति पार्टी (Lok Janshakti Party) के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान के दिल्ली के 12 जनपथ का बंगला खाली कराए जाने पर लोजपा रामविलास बीजेपी पर आक्रामक (LJPR aggressive on BJP) दिख रही है. एलजेपीआर प्रवक्ता चंदन सिंह ने कहा कि याद रखा जाना चाहिए गलत तरीके से सही काम नहीं होता है. हमारे संस्थापक पद्म भूषण दिवंगत रामविलास पासवान उस बंगले में कई दशक तक रहे हैं. हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान का बचपन भी वहीं गुजरा है. इस कार्रवाई ने बड़ा सवाल छोड़ दिया है. क्या इतने बड़े कद के व्यक्ति के साथ और उनके परिवार के साथ यह सलूक कहीं से जायज है.
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एलजेपीआर प्रवक्ता ने कहा कि ''अपमानजनक तरीके से घर का सामान 12 जनपथ से निकाला गया है. चिराग पासवान को सामान निकालने के लिए एक हफ्ते का समय भी नहीं दिया गया. वहीं, दूसरी तरफ लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को कई सालों से गैर कानूनी तरीके से कोठी आवंटित की हुई है. यह दोहरा मापदंड है. लोजपा के संस्थापक स्वर्गीय रामविलास पासवान पिछले 32 सालों से इस बंगले में रह रहे थे. वह अपने जिंदगी के अंतिम दौर में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ काम कर रहे थे, ऐसे में उनके परिवार के साथ ऐसा व्यवहार करना कहीं से भी ठीक नहीं है.''
'ऐसा अपमान बर्दाश्त नहीं': हालांकि, चिराग पासवान ने कहा कि नियम संगत यह कार्रवाई की गई है, लेकिन जिस तरीकों को अपनाया गया है. वह बिल्कुल ही सही नहीं है. उन्होंने कहा कि चिराग पासवान ने घर खाली करने के लिए एक हफ्ते का समय मांगा था और अपने लिए घर आवंटित करने के लिए आग्रह किया था, ताकि घर में रखा सालों का सामान निकालकर दूसरे स्थान पर पहुंचाया जा सके, लेकिन केंद्र सरकार ने जिस अपमानजनक तरीके से सामान को निकालकर सड़क पर रखा इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. ना सिर्फ मैं बल्कि वह सभी लोग जिन लोगों ने यह मंजर देखा उसके आंखों में आंसू आ गए. इसकी लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास घोर निंदा करती है.
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