पटना: कभी बिहार के प्रमुख सरकारी बस स्टैंड में शुमार पालीगंज का बस स्टैंड आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. लगभग 15 साल पहले तक इस स्टैंड से हर आधे घंटे पर एक बस खुलती थी, लेकिन अब केवल यह बस स्टैंड का नाम ही रह गया है. यहां बहुत मुश्किल से एक या दो गाड़ियां ही चलती हैं.
लोगों को हो रही काफी परेशानी
बता दें कि यह बस स्टैंड कूड़े-कचरे, आवारा जानवरों और जुआरियों का अड्डा बना हुआ है. लेकिन न तो स्थानीय प्रशासन का ध्यान इस ओर है और न ही परिवहन विभाग इसकी खबर ले रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि बस स्टैंड बंद होने की वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
'लापरवाही बरत रहा परिवहन विभाग'
ग्रामीण नशीम अनवर बताया कि वह समय था जब पालीगंज सरकारी बस स्टैंड एक पहचान के तौर पर याद किया जाता था. यहां से यात्रियों को प्रदेश के किसी भी जिला या निकटवर्ती दूसरे प्रदेश जाने के लिए बस मिल जाती थी. उन्होंने कहा सरकार, स्थानीय प्रशासन और परिवहन विभाग इस बस स्टैंड को लेकर लापरवाही कर रही है.
15 सालों से बस स्टैंड से बस का परिचालन ठप
ग्रामीण धर्मेंद्र चंद्रवंशी ने बताया कि बीते 15 सालों से इस बस स्टैंड से बस का परिचालन ठप पड़ा हुआ है. उन्होंने बताया कि स्थानीय लोग यहां के जनप्रतिनिधि और सांसद से कई बार शिकायत कर चुके हैं. लेकिन जनप्रतिनिधियों से केवल आश्वासन ही मिलता है. लेकिन धरातल पर इसकी कवायद नहीं दिखती है.