पटना: आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा परिणाम (Protest In Bihar Against RRB NTPC Result) को लेकर परीक्षार्थियों के द्वारा किए गए हंगामे मामले में पटना के लोकप्रिय टीचर खान सर (FIR Against Khan Sir) और पांच अन्य टीचरों के खिलाफ दर्ज किए मुकदमे ने अब राजनीतिक रंग लेना शुरू कर दिया है. जिसमें सबसे पहले राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने गलत बताया था. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी खान सर के खिलाफ मामला दर्ज करने को गलत बताया है. साथ ही अब लोजपा और कांग्रेस प्रवक्ता ने भी एफआईआर को गलत बताया है.
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खान सर समेत अन्य कोचिंग संचालक के खिलाफ हुए एफआईआर मामले को लेकर लोजपा प्रवक्ता चंदन सिंह ने बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि छात्रों की मांग वाजिब है. ऐसे में शिक्षकों द्वारा छात्रों के समर्थन करने पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जा रहा है, जो कि कहीं से भी सही नहीं है.
देशभर में छात्रों ने आंदोलन किया है. यह भी सच्चाई है. इस आंदोलन में हिंसा हुई लेकिन लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है. उन्होंने कहा कि बात को शांतिपूर्ण ढंग से रखना ही चाहिए. लोजपा प्रवक्ता ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार युवाओं को रोजगार तो नहीं देते हैं लेकिन बिहार में पुलिसिया जुल्म के तहत गृह युद्ध छेड़ना चाहते हैं.
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उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार एक अराजकता की स्थिति बनाना चाहते हैं. वह छात्रों पर लाठी डंडे, गोलियों व आंसू गैस के गोले छोड़ते हैं. लेकिन छात्रों के साथ शांतिपूर्ण वार्ता नहीं करते. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) सभी छात्रों के शांतिपूर्ण आंदोलन का समर्थन करती है. युवाओं को रोजगार मिलना ही चाहिए उनका वाजिब हक है.
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि बच्चों को केस में घसीटा जा रहा है. कोचिंग संचालकों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कोचिंग में पढ़ने वाले 1 से 2 प्रतिशत बच्चे होते हैं. जो भी अन्य बच्चे हैं क्या उनके कॉलेज और विश्वविद्यालय के वीसी पर एफआईआर होगा. प्रवक्ता ने कहा कि ये अंधेर नगरी चौपट राजा हैं.
सरकार को समझना होगा कि बच्चों की मांग पर निराकरण करे. उन्होंने कहा कि मैं खान सर को नहीं जानता हूं. मैं तो बस इतना जानता हूं कि देश के सवा करोड़ बच्चे हैं, जो कि किसी न किसी कॉलेज और विश्वविद्यालय से पढ़ें हुए हैं. ये सभी बच्चे पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश से डिग्री लेकर नहीं आए हैं.
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